Last Updated:December 31, 2025, 12:28 IST
Indore Bhagirathpura Water Crisis: इंदौर में दूषित पानी पीने से 8 लोगों की मौत हो गई, जबकि 100 से ज्यादा लोगों को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा है. इस मामले में अब जाकर कार्रवाई का दौर शुरू हुआ है. सवाल यह है कि नए साल से ठीक पहले किसकी गलती से यह कहर टूटा है?
Indore Bhagirathpura Water Crisis: इंदौर के भागीरथपुरा में दूषित पानी पीने से 8 लोगों की मौत हो गई, जबकि 1100 अन्य प्रभावित हुए हैं. 100 से ज्यादा लोग अस्पताल में भर्ती हैं. (फाइल फोटो/PTI)Indore Bhagirathpura Water Crisis: इंदौर के सिर पर देश के सबसे स्वच्छ शहर का ताज है. अब इंदौर की इस छवि को तगड़ा झटका लगा है. शहर के लोग पब्लिक हेल्थ से जुड़ी बड़ी ही गंभीर समस्या से जूझ रहे हैं. शहर के भगिरथपुरा इलाके में नगर निगम की पाइपलाइन से सप्लाई किए गए दूषित पानी को पीने से कई लोगों की तबीयत बिगड़ गई. इस घटना में अब तक कम से कम 8 लोगों की मौत होने का दावा किया जा रहा है, जबकि 100 से अधिक लोग बीमार होकर अस्पताल पहुंचे हैं. स्थानीय लोगों के अनुसार, 25 दिसंबर को नल के पानी में अजीब बदबू महसूस की गई. पानी का टेस्ट भी खराब था. इसके बाद बड़ी संख्या में लोगों को उल्टी, दस्त, पेट दर्द और डिहाइड्रेशन की शिकायत होने लगी. कुछ ही दिनों में हालात इतने बिगड़ गए कि कई मरीजों को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा.
दूषित पानी पीने से 8 लोगों की मौत हुई है और 100 से ज्यादा मरीज अस्पताल में इलाज करा रहे हैं. बताया जा रहा है कि 1000 से ज्यादा लोग दूषित पानी पीने से प्रभावित हुए हैं. हालांकि, स्थानीय निवासी और सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि स्थिति सरकारी आंकड़ों से कहीं ज्यादा गंभीर है. इलाके के लोगों का आरोप है कि नाले या सीवेज का गंदा पानी पीने की मुख्य पाइपलाइन में मिल गया, जिससे यह बीमारी फैली और बड़ संख्या में लोग बीमार पड़ गए. नगर निगम के अधिकारियों ने भी माना है कि मुख्य पानी की पाइपलाइन में लीकेज पाया गया है. यह लीकेज एक शौचालय निर्माण स्थल के पास बताया जा रहा है, जहां से गंदा पानी पाइपलाइन में घुस सकता था.
जान जाने के बाद जागे
नगर निगम ने स्थिति को संभालने के लिए मरम्मत कार्य शुरू कर दिया है. साथ ही पानी के नमूने जांच के लिए लैब भेजे गए हैं ताकि यह पता लगाया जा सके कि पानी किस वजह से दूषित हुआ. एहतियात के तौर पर प्रभावित इलाके में वैकल्पिक स्वच्छ पानी की व्यवस्था करने के निर्देश भी दिए गए हैं. इंदौर के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. माधव प्रसाद हसानी ने बताया कि स्वास्थ्यकर्मियों की टीमों ने इलाके में हजारों घरों का सर्वे किया है. जिन लोगों में हल्के लक्षण पाए गए, उन्हें मौके पर ही प्राथमिक उपचार दिया गया, जबकि गंभीर मरीजों को अस्पताल में भर्ती किया गया है. फिलहाल प्रशासन स्थिति पर नजर बनाए हुए है, लेकिन स्थानीय लोगों में डर और नाराजगी दोनों है. लोगों का कहना है कि “स्वच्छ शहर” कहलाने वाले इंदौर में इस तरह की लापरवाही बेहद चिंताजनक है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए.
सीएम के आदेश पर एक्शन, निलंबन और कमेटी गठित
इंदौर के भागीरथपुरा जल संकट पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस घटना को बेहद दुखद बताया है. सीएम मोहन यादव ने क्षेत्र का दायित्व संभालने वाले अधिकारियों पर कार्यवाही के निर्देश दिए हैं. इस संबंध में कलेक्टर शिवम वर्मा ने बताया कि भागीरथपुरा मामले में जोनल अधिकारी शालिग्राम सितोले, सहायक यंत्री योगेश जोशी को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है और प्रभारी उपयंत्री (PHE) शुभम श्रीवास्तव को तत्काल प्रभाव से सेवा से हटा दिया गया है. साथ ही इस पूरे मामले की जांच के लिए तीन सदस्यों की एक समिति गठित की गई है. समिति आईएएस नवजीवन पंवार के निर्देशन में जांच करेगी. समिति में प्रदीप निगम, सुप्रिंटेंडेंट इंजीनियर और मेडिकल कॉलेज के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. शैलेश राय को भी शामिल किया गया है.
(इनपुट: मनोज शर्मा)
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बिहार, उत्तर प्रदेश और दिल्ली से प्रारंभिक के साथ उच्च शिक्षा हासिल की. झांसी से ग्रैजुएशन करने के बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता में PG डिप्लोमा किया. Hindustan Times ग्रुप से प्रोफेशनल कॅरियर की शु...और पढ़ें
Location :
Indore,Madhya Pradesh
First Published :
December 31, 2025, 12:21 IST

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