Last Updated:November 14, 2025, 08:08 IST
Asthawan Chunav Result 2025: अस्थावां चुनाव 2025 का आज परिणाम आने वाला है. अस्थावां सीट पर मतगणना शुरू हो गई है. सीएम नीतीश कुमार के गृह जिला होने के नाते अस्थावां सीट वीआईपी सीट बन गई है. अस्थावां सीट पर काउंटिग पल-पल रिपोर्ट आपको NEWS18 इंडिया के साथ मिलता रहेगा.
अस्थावां सीट से कौन जीता कौन हारा?पटना. बिहार चुनाव 2025 के नतीजे कुछ ही देर में आने शुरू हो जाएंगे. पटना से सटे और सीएम नीतीश कुमार के गृह जिले नालंदा की हॉट सीटों में से एक अस्थावां सीट पर भी सबकी नजर है. इस बार अस्थावां चुनाव में एनडीए और महागठबंधन के साथ-साथ जन सुराज भी टक्कर में नजर आ रही है. हालांकि, एग्जिट पोल के नतीजे में एनडीए की जबरदस्त जीत हुई है. लेकिन असली नतीजे में कुछ भी हो सकता है. ऐसे में बिहार चुनाव में इस बार भी महागठबंधन और एनडीए में जबरदस्त टक्कर देखने को मिल सकती है. अस्थावां सीट पर जेडीयू के डॉ जितेंद्र कुमार का सीधा मुकाबला आरजेडी के रवि रंजन कुमार उर्फ छोटू मुखिया से हो रही है. हालांकि इस सीट पर जेडीयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह की बेटी लता सिंह जन सुराज के टिकट पर मैदान में उतरकर मुकाबले को रोचक बना रही हैं.
2005 से चुनावी राजनीति में सक्रिय जेडीयू के जितेंद्र कुमार अस्थावां से अब तक पांच बार जीत चुके हैं. उनके पिता अयोध्या प्रसाद ने भी 1972 और 1980 में कांग्रेस के टिकट पर इस सीट से जीत दर्ज की थी. 2020 के विधानसभा चुनाव में जितेन्द्र कुमार ने राजद के अनिल कुमार को 11,600 वोटों से हराया था. 2015 में उन्होंने एलजेपी के छोटेलाल यादव को 10,444 वोटों से और 2010 में लोजपा के ही कपिलदेव प्रसाद सिंह को 19,570 वोटों से हराया. 2005 में उनकी जीत का अंतर 15,486 था.
अस्थावां में कौन जीत रहा है?
जितेंद्र कुमार का राजनीतिक विरासत और नीतीश कुमार के प्रति निष्ठा उन्हें लगातार इस सीट से विजयी बनाता रहा है. अस्थावां पूरी तरह से ग्रामीण क्षेत्र है, जिसमें कोई शहरी मतदाता नहीं हैं. 2020 में यहां कुल 2,91,267 पंजीकृत मतदाता थे, जो 2024 के लोकसभा चुनावों में बढ़कर 3,03,479 हो गए. यहां अनुसूचित जाति की आबादी कुल मतदाताओं का 25.19 प्रतिशत है, जबकि मुस्लिम मतदाता लगभग 5.1 प्रतिशत हैं. 2024 के लोकसभा चुनाव में जेडीयू को अस्थावां में 29,454 वोटों की बढ़त मिली, जो पार्टी की पकड़ को और मजबूत करता है.
नीतीश के गढ़ में किसका गर्दा उड़ेगा?
यह क्षेत्र अब तक 18 चुनाव देख चुका है, जिसमें वर्ष 2001 का उपचुनाव भी शामिल है. सीएम नीतीश कुमार नालंदा जिले से ही आते हैं. नीतीश का राजनीतिक प्रभाव अस्थावां पर स्पष्ट रूप से दिखाई देता है. 2001 के बाद से उनकी पार्टी यहां कभी नहीं हारी है समता पार्टी और जनता दल (यूनाइटेड) ने इस सीट पर लगातार छह बार जीत दर्ज की है. इस सीट पर 1985 से 2000 तक लगातार चार बार और कुल पांच बार निर्दलीय उम्मीदवारों ने यहां जीत हासिल की थी. लेकिन जैसे ही नीतीश कुमार 2000 में पहली बार मुख्यमंत्री बने, अस्थावां का समर्थन स्थायी रूप से उनके साथ हो गया.
रविशंकर सिंहचीफ रिपोर्टर
भारतीय विद्या भवन से पत्रकारिता की पढ़ाई करने वाले रविशंकर सिंह सहारा समय न्यूज चैनल, तहलका, पी-7 और लाइव इंडिया न्यूज चैनल के अलावा फर्स्टपोस्ट हिंदी डिजिटल साइट में भी काम कर चुके हैं. राजनीतिक खबरों के अलावा...और पढ़ें
भारतीय विद्या भवन से पत्रकारिता की पढ़ाई करने वाले रविशंकर सिंह सहारा समय न्यूज चैनल, तहलका, पी-7 और लाइव इंडिया न्यूज चैनल के अलावा फर्स्टपोस्ट हिंदी डिजिटल साइट में भी काम कर चुके हैं. राजनीतिक खबरों के अलावा...
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First Published :
November 14, 2025, 07:19 IST

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