पटना. बिहार विधानसभा की चार सीटों के पर हुए उपचुनाव के परिणाम से बीजेपी और जेडीयू काफी उत्साहित है. तरारी, रामगढ़, इमामगंज और बेलागंज विधानसभा सीटों पर एनडीए की शानदार जीत से अब राज्य की जातिगत समीकरण में भी बड़ा बदलाव आ सकता है. इन चारों सीट पर एनडीए की जीत ने अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव की तस्वीर भी काफी हद तक साफ कर दी है. बिहार में बीजेपी को समय-समय पर आंख दिखाने वाली जेडीयू को भी अब समझ में आ गया है कि मुस्लिम वोट बैंक कभी भी उनके साथ मजबूती से नहीं रहा है. बिहार के सीएम नीतीश कुमार के करीबियों में से एक और उनके राइट हैंड कहे जाने वाले केंद्रीय मंत्री ललन सिंह ने यह बयान दे कर तहलका मचा दिया है. ललन सिंह के इस बयान के राजनीतिक विश्लेषक अब मायने निकाल रहे हैं. कहा तो ये जा रहा है कि बीजेपी और जेडीयू के बीच नए सिरे से वैचारिक मिलन हो गया है.
जडीयू ने इस उपचुनाव में आरजेडी से ऐसी सीट छीनी है, जिस सीट पर आरजेडी का 35 सालों से कब्जा था. बेलागंज विधानसभा सीट पर जेडीयू उम्मीदवार मनोरमा देवी की जीत ने जेडीयू और बीजेपी को और करीब ला दिया है. कहा जा रहा है कि इस सीट पर मुस्लिम वोटर इस बार भी जेडीयू को वोट नहीं दिए. इसके बावजूद जेडीयू प्रत्याशी मनोरमा देवी ने आरजेडी प्रत्याशी विश्वनाथ सिंह को तकरीबन 21 हजार वोटों से हारकर इतिहास रच दिया.
नीतीश कुमार की एक और चाल?
बेलागंज सीट जीतने के बाद जेडीयू नेता और केंद्रीय मंत्री ललन सिंह ने मुस्लिम वोट बैंक को लेकर बड़ा बयान दिया है. ललन सिंह ने कहा, ‘अल्पसंख्यक समाज के लोग जनता दल यूनाइेट को वोट नहीं देते हैं. इसके बावजूद हमलोग मुस्लिमों को पार्टी में और सरकार में तवज्जो देते हैं. बिहार में लालू-बड़ी राज में अल्पसंख्यक की क्या स्थिति थी? मदरसा शिक्षकों को महज 3-4 हजार सैलरी मिलती थी. लेकिन नीतीश राज में सातवें वेतन आयोग तक का लाभ मिल रहा है. लेकिन अल्पसंख्यक समाज जदयू को वोट नहीं करता, गलत फहमी मत पालिये, हम मुगालते में नहीं है कि पहले नहीं देते थे, अब देते हैं. अल्पसंख्यक समाज के लोग कभी वोट नहीं करते हैं, लेकिन सीएम नीतीश सबके बारे में सोचते हैं. वो कहते हैं कि जिसको जहां वोट देना है देने दीजिए, हम सरकार में हैं सबके लिए काम करेंगे.’
क्या कहते हैं जानकार?
बिहार की राजनीति को करीब से जानने वाले वरिष्ठ पत्रकार संजीव पांडेय कहते हैं, ‘देखिए, ‘ललन सिंह ने बिल्कुल सही कहा है. ये बातें वह अब इसलिए कह रहे हैं क्योंकि उनको आरजेडी के साथ अब नहीं जाना है. बीजेपी के साथ ही रहना है. जहां तक मुस्लिम वोट बैंक की बात है तो वह आरजेडी के पास ही रहा है. लालू यादव की पॉलिटिक्स मुस्लिमों को काफी सूट करती है. पिछले विधानसभा चुनाव को छोड़ दें तो 80 से 90 प्रतिशत मुस्लिम आरजेडी को वोट करते हैं. लेकिन, नीतीश कुमार अब जिस तरह की राजनीति कर रहे हैं ये बोलना उनकी मजबूरी है. क्योंकि, अगर ये बातें नहीं बोलेंगे त बीजेपी का वोट उनको नहीं मिलेगा. क्योंकि, जेडीयू अब बीजेपी के काफी करीब आ गई है और नीतीश कुमार को साल 2025 में सीएम बनना है तो ये भाषा बोलना ही पड़ेगा.’
ललन सिंह का बयान नीतीश कुमार के राजनीतिक भविष्य को भी लगभग साफ कर दिया है. ललन सिंह के बयान से साफ झलकता है कि नीतीश कुमार बीजेपी के सहारे ही साल 2025 में सत्ता के सिंहासन पर बैठेंगे. ललन सिंह का बयान जेडीयू और बीजेपी की भविष्य की राजनीति को भी साकर दिया. हालांकि, आरजेडी ने कहा है कि जेडीयू अब राज्य में नफरत का माहौल खड़ा करना चाहती है.
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FIRST PUBLISHED :
November 25, 2024, 17:46 IST