NATO Budget: अमेरिका की ओर से NATO देशों से उनकी GDP का 5 प्रतिशत हिस्सा रक्षा खर्च पर खर्च करने की मांग की गई थी. अमेरिका का कहना है कि ये देश चीन, रूस और आतंकवाद से जुड़ी समस्या और चुनौतियों का सामना करने के लिए अपना रक्षा बजट बढ़ाएं. वहीं इसको लेकर अब NATO महासचिव का बयान सामने आया है, जिसमें उन्होंने कहा कि ज्यादातर NATO देश अमेरिका की इस मांग को समर्थन दे रहे हैं. वे रक्षा खर्च बढ़ाने के लिए तैयार हैं.
रक्षा पर खर्च बढ़ाएंगे NATO देश
नाटो महासचिव मार्क रुट्टे ने कहा कि ज्यादातर अमेरिकी सहयोगी NATO देशों ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मांग का समर्थन किया है कि वे अपने GDP का 5 प्रतिशत रक्षा जरूरतों पर इन्वेस्ट करें. रुट्टे ने कहा कि वे अगले NATO शिखर सम्मेलन से पहले इस टारगेट को अचीव करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं, हालांकि कई देशों ने अमेरिका की इस मांग पर आपत्ति भी जताई है. कुछ देश इसे पूरा करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं.
ट्रंप की NATO देशों से मांग
बता दें कि रूस के यूक्रेन पर साल 2022 में आक्रमण के बाद से ही कनाडा समेत यूरोप के सहयोगी देश अपनी सेना और हथियारों पर भारी निवेश कर रहे हैं. वहीं कुछ देश अभी भी NATO के 2 प्रतिशत GDP के डिफेंस बजट के लक्ष्य को पूरा करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. ट्रंप का कहना है कि वे चाहते हैं कि अमेरिकी सहयोगी देश इसपर कम से कम 5 प्रतिशत खर्च करें ताकि अमेरिका अन्य सुरक्षा प्राथमिकताओं पर अधिक ध्यान दे सके. बता दें कि ट्रंप और उनके NATO समकक्ष 24-25 जून 2025 को हेग में एक शिखर सम्मेलन में नए टारगेट को मंजूरी दे सकते हैं.
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NATO देशों ने सेट किए टारगेट
अमेरिकी रक्षा सचिव पीट हेगसेथ ने कहा कि ट्रंप ने NATO को बचाया है और यूरोपीय सहयोगियों ने उनकी मांगों को सुना है. हेगसेथ ने कहा कि अगर ट्रंप प्रशासन यूरोप में अमेरिकी सैनिकों की संख्या कम करने का फैसला करता है तो इसके लिए अतिरिक्त खर्च की जरूरत होगी. NATO देशों ने हथियारों और सैन्य उपकरणों की खरीद के लिए टारगेट सेट किए हैं ताकि वे यूरोप, आर्कटिक और उत्तरी अटलांटिक की रक्षा कर सकें. इन लक्ष्यों को 5-10 सालों में हासिल करने की जरूरत पड़ेगी क्योंकि रूस अपने सशस्त्र बलों का निर्माण कर रहा है.