Last Updated:October 26, 2025, 23:38 IST
अमेरिका पाकिस्तान से रणनीतिक साझेदारी बढ़ा रहा है, पर मार्को रुबियो ने कहा भारत के साथ ऐतिहासिक रिश्ते कमजोर नहीं होंगे. एक्सपर्ट्स के अनुसार भारत का वजन ज्यादा है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप. (फाइल फोटो)आसियान समिट में विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात से चंद घंटे पहले अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कहा, हम पाकिस्तान के साथ साझेदारी बढ़ाने का मौका देख रहे हैं, लेकिन ये भारत के साथ हमारे ऐतिहासिक और महत्वपूर्ण रिश्ते को कमजोर नहीं करेगा. उन्होंने इसे परिपक्व और व्यावहारिक विदेश नीति का हिस्सा बताया. ये बयान ऐसे समय में आया जब राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पाकिस्तान के नेताओं के साथ गलबहियां कर रहे थे. उन्हें महान बताने में जुटे थे. यानी एक ओर तो भारत से दोस्ती और दूसरी ओर पाकिस्तान से प्यार… आखिर अमेरिका पाना क्या चाहता है? एक्सपर्ट कह रहे कि रुबियो का यह बयान बता रहा कि अमेरिका की नजर में भारत पाकिस्तान कहां खड़े हैं? वह पाकिस्तान को पाना तो चाहता है, लेकिन भारत को किसी भी कीमत पर खोना नहीं चाहता.
रुबियो ने साफ कहा, जैसे भारत ऐसे देशों से रिश्ते रखता है जिनसे अमेरिका नहीं रखता, वैसे ही उल्टा भी सही. ये अमेरिकी पॉलिसी का बेस है. उनका इशारा शायद भारत-रूस-चीन दोस्ती की ओर था. अमेरिका की यही नीति है. साउथ एशिया में दोनों देशों को अलग-अलग तरीके से हैंडल करना. पाकिस्तान के साथ रिश्ते अफगानिस्तान, काउंटर-टेरर और मिनरल्स पर फोकस्ड हैं. ट्रंप ने भारत पाकिस्तान सीजफायर के बाद माइनिंग एग्रीमेंट भी किए हैं. लेकिन भारत के साथ रिश्ते गहरे, ऐतिहासिक और महत्वपूर्ण हैं. अमेरिका को चीन को काउंटर करने के लिए भारत चाहिए. QUAD चलाने के लिए भारत चाहिए. इंडो-पैसिफिक के लिए भारत की जरूरत है. लेकिन अमेरिका के लिए अपने हित प्रॉयोरिटी पर हैं और वह वही कर रहा है.
Rubio: “We see an opportunity to expand our strategic relationship with Pakistan.”
Commercial motivations drive WH engagement w/Pak, but across the wider admin, the messaging has gone further. Has even referred to Pak as ally-rare in DC in recent years. https://t.co/VNdRoWE5Si
अमेरिका के लिए ट्रेड इंपॉर्टेंट
विल्सन सेंटर के माइकल कुगलमैन कहते हैं, मार्को रुबियो का यह कहना कि हम पाकिस्तान के साथ रणनीतिक रिश्ते बढ़ाने का मौका देखते हैं, कुछ खास है. व्हाइट हाउस का पाकिस्तान से जुड़ाव व्यावसायिक कारणों से है, लेकिन पूरे प्रशासन में मैसेजिंग आगे तक गई है. यहां तक कि पाकिस्तान को पार्टनर तक कहा गया, जो वॉशिंगटन में हाल के वर्षों में दुर्लभ है. कुगलमैन का मतलब साफ है कि ट्रंप का फोकस कमर्शियल है. पाकिस्तान के मिनरल्स लिथियम, कॉपर पर डील, जो अमेरिकी अर्थव्यवस्था को बूस्ट देंगे. भारत के साथ ऐतिहासिक रिश्ता चीन काउंटर पर मजबूत, लेकिन पाकिस्तान को इग्नोर नहीं कर सकते. अफगानिस्तान में तालिबान कंट्रोल के बाद पाकिस्तान और अहम हो गया है. लेकिन भारत को सतर्क रहना चाहिए. क्योंकि मिलिट्री एड बढ़ सकता है.
The US wants to build an “alliance and a strategic partnership” with Pakistan. It won’t be at the expense of “good relationship” with India.
The vocabulary used in describing ties with the two countries is significant.
बैलेंसिंग एक्ट, लेकिन भारत का वजन ज्यादा
पूर्व विदेश सचिव कंवल सिब्बल ने एक्स पर लिखा, अमेरिका पाकिस्तान के साथ अलायंस और स्ट्रैटजिक पार्टनरशिप बनाना चाहता है. ये भारत के साथ अच्छे रिश्ते को नुकसान नहीं पहुंचाएगा. इन शब्दों के मायने हैं. हमें इससे कुछ निष्कर्ष निकालने चाहिए. यानी पाकिस्तान के लिए स्ट्रैटेजिक रिलेशनशिप, भारत के लिए डीप, हिस्टोरिक एंड इम्पोर्टेंट फ्रेंडशिप. ये अमेरिका की प्राथमिकता दिखाता है. भारत लंबे समय का साथी है जबकि पाकिस्तान कुछ वक्त के लिए. तब तक जब तक कि अफगानिस्तान और आतंक का खेल है. रुबियो के शब्दों का साफ मतलब है कि अमेरिका भारत को पाकिस्तान के बराबर नहीं देखता. पाकिस्तान को एक्सपैंड करने का मौका, लेकिन भारत को नुकसान न पहुंचाने वाली बात डैमेज कंट्रोल ज्यादा लगती है. भारत को चाहिए, रूसी तेल विवाद सुलझाए, लेकिन स्ट्रैटेजिक ऑटोनॉमी रखे. फिलहाल अमेरिका बैलेंसिंग एक्ट में यकीन कर रहा है, लेकिन उसकी नजर में अभी भी भारत का वजन ज्यादा है.
भारत को झुकना नहीं चाहिए
अमेरिकी थिंक टैंक के आमिर सोहेल लिखते हैं, अमेरिका का पाकिस्तान के साथ अलायंस सिर्फ कुछ वक्त के लिए है, जब तक उसे अफगानिस्तान के लिए जियोपॉलिटिक्स में जरूरत है. यह भारत के साथ गहरी, लंबे समय की साझेदारी को ओवरशैडो नहीं कर सकता. अमेरिका को समझना चाहिए कि भारत प्रमुख आर्थिक और रणनीतिक साथी है, जो चीन का मुकाबला और क्षेत्रीय स्थिरता पर फोकस्ड है. पाकिस्तान का अमेरिका से रिश्ता उसके उद्देश्य के लिए टैक्टिकल है. भारत को अपनी रणनीतिक स्वायत्तता जाहिर करनी चाहिए, ये जानते हुए कि अमेरिका का पाकिस्तान से जुड़ाव निकट भविष्य में खत्म नहीं होगा. मतलब साफ है कि भारत को झुकना नहीं चाहिए, लेकिन बात जरूर करनी चाहिए.
Mr. Gyanendra Kumar Mishra is associated with hindi.news18.com. working on home page. He has 20 yrs of rich experience in journalism. He Started his career with Amar Ujala then worked for 'Hindustan Times Group...और पढ़ें
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Location :
Delhi,Delhi,Delhi
First Published :
October 26, 2025, 23:38 IST

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