डोनाल्ड ट्रंप के 'चार्ली' की हत्या के पाकिस्तान में मना 'जश्न', जांच की सुई इस तरफ घूम रही

3 hours ago

Charlie Kirk murder, Tyler Robinson arrested: पाकिस्तान में अमेरिका की एक यूनिवर्सिटी में हुए सनसनीखेज हत्याकांड की खूब थमने का नाम नहीं ले रही है. इस हत्याकांड में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खास समर्थक और राइट विंग एक्टिनविस्ट चार्ली किर्क की गोली मारकर हत्या कर दी गई. हत्या का एक आरोपी गिरफ्तार कर लिया गया है लेकिन ट्रंप के खासमखास की सरेआम हत्या से लोग दहशत में है. सरेआम सैकड़ों लोगों की मौजूदगी में चार्ली किर्क को गोली मारी गई, ये हमला ठीक वैसा था, जैसे US प्रेसिडेंट इलेक्शन में ट्रंप पर किया गया था. हालांकि ट्रंप की जान तो बच गई मगर ट्रंप के करीबी चार्ली हमले में मारे गए. 

जिस चार्ली की हत्या हुई शख्स को गोली मारी गयी. वो ना सिर्फ US प्रेसिडेंट ट्रंप का कट्टर समर्थक था बल्कि बेहद करीबी भी था. पॉलिटिकल एक्टिविस्ट चार्ली किर्क यूटा यूनिवर्सिटी के प्रोग्राम में स्पीच दे रहे थे तभी उन्हें शूट किया गया. हत्याकांड से जुड़ा जो वीडियो दिखा, उसमें साफ नजर आया कि चार्ली किर्क को गर्दन में गोली लगी और उनकी मौके पर ही मौत हो गई.

एसिसनेशन का मास्टरमाइंड कौन?

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वैसे इस वारदात को पॉलिटिकल एसिसनेशन (Political Assassination) कहां जा रहा है, मगर आशंका ये भी जताई जा रही है कि इस मर्डर में उन कट्टरपंथियों का हाथ है जिनके खिलाफ चार्ली किर्क ने पूरे अमेरिका में मोर्चा खोल रखा था. चार्ली किर्क इस्लामिक कट्टरपंथियों के खिलाफ सोशल मीडिया पर आए दिन बयान देते रहते थे. चार्ली दक्षिणपंथी विचारधारा से जुड़े थे. चार्ली को इजरायल समर्थक भी माना जाता था. वो गाजा में इजरायली एक्शन को जायज ठहराते थे.

आशंका जतायी जा रही है कि चार्ली किर्क की यही विचारधारा उनके मौत का सबब बनी. क्योंकि चार्ली के इस्लाम विरोधी चेहरे से मुस्लिम देश भड़के हुए थे खासकर पाकिस्तान, जो इस्लाम के नाम पर किसी भी हद तक जाने का दावा करता है. 

'काफिरों की जगह नहीं'

पाकिस्तानी टीवी चैनलों और सोशल मीडिया पर चार्ली की मौत पर लोग खुशियां मनाते नजर आए. उन्होंने कहा, काफिरों की कोई जगह नहीं. वो काफिर है, हम मुसलमान है, चीन-अमेरिका दोनों काफिर है. दूसरे ने कहा कि अगर चीन और अमेरिका काफिर है तो पाकिस्तान की चीन या फिर अमेरिका के साथ दोस्ती क्यों है. अमेरिका ईसाई देश है तो यहूदी अलग है. हमारी लड़ाई काफिरों से है, जिसने कलमा नहीं पढ़ा और कुफ्र की हालत में मर गया तो उसकी जिंदगी बेकार गई. यहूदी हो, ईसाइ हो, बौद्ध हो, काफिर (हिंदू) शख्स कभी भी जन्नत में दाखिल नहीं हो सकता'.

पढ़ा आपने, कैसे पाकिस्तानी मजहब के नाम पर मरने-मारने की बात कर रहे हैं. मतलब घर में नहीं दाने यानी पाकिस्तान के पास खाने को दाना नहीं है. मुल्क चलाने के लिए कौड़ी नहीं है, मगर मजहब और जिहाद के नाम पर वो चीन-अमेरिका तक को झुकाने का दावा करते हैं. एक तरफ अमेरिका में चार्ली किर्क की मौत के बाद मातम पसरा है. प्रेसिडेंट ट्रंप सदमे में है, वहीं पाकिस्तान जैसे कट्टरपंथी देशों में जश्न का माहौल है. मौका-ए-वारदात से पुलिस ने चार्ली किर्क के हत्यारोपी को गिरफ्तार कर लिया गया, उससे पूछताछ जारी है यानी जल्द ही पता चल जाएगा कि आखिर ट्रंप के चार्ली की हत्या क्यों की गई, इसके पीछे का मकसद क्या था.

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