नीतीश की CM कुर्सी पर वापसी? पढ़िए सत्ता के लंबे खिलाड़ियों की कहानी

2 hours ago

Last Updated:November 15, 2025, 21:13 IST

Longest Serving CM in India: बिहार चुनाव 2025 के बाद नीतीश कुमार अपने 10वें कार्यकाल के लिए तैयार हैं. वे पहले ही बिहार के सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रह चुके हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि भारत में और कौन नेता सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहा? पवन चामलिंग, नवीन पटनायक, ज्योति बसु और दूसरे दिग्गजों की इस पूरे विश्लेषण में विस्तृत सूची शामिल है.

भारत की राजनीति में मुख्यमंत्री पद केवल एक जिम्मेदारी नहीं, बल्कि निरंतर नेतृत्व, जनता का भरोसा और प्रशासनिक कौशल की परीक्षा है. देश के कई राज्यों में ऐसे नेता हुए जिन्होंने दशकों तक सत्ता संभाली और अपने-अपने प्रदेशों की दिशा बदल दी. इसी पृष्ठभूमि में नीतीश कुमार के 10वें कार्यकाल की चर्चा ने एक बार फिर ध्यान खींचा है कि कौन से नेता भारत के सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहे. नीचे देश के ऐसे 10 दिग्गज नेताओं की सूची दी जा रही है, जिन्होंने अपने राज्यों में लंबे समय तक सत्ता संभालकर इतिहास रचा.

पवन कुमार चामलिंग – सिक्किम (24 साल): पवन कुमार चामलिंग भारतीय राजनीति में सबसे लंबे समय तक पद पर रहने वाले मुख्यमंत्री हैं. उन्होंने 12 दिसंबर 1994 से लेकर 26 मई 2019 तक लगातार सिक्किम की कमान संभाली, यानी लगभग 25 साल. इस दौरान उनकी पार्टी ने पांच बार लगातार सत्ता पाई और चामलिंग ने विकास, स्थिरता और शांति का ऐसा मॉडल दिया जिसने उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर एक अलग पहचान दिलाई. उनकी नेतृत्व शैली को अक्सर “लगातार जनसमर्थन की मिसाल” कहा जाता है.

नवीन पटनायक – ओडिशा (24 साल): नवीन पटनायक 5 मार्च 2000 से लेकर 12 जून 2024 तक ओडिशा के मुख्यमंत्री रहे. इन 24 सालों में उन्होंने राज्य की राजनीति और शासन व्यवस्था को पूरी तरह बदल दिया. शांत, सादगीपूर्ण और प्रशासनिक रूप से कड़े फैसलों के लिए वे जाने जाते हैं. 2024 के चुनाव में भाजपा की जीत के बाद उनका कार्यकाल समाप्त हुआ. लेकिन वे अभी भी भारत के सबसे लोकप्रिय और लंबे समय तक सत्ता में रहे नेताओं में शामिल हैं.

ज्योति बसु – पश्चिम बंगाल (23 साल):ज्योति बसु भारत के सबसे सम्मानित वामपंथी नेताओं में से एक थे. उन्होंने 21 जून 1977 से 5 नवंबर 2000 तक पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री के रूप में 23 सालों से अधिक का कार्यकाल पूरा किया. उनकी पहचान एक ऐसे नेता की रही जिन्होंने राजनीतिक स्थिरता और पार्टी विचारधारा, दोनों को संतुलन में रखा. वे भारत के प्रधानमंत्री पद के लिए भी प्रस्तावित हुए थे, जिसे उन्होंने स्वयं ठुकरा दिया था.

गेगोंग अपांग – अरुणाचल प्रदेश (22 साल): गेगोंग अपांग अरुणाचल प्रदेश की राजनीति का सबसे बड़ा चेहरा रहे. उन्होंने दो अलग-अलग कार्यकालों में लगभग 23 वर्ष तक सत्ता संभाली. पहला 1980 से 1999 और दूसरा 2003 से 2007. अपांग ने राज्य की प्रशासनिक संरचना और विकास प्रक्रिया को मजबूत बनाने में अहम भूमिका निभाई. अलग-अलग परिस्थितियों में सत्ता में वापसी करने की उनकी क्षमता उन्हें एक अलग स्तर के नेता के रूप में स्थापित करती है.

