Last Updated:April 10, 2025, 16:23 IST
आतंकवादी तहव्वुर राणा एनआईए विशेष विमान से भारत ला रही है. दिल्ली आने के बाद उसकी औपचारिक तौर पर गिरफ्तारी होगी और फिर आगे की प्रक्रियाएं शुरू होंगी.

हाइलाइट्स
एनआईए ने तहव्वुर राणा को भारत लाया.राणा को दिल्ली में औपचारिक रूप से गिरफ्तार किया जाएगा.तहव्वुर को भारत में लाने के बाद अब क्या होगा, कैसे चलेगी न्यायिक प्रक्रियाएआईए आतंकवादी तहव्वुर हुसैन राणा को प्रत्यर्पण पर भारत लेकर आ रही है. भारत पहुंचने के बाद उसकी औपचारिक गिरफ्तारी होगी. फिर पूछताछ का सिलसिला चलेगा. जानते हैं कि इस मामले की प्रक्रिया क्या होगी. कब उसका मामला अदालत में सुनवाई के लिए पहुंचेगा. क्या उसको वकील मिलेगा. अगर भारत का कोई वकील उसका केस नहीं लड़ना चाहे तो क्या होगा.
अमेरिका से एनआईए एक विशेष विमान से तहव्वुर राणा को भारत लेकर आई. दोपहर में उसका ये सुरक्षा से लैस विमान दिल्ली के पालम एयरपोर्ट पर उतरा, जिसे देश का सबसे सुरक्षित एयरपोर्ट माना जाता है.
पहले होगी गिरफ्तारी
राणा को दिल्ली पहुंचने पर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा औपचारिक रूप से गिरफ्तार किया जाएगा. अभी वह हिरासत में है.
अदालत में पेशी
गिरफ्तारी के बाद, राणा को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया जाएगा. सुरक्षा कारणों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से वर्चुअल पेशी की संभावना है. यदि यह संभव नहीं होता है, तो उसे विशेष न्यायाधीश के आवास पर शारीरिक रूप से प्रस्तुत किया जा सकता है.
रिमांड कब कैसे
अदालत में पेशी के दौरान, एनआईए राणा की कस्टडी की मांग करेगी, जिससे उन्हें पुलिस हिरासत में रखा जा सके. आगे की जांच की जा सके. जिससे एनआईए फाइनल या अपडेटेड चार्जशीट दाखिल करेगी.
केस की सुनवाई
इसके बाद, मामले की सुनवाई दिल्ली स्थित विशेष एनआईए अदालत में होगी. फरवरी 2024 में, पटियाला हाउस कोर्ट ने मुंबई हमलों से संबंधित ट्रायल रिकॉर्ड दिल्ली स्थानांतरित करने का आदेश दिया था, जिससे यह सुनिश्चित हुआ कि राणा के खिलाफ कार्यवाही दिल्ली में ही चलेगी. उसे तिहाड़ में ही रखा जाएगा. वह अब मुंबई की जेल में नहीं रहेगा.
सुरक्षा व्यवस्था
राणा को तिहाड़ जेल में रखा जाएगा, जहां उनकी सुरक्षा के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं. उसे विशेष कैदी का दर्जा मिलेगा. जिसके चलते उसे एकदम अलग और सुरक्षित सेल में रखा जाएगा.
क्या वकील मिलेगा
हां. अगर तहव्वुर राणा वकील लेना चाहेगा तो उसे इसका अधिकार होगा लेकिन अगर कोई वकील उसका केस लड़ने को तैयार नहीं होता है तो कोर्ट खुद उसे वकील देगी. भारत का संविधान हर आरोपी को कानूनी प्रतिनिधित्व का अधिकार देता है, जैसा कि अनुच्छेद 22(1) में उल्लेख है, जिसमें कहा गया है कि किसी भी व्यक्ति को वकील के बिना हिरासत में नहीं रखा जा सकता.
कौन हैं इस मामले के सरकारी वकील
केंद्र सरकार ने पहले ही इस मामले के लिए नरेंद्र मान को विशेष लोक अभियोजक (Special Public Prosecutor) नियुक्त किया है. यह नियुक्ति 9 अप्रैल, 2025 को केंद्रीय गृह मंत्रालय की अधिसूचना के तहत हुई, जो तीन साल या केस के ट्रायल की समाप्ति तक मान्य है. नरेंद्र मान एनआईए की ओर से तहव्वुर राणा और डेविड हेडली के खिलाफ केस लड़ेंगे.
Location :
Noida,Gautam Buddha Nagar,Uttar Pradesh
First Published :
April 10, 2025, 16:23 IST