'ढल गया सूरज हमारा सूना पड़ा आकाश है, अब तो तारों का सहारा ढूंढता प्रकाश है'

2 weeks ago
 प्रसिद्ध तबला वादक स्वर्गीय सूरज कुमार राय के साथ कार्यक्रम की तस्वीर प्रसिद्ध तबला वादक स्वर्गीय सूरज कुमार राय के साथ कार्यक्रम की तस्वीर

हाइलाइट्स

प्रसिद्ध लोक गायिका पद्म भूषण शारदा सिन्हा का है समस्तीपुर से है गहरा नाता. प्रसिद्ध तबला वादक स्वर्गीय सूरज कुमार राय का गांव है हरपुर एलौथ लगुनिया. समस्तीपुर लगुनिया गांव में सूरज राय के साथ घंटों रियाज करती थीं शारदा सिन्हा.

समस्तीपुर. शारदा सिन्हा का जन्म जहां सुपौल जिले में हुआ तो उनकी शादी बेगूसराय जिले में हुई. वहीं, शारदा सिन्हा का समस्तीपुर से काफी गहरा लगाव रहा, क्योंकि समस्तीपुर जिला उनका कर्म क्षेत्र भी रहा. समस्तीपुर में वह रहती थी और वहां उनका अपना घर भी रहा. वह मिथिला विश्वविद्यालय के महिला विद्यालय समस्तीपुर में म्यूजिक की व्याख्याता थीं. हालांकि, इससे इतर भी शारदा सिन्हा का गहरा रिश्ता समस्तीपुर से रहा जो हृदय का नाता था. समस्तीपुर जिला मुख्यालय से लगभग 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हरपुर एलौथ जिसे लोग लगूनिया भी कह कर पुकारते हैं, इस गांव से शारदा सिन्हा के संगीत को लेकर के काफी गहरा रिश्ता रहा. यूं कहें तो इस गांव के हर गली से वह वाकिफ थीं. वह कहती थीं कि लगूनिया के मिट्टी में संगीत रचा और बसा है. दरअसल, हरपुर एलौथ (लगुनिया) गांव में भारत के प्रसिद्ध तबला वादक स्वर्गीय सूरज कुमार राय का घर था और उनके घर पर शारदा सिन्हा घंटों उनके साथ संगीत का रियाज किया करती थीं.

बिहार कोकिला का इस घर से इस तरह का संबंध था कि यहां होने वाले हर आयोजन में वह शामिल हुआ करती थीं. उस आयोजन में स्वर्गीय सूरज कुमार राय के तबला के संगत साथ उनके प्रोग्राम की खास प्रस्तुति हुआ करती थी. हरपुर एलौथ के बड़े बुजुर्ग बताते हैं कि इस गांव में संगीत का ऐसा माहौल बना था कि देश के कई नामी गिरामी कलाकार का प्रोग्राम करीब 15 दिन तक होता रहा था. उस कार्यक्रम में भी शारदा सिन्हा की भव्य प्रस्तुति हुई थी. लोग कहते हैं कि इस गांव में जब शारदा जी आई थीं तो आम महिलाओं के साथ लग्न त्योहार के मौके में पर बैठकर साथ में वह गीत गाती थीं.

शारदा सिन्हा के साथ तबला पर संगत कर रहे स्वर्गीय सूरज कुमार राय के पुत्र राजीव कुमार राय

प्रसिद्ध तबला वादक सूरज कुमार राय के छोटे पुत्र राजीव कुमार राय बताते हैं कि नवोदित कलाकारों को भी उनका सानिध्य यहां खूब मिला. संगीत की बारीकियां भी उनके द्वारा बताई जातीं. जिलेभर के बहुत से ऐसे कलाकार जो आज अपना नाम ऊंचा कर रहे हैं. वह यहां आती थीं और घंटे उनकी उपस्थिति में गाते बजाते थे. राजीव ने आगे बताया कि कई बार उनके साथ उनके पति और बेटी भी यहां आई हुई हैं.

लगुनिया के उस घर की तस्वीर जहां पर घंटों लोकगायिका शारदा सिन्हा करती थीं रियाज.

28 मई 2000 में सूरज कुमार राय का निधन झारखंड के पतलातून मैं एक कार्यक्रम में प्रस्तुति देने के दौरान ही हृदय गति रुकने के कारण मंच पर ही हो गया था. यह खबर भी जब श्रीमती शारदा सिन्हा के पास पहुंचीं तो उन्हें झकझोर कर रख दिया था. इसके बाद जब वह हरपुर एलौथ लगूनिया थी तो श्रद्धांजलि सभा में वह दो लाइन ही बोलीं. वह लाइन थी ‘ढल गया सूरज हमारा सूना पड़ा आकाश है, अब तो तारों का सहारा ढूंढना प्रकाश है. यह लाइन आज भी कानों में गूंजती है. उनके निधन के बाद उनका आना-जाना यहां काम हुआ, लेकिन इस गांव के हर खबर पर वह नजर रखती रहीं. जब भी कोई मिलता तो हाल-चाल जरूर ले लेतीं.

Tags: Bihar News, Patna News Today, Samastipur news

FIRST PUBLISHED :

November 6, 2024, 09:32 IST

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