ललथनहवला – मिजोरम (22 साल): ललथनहवला मिजोरम के तीन कार्यकालों में कुल 22 साल तक मुख्यमंत्री रहे. 1984–1986, 1989–1998 और 2008–2018 के बीच उन्होंने राज्य में सड़क, स्वास्थ्य और शिक्षा व्यवस्था में व्यापक सुधार किए. मिजोरम को एक स्थिर और उभरते हुए राज्य के रूप में पहचान दिलाने में उनकी बड़ी भूमिका मानी जाती है. उनका राजनीतिक सफर निरंतर संघर्ष, जीत और वापसी का प्रतीक रहा है.

वीरभद्र सिंह – हिमाचल प्रदेश (21 साल): वीरभद्र सिंह हिमाचल प्रदेश के सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहे. 1983–1990, 1993–1998, 2003–2007 और 2012–2017 के बीच अलग-अलग कार्यकालों में उन्होंने लगभग 21 सालों तक शासन किया. वे एक अनुभवी, जनप्रिय और जमीनी नेता थे, जिन्होंने पहाड़ी राज्यों की जरूरतों को समझते हुए विकास के कई मॉडल बनाए. उनके कार्यकाल को राज्य के “स्वर्णिम दौर” में से एक माना जाता है.

माणिक सरकार – त्रिपुरा (19 साल): माणिक सरकार को भारत के सबसे सादगीपूर्ण और ईमानदार मुख्यमंत्रियों में गिना जाता है. उन्होंने 11 मार्च 1998 से 9 मार्च 2018 तक लगातार 19 साल त्रिपुरा की बागडोर संभाली. वे समाजवादी विचारधारा और अनुशासन के प्रतीक माने जाते हैं. उनके दौर में त्रिपुरा ने स्वास्थ्य, शिक्षा और शांति व्यवस्था में महत्वपूर्ण प्रगति दर्ज की.

नीतीश कुमार – बिहार (19 साल): नीतीश कुमार बिहार की राजनीति के सबसे महत्वपूर्ण और स्थिर नेताओं में से एक हैं. उन्होंने पहली बार 2000 में सिर्फ सात दिनों के लिए मुख्यमंत्री पद संभाला, लेकिन 2005 के बाद उनकी राजनीतिक मजबूती बढ़ती गई. 2015 से लेकर वर्तमान समय तक उनका कार्यकाल जारी है. अब वे अपने 10वें कार्यकाल की ओर बढ़ रहे हैं और कुल मिलाकर 19 साल से अधिक की अवधि तक बिहार की कमान संभाल चुके हैं.

एम करुणानिधि – तमिलनाडु (18 साल): करुणानिधि, जिन्हें लोग प्यार से “कलाईनार” कहते हैं, तमिल राजनीति के सबसे प्रभावशाली नेता रहे. 1969–1976, 1989–1991, 1996–2001 और 2006–2011 के बीच उन्होंने कुल 18 साल मुख्यमंत्री रहते हुए तमिलनाडु को एक सांस्कृतिक, आर्थिक और राजनीतिक शक्ति केंद्र में बदलने में बड़ी भूमिका निभाई. द्रविड़ आंदोलन की आत्मा माने जाने वाले करुणानिधि का योगदान हमेशा याद किया जाता है.

प्रकाश सिंह बादल – पंजाब (18 साल): प्रकाश सिंह बादल पंजाब की राजनीति के सबसे बड़े नेताओं में शामिल रहे. 1970–1971, 1977–1980, 1997–2002 और 2007–2017 के बीच उन्होंने कुल 18 वर्षों तक राज्य का नेतृत्व किया. वे देश के सबसे युवा मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं. बादल का कार्यकाल पंजाब की कृषि, ग्रामीण ढांचे और प्रशासनिक व्यवस्था को नई दिशा देने के लिए जाना जाता है.

न्यूज़18 को गूगल पर अपने पसंदीदा समाचार स्रोत के रूप में जोड़ने के लिए यहां क्लिक करें।

First Published :

November 15, 2025, 21:13 IST

homenation

नीतीश की CM कुर्सी पर वापसी? पढ़िए सत्ता के लंबे खिलाड़ियों की कहानी

Read Full Article at Source