नई दिल्ली. दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को दिल्ली सरकार की विफलता और सीएम के जाने के बाद से कोई स्टैंडिग कमेटी न होने पर फटकार लगाई है. कोर्ट ने सरकारी स्कूलों के दो लाख बच्चों को पाठ्यपुस्तकें मुहैया करवाने में नाकाम रहने में दिल्ली सरकार और एमसीडी (MCD) को कड़ी फटकार लगाई. कोर्ट ने फटकार लगाते हुए कहा कि शहरी विकास मंत्री सौरभ भारद्वाज ने भी छात्रों की समस्याओं पर आंखें मूंदे हुए है और घड़ियाली आंसू दिखा रहे हैं. एक पीआईएल में कहा गया है कि एमसीडी (MCD) स्कूलों की बुरी स्थिति है, बच्चों को किताबे तक नहीं मिल रही हैं.
दिल्ली हाईकोर्ट के एक्टिंग चीफ जस्टिस मनमोहन ने फटकार लगाते हुए कि दिल्ली सरकार को सिर्फ सत्ता में बने रहने की दिलचस्पी है. कोर्ट ने केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद भी इस्तीफा न देने पर टिप्पणी की है. कोर्ट ने कहा कि उन्होंने खुद के हित को देश हित के ऊपर रख लिया है. कोर्ट ने इस मामले में आदेश सुरक्षित रख लिया, जो सोमवार को आ सकता है.
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स्टैंडिंग कमेटी नहीं है
हाईकोर्ट ने कहा कि सौरभ भारद्वाज का नाम भी ऑर्डर में शामिल करेंगे. सरकार के वकील फरासत ने कहा कि MCD में इस समय स्टैंडिंग कमेटी नहीं है, जिस कारण दिक्कतें हो रही हैं. एमसीडी के पास स्थायी समिति न होने का कारण यह है कि एलजी ने अवैध रूप से एल्डरमैन नियुक्त किए हैं. और यह मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है.
आपको कितनी सत्ता चाहिए?
सरकार के वकील ने कोर्ट में यह भी कहा कि दिल्ली सरकार के पास वैसे भी बहुत अधिक शक्ति नहीं है. तब कोर्ट ने कहा कि आपको सिर्फ सत्ता में दिलचस्पी है. मुझे नहीं पता कि आपको कितनी सत्ता चाहिए? अदालत का किताबें,और ड्रेस वितरण का काम नहीं है. हम ऐसा इसलिए कर रहे हैं, क्योंकि कोई व्यक्ति अपने काम में विफल हो रहा है.
जेल से सरकार चलाएंगे
दिल्ली सरकार ने सफाई दिया कि मुख्यमंत्री हिरासत में हैं और उनकी मंज़ूरी के बिना एमसीडी (MCD) सदन को अधिक वित्तीय अधिकार नहीं दिया जा सकता है. कोर्ट ने कहा कि आप ही लोगों ने कहा था कि मुख्यमंत्री के हिरासत में रहते हुए भी सरकार चलाई जाएंगी. कोर्ट के सामने उससे संबंधित कुछ याचिकाएं आईं थीं, कोर्ट ने टिप्पणी भी की थी, पर उसके बावजूद ये आपका प्रशासनिक फ़ैसला था कि जेल से सरकार चलाएंगे.
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FIRST PUBLISHED :
April 26, 2024, 20:23 IST