Last Updated:June 07, 2025, 09:12 IST

चीन में सबसे ज्यादा ऊंचाई पर पुल बनाए गए हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक दिन पहले ही 6 जून को दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे ब्रिज का उद्घाटन किया. जम्मू-कश्मीर का चिनाब रेल ब्रिज इंजीनियरिंग का बेजोड़ नमूना है. इसकी ऊंचाई 359 मीटर (ट्रैक से नदी तक) है. हालांकि, दुनिया में चीन एक ऐसी जगह है, जहां सबसे ऊंचे ब्रिज बनाए गए हैं. आइए जानते हैं दुनिया के पांच सबसे ऊंचे ब्रिज के बारे में…
बेपानजियांग ब्रिज (Beipanjiang Bridge Duge) – चीन के इस पुल की ऊंचाई: 565 मीटर (1,854 फीट). यह स्थान गुइझोउ और युन्नान प्रांतों के बीच स्थित है. इसका उद्घाटन 2016 में किया गया था. यह पुल एक गहरी घाटी के ऊपर बना है जिसमें बेपान नदी बहती है. यह पुल चीन का सबसे ऊंचा और दुनिया का सबसे ऊँचा रोड ब्रिज है.
सिदु रिवर ब्रिज (Sidu River Bridge) – चीन के इस पुल की ऊंचाई: 496 मीटर (1,627 फीट) है और यह हुबेई प्रांत में स्थित है. इसे दुनिया के लिए 2009 में खोला गया था. यह दुनिया का पहला सस्पेंशन ब्रिज था जिसने इतनी ऊंचाई पर निर्माण का रिकॉर्ड बनाया. यह पुल सिदु नदी की गहरी घाटी के ऊपर फैला हुआ है. निर्माण के समय एक रॉकेट से केबल फेंककर दो पर्वतों को जोड़ा गया था – यह एक अनोखा तरीका था.
पली ब्रिज (Puli Bridge) – चीन के इस पुल की ऊंचाई 485 मीटर (1,591 फीट) और यह गुइझोउ प्रांत में है, जिसका उद्घाटन 2015 में किया गया था. यह भी एक सस्पेंशन ब्रिज है जो एक्सप्रेसवे ट्रैफिक को सुविधा देता है. यह एक अत्यंत संकरी और गहरी घाटी को पार करता है, जिससे ऊँचाई बहुत ज्यादा हो जाती है.
याची नदी ब्रिज (Yachi River Bridge) – चीन के याची नदी ब्रिज की ऊंचाई: 434 मीटर है, जो कि गुइझोउ प्रांत में है और इसका उद्घाटन 2016 में हुआ था. यह पुल 1,400 मीटर से ज्यादा लंबा है और एक स्टील सस्पेंशन ब्रिज है. यह पुल एक प्रमुख एक्सप्रेसवे का हिस्सा है, जिससे ट्रैफिक बहुत ज्यादा होता है.
‘चिनाब रेल ब्रिज’ को इंजीनियरिंग का एक आधुनिक चमत्कार कहा जाए तो गलत नहीं होगा. जम्मू और कश्मीर में स्थित यह दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे ब्रिज है. यह ब्रिज पेरिस के मशहूर एफिल टावर से 35 मीटर ऊंचा है और दिल्ली की मशहूर कुतुब मीनार से लगभग 287 मीटर ऊंचा है. ‘चिनाब रेल ब्रिज’ नदी के तल से 359 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है. 272 किलोमीटर लंबे इस रेल मार्ग में 1315 मीटर का यह ब्रिज उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेलवे लिंक प्रोजेक्ट का हिस्सा है.
इस पुल का निर्माण 1486 करोड़ की लागत से किया गया है. यह 266 किमी प्रति घंटे तक की हवा की गति का सामना कर सकता है. साथ ही यह ब्रिज भूकंपीय क्षेत्र पांच में स्थित है और रिक्टर स्केल पर 8 तीव्रता के भूकंप को सहने में सक्षम है. इसके अलावा, ‘चिनाब रेल ब्रिज’ की वजह से कटरा और श्रीनगर के बीच यात्रा का समय घटकर 3 घंटे और कम हो जाएगा. इसके शुरू होने से घाटी के लोगों के आने-जाने का समय काफी बच पाएगा.
2.08 किलोमीटर लंबा यह ब्रिज कई मायनों में खास है. इसमें 18.3 मीटर के 99 स्पैन और 72.5 मीटर का एक वर्टिकल लिफ्ट स्पैन है. यह पुराने ब्रिज से 3 मीटर ऊंचा है, जिससे बड़े जहाज आसानी से गुजर सकते हैं. इसके ढांचे में 333 पाइल हैं. इसमें एंटी-कोरोजन तकनीक, पॉलीसिलॉक्सेन पेंट, उन्नत स्टेनलेस स्टील और फाइबर रिइंफोर्सड प्लास्टिक का इस्तेमाल किया गया है, जिससे यह लंबे समय तक टिकाऊ रहेगा। इस ब्रिज के निर्माण ने भारत की डिजाइन और सर्टिफिकेशन में तकनीकी श्रेष्ठता को साबित किया है.
राकेश रंजन कुमार को डिजिटल पत्रकारिता में 10 साल से अधिक का अनुभव है. न्यूज़18 के साथ जुड़ने से पहले उन्होंने लाइव हिन्दुस्तान, दैनिक जागरण, ज़ी न्यूज़, जनसत्ता और दैनिक भास्कर में काम किया है. वर्तमान में वह h...और पढ़ें
राकेश रंजन कुमार को डिजिटल पत्रकारिता में 10 साल से अधिक का अनुभव है. न्यूज़18 के साथ जुड़ने से पहले उन्होंने लाइव हिन्दुस्तान, दैनिक जागरण, ज़ी न्यूज़, जनसत्ता और दैनिक भास्कर में काम किया है. वर्तमान में वह h...
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