Last Updated:March 17, 2025, 14:59 IST
Nitish Katara murder case: नीतीश कटारा हत्या मामले में दोषी सुखदेव पहलवान की रिहाई की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को अवमानना नोटिस जारी किया है. कोर्ट ने 28 मार्च को चीफ सेकेट्री को पेश होने का आदेश...और पढ़ें

नीतिश कटारा केस काफी चर्चा में रहा था. (File Photo)
नई दिल्ली. नीतीश कटारा हत्या मामले में दोषी सुखदेव पहलवान की ओर से रिहाई की मांग से जुड़ी याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में आज गृह विभाग के प्रिंसिपल सेकेट्री और दिल्ली सरकार को अवमानना नोटिस जारी किया है. सुप्रीम कोर्ट 28 मार्च को चीफ सेकेट्री को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के मार्फत पेश होने का आदेश दिया है. पिछली सुनवाई में कोर्ट ने दिल्ली सरकार से पूछा था कि सुखदेव पहलवान की 20 साल की सजा 10 मार्च को पूरी हो रही है. ऐसे में वो जेल में कैसे रहेगा.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आखिरकार यह मुद्दा व्यक्ति की स्वतंत्रता से जुड़ा हुआ है. सर्वोच्च अदालत के निर्देश का अनुपालन नहीं होने पर यह अवमानना नोटिस जारी किया गया है. सुखदेव पहलवान की ओर से पेश वकील ने कहा कि 20 साल की सजा पूरी हो गई है, लिहाजा उसे जेल से छोड़ा जाए. 3 अक्टूबर 2016 को सुप्रीम कोर्ट ने विकास यादव और विशाल यादव की सजा घटाकर 24 साल कर दी थी, जबकि सुखदेव पहलवान की सजा घटाकर 20 साल कर दी थी.
क्या था मामला?
17 फरवरी 2002 को दिल्ली में एक शादी समारोह से नीतीश कटारा का अपहरण करके उनकी हत्या कर दी गई थी. नीतीश, बाहुबली नेता डीपी यादव की बेटी भारती यादव से प्यार करते थे. भारती के भाई विकास यादव ने अपने चचेरे भाई विशाल यादव और सुखदेव पहलवान के साथ मिलकर नीतीश की हत्या कर दी थी. उस समय भारती गाजियाबाद के एक मैनेजमेंट इंस्टिट्यूट में पढ़ाई कर रही थीं. वहीं पर उनकी मुलाकात नीतीश से हुई और दोनों को प्यार हो गया. वे शादी करना चाहते थे लेकिन डीपी यादव के बेटे विकास को यह रिश्ता मंजूर नहीं था. इसलिए उसने नीतीश की हत्या कर दी. इस हत्याकांड में नीतीश को न्याय दिलाने के लिए उनकी माँ नीलम कटारा ने लंबी लड़ाई लड़ी. उन्हें धमकियाँ मिलीं, उन पर हमले भी हुए लेकिन वे डटी रहीं और आखिरकार उन्हें जीत मिली. वे अपने बेटे के हत्यारों को सजा दिलाने में कामयाब रहीं.
First Published :
March 17, 2025, 14:56 IST