तेजस्वी ने 9वीं अनुसूची के बहाने उठाया सवाल, JDU ने याद दिलाया पुराना इतिहास

1 month ago
तेजस्वी यादव ने नीतीश सरकार पर सवाल उठाया है.तेजस्वी यादव ने नीतीश सरकार पर सवाल उठाया है.

पटना. बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने तीन मुद्दों पर नीतीश कुमार की मंशा पर सवाल खड़े किये थे, जिसके बाद बिहार की राजनीति गर्मा गई है. दरअसल तेजस्वी यादव में प्रेस वार्ता कर सवाल उठाया था कि जाति आधारित गणना के बाद आरक्षण की सीमा बढ़ाने पर राज्य सरकार की मंशा ठीक नहीं थी. वहीं तेजस्वी ने यह भी कहा था कि प्रदेश में अपराध अनियंत्रित हो गया है. इसके अलावा तेजस्वी यादव ने बिहार को विशेष राज्य की दर्जा देने की जगह पैकेज की बात पर कहा था कि यह सारी योजनाएं उनके कार्यकाल के समय में ही पास की गयी थी.

वहीं तेजस्वी यादव के इन आरोप के बाद बिहार सरकार के वरिष्ठ मंत्री और नीतीश कुमार के बेहद करीबी अशोक चौधरी ने तीनों सवाल का जवाब दिया और तेजस्वी यादव से कुछ ऐसे सवाल भी पूछे है जिसका जवाब तेजस्वी यादव देंगे कि नहीं ये दिलचस्प है. अशोक चौधरी ने सवाल पूछा कि लगातार 15 वर्षों तक  लालू प्रसाद यादव जी की सरकार बिहार में थी लेकिन क्या इन 15 वर्षों में जाति आधारित गणना करने के लिए भारत सरकार पर दबाव बनाने का काम या फिर सर्वदलीय बैठक करने का काम लालू जी की सरकार ने किया?

अशोक चौधरी ने तेजस्वी यादव से सवाल पूछने के साथ-साथ कहा कि सीएम नीतीश कुमार के नेतृत्व में दो-दो बार प्रधानमंत्री जी के साथ सर्वदलीय बैठक हुयी. तेजस्वी यादव को यह भी बताना चाहिए कि जाति आधारित गणना नीतीश जी का ब्रेन-चाइल्ड है जिसको ज्ञानी जैल सिंह जी ने उनके मन में अंकुरित किया. माननीय नेता की सोच है कि जाति आधारित गणना लोगों के कल्याण के लिए है और इसीलिए उन्होंने जाति आधारित गणना करवायी ताकि सरकार इस बात का निर्णय ले सके कि भविष्य में किन-किन योजनाओं के निर्माण से लोगों के हित में कार्य किया जा सके.

अशोक चौधरी ने चुटकी लेते हुए कहा कि तेजस्वी जी के मानस पटल से शायद ये बात निकल गयी है कि 2005 में सीएम नीतीश कुमार के सत्ता में आने के बाद सर्वप्रथम कल्याण विभाग को दो भागों में बांटा गया. राज्य सरकार ने सबसे पहले वर्ष 2007 में पिछड़ा एवं अतिपिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग का नोडल विभाग के रूप में गठन किया. साथ ही वर्ष 2007 में ही अनुसूचित जाति और अनुसूचित जन जाति कल्याण विभाग का गठन किया था.

वहीं अशोक चौधरी ने पलटवार करते हुए कहा कि जो लोग कभी भी अनुसूचित जाति और जनजाति के हितैषी नहीं रहे, पंचायती राज व्यवस्था जो अनुसूचित जाति और जनजाति के संवैधानिक अधिकार थे, अपने 15 साल के शासन काल में जिन्होंने उन्हें वो संवैधानिक अधिकार देने का काम भी नहीं किया वो आज अनुसूचित जाति और जनजाति के हितों की रक्षा करने की बात कर रहे हैं. अशोक चौधरी ने तेजस्वी द्वारा राज्य में निरंकुश अपराध के विषय पर उठाये गए सवाल पर कहा कि राजद के 15 वर्षों के कार्यकाल में आतंक चरम पर रहा.  जातीय उन्माद जिसके कारण 118 नरसंहारों से पूरा मध्य बिहार लहूलुहान था.

उन्होंने कहा कि उन 15 वर्षों के कार्यकाल में अपराधियों को जिस प्रकार राजनैतिक संरक्षण दिया जाता था क्या आज बिहार में ऐसे कोई सरकार द्वारा संरक्षित अपराधी को पनाह दिया जाता है. बिहार में आज क़ानून का राज है जिसे जनता भी पसंद करती है . अशोक चौधरी ने ये सवाल उठाते हुए भी हमला बोला की जिस समय लालू प्रसाद जी की केंद्र में अति महत्वपूर्ण भूमिका थी. यहां तक कि देश के प्रधानमंत्री तय करने में भी उनका महत्वपूर्ण योगदान था. उस समय क्या बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिला या इसके लिए कोई गंभीर प्रस्ताव भारत सरकार के समक्ष रखा गया।  यहाँ तक कि कोई आर्थिक पैकेज भी न मिला और न ही लालू -राबड़ी जी की  सरकार ने इसके मांग की ज़रुरत समझी।

Tags: Bihar News, Nitish kumar, PATNA NEWS, Tejashwi Yadav

FIRST PUBLISHED :

August 4, 2024, 10:45 IST

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