Last Updated:November 26, 2025, 12:57 IST
Online Gamming App Ban Case: केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में बताया कि ऑनलाइन रियल‑मनी गेमिंग सिर्फ टाइमपास नहीं बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है. ये प्लेटफॉर्म टेरर फंडिंग, मनी लॉन्ड्रिंग, क्रिप्टो और हवाला से जुड़े पाए गए. सरकार ने कहा, जरूरत पड़ने पर गोपनीय सबूत सीलबंद लिफाफे में सौंपे जाएंगे. सरकार ने ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों को डिजिटल वाशिंग-मशीन करार दिया. यह याचिका ऑनलाइन गेमिंग कंपनी की तरफ से कोर्ट में लगाई गई है.
सरकार ने अपना रुख साफ किया.नई दिल्ली. चमकती स्क्रीन के पीछे खेल छुपा था, हर क्लिक में कोई और खेल रहा था. केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में खुलकर बताया कि ऑनलाइन रियल‑मनी गेमिंग पर बैन क्यों लगाया गया. सरकार का कहना है कि उनके सख्त रुख की वजह केवल लत या आर्थिक नुकसान नहीं बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा का गंभीर खतरा है. हलफनामे में कहा गया कि अनियंत्रित ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म टेरर फंडिंग, मनी लॉन्ड्रिंग, टैक्स चोरी और हवाला जैसे गहरे अपराधों से जुड़े पाए गए हैं. यह भी खुलासा किया गया कि कई ऑफशोर कंपनियों, संदिग्ध डिजिटल वॉलेट्स और क्रिप्टो चैनलों के जरिए भारी रकम देश से बाहर भेजी गई. सरकार ने कोर्ट को आश्वस्त किया कि आवश्यकता पड़ने पर सीलबंद लिफाफे में गोपनीय सामग्री भी सौंपी जाएगी.
अवैध तरीके से विदेश भेजा जा रहा था पैसा
सरकार के मुताबिक इन गेमिंग ऐप्स का जाल इतना बड़ा है कि STR (Suspicious Transaction Reports), क्रॉस-बॉर्डर वायर ट्रांसफर, और विभिन्न एजेंसियों की रिपोर्ट्स में आपसी लिंक साफ दिखाई देते हैं. जांच से पता चला कि कई गेमिंग प्लेटफॉर्म्स म्यूल अकाउंट्स के जरिए जमा धन को छोटे-छोटे हिस्सों में तोड़कर विदेश भेजते हैं ताकि पैसों की असलियत छिप सके. कई मंत्रालयों और केंद्रीय एजेंसियों ने इस नेटवर्क के आतंक से जुड़े धागों को अपने-अपने स्तर पर चिन्हित किया है.
‘डिजिटल वाशिंग-मशीन बन गए थे’
केंद्र के हलफनामे की सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म अब ड्रग ट्रैफिकिंग, साइबर फ्रॉड, मानव तस्करी और हथियारों की तस्करी की कमाई को क्लीन करने का आसान रास्ता बन गए हैं. अपराधी सिंडिकेट इन ऐप्स का इस्तेमाल एक डिजिटल वॉशिंग-मशीन की तरह करते हैं, जहां काले धन को गेमिंग के लेनदेन में मिलाकर उसका स्रोत मिटा दिया जाता है. सरकार ने कहा कि ये प्लेटफॉर्म्स देश के वित्तीय सिस्टम को कमजोर करने के साथ-साथ युवाओं को भी असुरक्षित बना रहे हैं. अनियंत्रित रियल‑मनी गेमिंग से न सिर्फ परिवार बर्बाद हो रहे हैं, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा में सेंध लगाने की कोशिश भी लगातार बढ़ रही है. ऐसे में केंद्र का स्पष्ट मत है कि यह महज एक मनोरंजन उद्योग नहीं बल्कि एक उभरता साइबर-आर्थिक खतरा है, जिसे रोकना अनिवार्य है.
पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और...और पढ़ें
पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और...
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First Published :
November 26, 2025, 12:50 IST

54 minutes ago
