Last Updated:August 12, 2025, 07:54 IST
कर्नाटक के टुमकुरु जिले में 47 वर्षीय महिला लक्ष्मीदेवम्मा की गला घोंटकर हत्या कर शव के 19 टुकड़े कर दिए गए. पुलिस ने कुत्ते के मुंह में मिला इंसानी हाथ और फर्जी नंबर प्लेट वाली SUV से सुराग पाकर डेंटिस्ट दामाद...और पढ़ें

Karnataka: कर्नाटक में 7 अगस्त को पुलिस को एक हैरान कर देने वाली कॉल आई. फोन करने वाले ने बताया कि एक आवारा कुत्ता अपने मुंह में इंसानी हाथ दबाकर घूम रहा है. यह खबर मिलते ही पुलिस समझ गई कि मामला साधारण नहीं, बल्कि एक खौफनाक हत्या का है.
19 जगहों से मिली लाश के टुकड़े, सिर गायब
पुलिस तुरंत टुमकुरु जिले के कोरतागेरे तालुक के चिम्पुगनहल्ली गांव (बेंगलुरु से करीब 110 किलोमीटर दूर) पहुंची और इलाके में तलाशी शुरू की. करीब 5 किलोमीटर के दायरे में खोजबीन के बाद, 19 अलग-अलग स्थानों से महिला के शरीर के टुकड़े बरामद हुए, लेकिन सिर कहीं नहीं मिला.
पहचान करना हुआ मुश्किल
लाश की पहचान करना पुलिस के लिए सबसे बड़ा चैलेंज था. न तो इलाके में सीसीटीवी थे, न कोई चश्मदीद. फॉरेंसिक जांच से पुष्टि हुई कि यह एक महिला का शव है. हाथ-पैर पर अब भी जेवर थे, जिससे पुलिस ने अंदाजा लगाया कि हत्या लूट के इरादे से नहीं हुई.
लापता महिलाओं की सूची से मिला सुराग
पुलिस ने टुमकुरु जिले में गुमशुदा महिलाओं की सूची खंगाली. इसमें 47 वर्षीय बी. लक्ष्मीदेवी उर्फ लक्ष्मीदेवम्मा का नाम सामने आया. वह बेल्लावे गांव की गृहिणी थीं और उनके पति बसवराज (कारपेंटर) ने उनकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी. वह आखिरी बार 3 अगस्त को अपनी बेटी तेजस्वी के घर (हनुमंतपुरा) से निकलते हुए देखी गई थीं.
दो दिन बाद, पुलिस को कोरतागेरे के एक सुनसान इलाके में महिला का सिर मिल गया. पति बसवराज ने पुष्टि की कि यह उनकी पत्नी का है. पुलिस को यकीन हो गया कि यह एक योजनाबद्ध और ठंडे दिमाग से की गई हत्या है और कातिल पीड़िता का परिचित ही है.
फर्जी नंबर प्लेट वाली SUV ने बढ़ाया शक
एसपी अशोक केवी ने कई टीमें बनाई. एक टीम को पता चला कि 3 अगस्त की दोपहर एक सफेद SUV हनुमंतपुरा से कोरतागेरे की ओर गई थी. गाड़ी पर आगे-पीछे अलग-अलग नंबर प्लेट थे और दोनों ही फर्जी थे. साथ ही, SUV के बोनट में की गई अजीब-सी मॉडिफिकेशन ने पुलिस को इसे पहले के फुटेज से जोड़ने में मदद की.
असल नंबर का पता लगाने पर पुलिस को मालूम हुआ कि गाड़ी का मालिक उर्दीगेरे गांव का किसान सतीश है. लेकिन सवाल यह था कि सतीश फर्जी नंबर प्लेट लगाकर उसी इलाके से क्यों गुजरा, जहां बाद में लाश के टुकड़े मिले?
