Last Updated:December 11, 2025, 18:56 IST
बेंगलुरु पुलिस ने सड़क किनारे टेंट लगाकर खुद को 'गुरुजी' बताने वाले एक अंतरराज्यीय ठग गिरोह का पर्दाफाश किया है, जिसने आयुर्वेदिक इलाज के नाम पर एक दूल्हा से 48 लाख रुपये की धोखाधड़ी की. पुलिस ने गिरफ्तार गुरु और चेले के पास 19.50 लाख रुपये नकद, 17 तरह की दवाएं और एक टेंपो ट्रेवलर जब्त किया है. यह गिरोह कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना सहित पूरे देश में घूम-घूमकर बीमार और परेशान लोगों को निशाना बनाता है.
कर्नाटक का दूल्हा ने लूटा दिया 48 करोड़बेंगलुरु के एक शख्स की नई-नई शादी हुई थी. लेकिन शादी के बाद से ही दूल्हा-दुल्हन उदास रहने लगीं. कुछ दिनों के बाद दुल्हन घर चली गईं. लेकिन दूल्हा सेक्सुअल हेल्थ की समस्या से परेशान रहने लगा. वह शख्स चाहता था कि उसकी सेक्सुअल हेल्थ सही हो जाए. लेकिन संकोच और लोक-लाज्जा में वह किसी को बोल नहीं पाता था. एक दिन उसकी नजर शहर के कॉलेज के पास लगी टेंट पर पड़ी तो उसकी गाड़ी रुक गई.
वह शख्स टेंट के बाहर खड़े एक शख्स से शर्माते हुए कहा कि वैद्य जी किस-किस चीज का इलाज करते हैं? वैद्य जी का शिष्य बड़ा चालाक निकला और छूटते ही कहा कि गुरुजी के पास हर बीमारी का इलाजा है. गुरु जी बेहद प्रीमियम आयुर्वेदिक दवाएं देते हैं. आपकी हर परेशानी का इलाज हो जाएगा.
दूल्हा-दुल्हन के जीवन में आया यह तूफान
चेले के झांसे में आकर शख्स टेंट के अंदर चला गया. इसके बाद जो हुआ, उससे टेंट वाले इस गुरु जी को सलाखों के पीछे पहुंचा जरूर दिया. लेकिन तब तक शख्स ने अपनी गाढ़ी कमाई का 48 लाख रुपये लूटा दिया. यह कहानी देशभर में टेंट लगाकर आयुर्वेद और प्राकृतिक तरीके से इलाज करने वाले वैद्य जी की कलई खोलता है. एक दूल्हा की सनक कहें या फिर उसकी बीमारी, जिसमें वह कंगाल हो गया.
दूल्हा पहुंच गया सड़क किनारे टेंट में
देश ही नहीं पूरे देश में घूम-धूमकर सड़क किनारे टेंट लगाकर लोगों को झूठे आयुर्वेदिक इलाज का भरोसा देकर ठगने वालों की एक नटवर्क तैयार हो रही है. ऐसा ही एक अंतरराज्यीय गिरोह का बेंगलुरु पुलिस ने पर्दाफाश किया है, जो राज्य के अलग-अलग शहरों में टेंट लगाकर लोगों के साथ धोखाधड़ी करते थे. खासकर मर्दाना औऱ सेक्सुअल हेल्थ से ग्रसित लोगों को निशाना बनाते थे. युवा इन वैद्य जी और गुरु जी के चक्कर में आकर लाखों रुपये लूटा देते हैं.
‘गुरुजी’ का इलाज का पूरा पैटर्न समझ गया
बेंगलुरु पुलिस ने इस मामले में गिरोह के दो मुख्य आरोपियों विजय प्रधान चितोदिया और मनोज सिंह चितोदिया को गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस की जांच में सामने आया कि यह गिरोह एक सुनिश्चित पैटर्न पर काम करता था. वे राष्ट्रीय राजमार्गों या शहर के बाहरी इलाकों में सफेद कपड़े पहने और गुरुजी की एक्टिंग करते हुए टेंट लगाते थे. उनका निशाना खासतौर पर बीमार, परेशान या कमजोर वित्तीय स्थिति वाले या कम उम्र के शादीशुदा लोग होते थे, जिन्हें पारंपरिक दवाओं पर भरोसा होता है.
छह महीने में लूटा दिए लाखों रुपये
वे किसी भी बीमारी के इलाज का झूठा दावा करते थे और फिर पीड़ितों को भारी-भरकम कीमत पर अपनी ‘आयुर्वेदिक’ दवाएं बेचते थे, जो असल में निचली गुणवत्ता की होती थीं. बेंगलुरु से गिरफ्तार किए गए दोनों आरोपी महाराष्ट्र के सांगली जिले के मिराज तालुक के रहने वाले हैं.
कर्नाटक पुलिस ने किया बड़ा खुलासा
पुलिस के अनुसार, पूछताछ में आरोपी विजय प्रधान चितोदिया ने कबूल किया कि उनका यह ‘ट्रेवलिंग क्लिनिक’ गिरोह काफी समय से कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना समेत कई राज्यों में घूम-घूमकर लूट कर रहा था.
दोनों ठग महाराष्ट्र का निकला
पहला आरोपी विजय प्रधान चितोदिया को गिरफ्तार करने के बाद उसके साथी मनोज सिंह चितोदिया को 1 दिसंबर को साइबराबाद से दबोचा गया. पुलिस ने उनके कब्जे से कुल 19.50 लाख रुपये नकद बरामद किए. इसके अलावा, 23.50 लाख रुपये कीमत की 17 तरह की आयुर्वेदिक दवाएं, जिनकी गुणवत्ता की जांच होनी बाकी है.
इसके साथ ही अपराध में इस्तेमाल किया गया एक टेंपो ट्रेवलर भी जब्त किया गया है. पुलिस अब इन दवाओं के निर्माण स्रोत और अन्य राज्यों में इस गिरोह द्वारा की गई ठगी के मामलों की जांच कर रही है. इस खुलासे ने उन लोगों को चौंका दिया है, जो सड़क किनारे के ऐसे क्लिनिकों पर विश्वास करके अपनी गाढ़ी कमाई गंवा रहे थे.
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रविशंकर सिंहचीफ रिपोर्टर
भारतीय विद्या भवन से पत्रकारिता की पढ़ाई करने वाले रविशंकर सिंह सहारा समय न्यूज चैनल, तहलका, पी-7 और लाइव इंडिया न्यूज चैनल के अलावा फर्स्टपोस्ट हिंदी डिजिटल साइट में भी काम कर चुके हैं. राजनीतिक खबरों के अलावा...और पढ़ें
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Bengaluru,Bengaluru,Karnataka
First Published :
December 11, 2025, 18:56 IST

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