फोन बंद और गवाही से खुला राज
सतीश के मोबाइल रिकॉर्ड से पता चला कि 3 अगस्त को दोपहर में, जिस वक्त लक्ष्मीदेवम्मा लापता हुईं, उसका फोन बंद था. अगले दिन भी फोन बंद रहा. कुछ स्थानीय लोगों ने बताया कि 3 और 4 अगस्त को यह SUV सतीश की ज़मीन पर खड़ी थी.
पुलिस ने उसे पूछताछ के लिए बुलाया, लेकिन वह चिकमंगलूरु में था. टीम ने उसे और उसके साथी किरण को होरानाडु मंदिर में पकड़ लिया. दोनों ने शुरू में खुद को बेगुनाह बताया, लेकिन पुलिस उन्हें टुमकुरु ले आई.
डेंटिस्ट पति का नाम आया सामने
इसके बाद, SUV की खरीद-बिक्री की जांच में बड़ा खुलासा हुआ. यह गाड़ी 6 महीने पहले टुमकुरु के डेंटिस्ट डॉ. रामचंद्रैया ने खरीदी थी, लेकिन इसे सतीश के नाम पर रजिस्टर कराया था. जांच में सामने आया कि डॉ. रामचंद्रैया, पीड़िता लक्ष्मीदेवम्मा की बेटी तेजस्वी के पति हैं. यह उनकी दूसरी शादी थी और पत्नी उनसे 20 साल छोटी थी. उनके बीच एक 3 साल का बच्चा भी है.
पुलिस ने 11 अगस्त को डॉ. रामचंद्रैया को थाने बुलाया और उन्हें सतीश व किरण के आमने-सामने बैठाकर सवालों की बौछार कर दी. दबाव में सतीश ने सारा सच उगल दिया और बाकी दोनों ने भी कबूल कर लिया.
हत्या का कारण और खौफनाक प्लान
पुलिस के मुताबिक, डॉ. रामचंद्रैया को शक था कि सास (लक्ष्मीदेवम्मा) उनकी शादी में दखल दे रही हैं और अपनी बेटी को देह व्यापार के लिए उकसा रही हैं. यह बात उन्हें नागवार गुजरी. वह डरते थे कि सास उनकी फैमिली को तोड़ देंगी.
6 महीने पहले ही उन्होंने हत्या की योजना बनाई. उन्होंने सफेद SUV सतीश के नाम पर खरीदी ताकि पकड़े न जाएं. सतीश और किरण को 4-4 लाख रुपये देने का लालच दिया और 50-50 हजार एडवांस दे दिया.
हत्या और शव के टुकड़े करने की कहानी
3 अगस्त को, जैसे ही लक्ष्मीदेवम्मा बेटी के घर से निकलीं, डॉ. रामचंद्रैया ने उन्हें बेल्लावे छोड़ने का बहाना किया. SUV में पहले से सतीश और किरण छिपे थे. गाड़ी में बैठते ही उन्होंने गला दबाकर महिला की हत्या कर दी.
इसके बाद वे शव को सतीश के खेत (कोलाला) ले गए और गाड़ी की डिक्की में रखकर वहीं सो गए. अगले दिन, उन्होंने तेज धार वाले औज़ार से शव के टुकड़े-टुकड़े किए. डॉ. रामचंद्रैया ने बेहद सटीक तरीके से जोड़ों से हाथ-पांव और सिर अलग किया, जैसे कोई प्रोफेशनल कर रहा हो. इसके बाद उन्होंने 19 अलग-अलग सुनसान जगहों पर शव के हिस्से फेंक दिए, ताकि पहचान और सुराग मिट जाएं.
पूरे राज्य में फैली सनसनी
पुलिस ने तीनों – डॉ. रामचंद्रैया, सतीश और किरण को गिरफ्तार कर लिया है. यह मामला पूरे कर्नाटक में सनसनी फैला चुका है.
First Published :
August 12, 2025, 07:54 IST