पंजाब और हिमाचल सब डूबे, मगर बिहार से रूठा रहा मानसून, आंकड़े चौंकाने वाले

3 weeks ago

Last Updated:October 01, 2025, 07:54 IST

पंजाब, हिमाचल, जम्मू में भारी बारिश और बाढ़ आई, जबकि बिहार, अरुणाचल प्रदेश, असम, मेघालय में मानसून कमजोर रहा. IMD ने 8 प्रतिशत अधिक बारिश हुई है.

पंजाब और हिमाचल सब डूबे, मगर बिहार से रूठा रहा मानसून, आंकड़े चौंकाने वालेइस साल जमकर हुई बारिश.

Monsoon News: आधिकारिक रूप से इस साल का दक्षिण-पश्चिम मानसून (01 जून से 30 सितंबर) खत्म हो चुका है. इस साल बारिश ने देश के कई हिस्सों में भारी तबाही मचाई. पंजाब, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में मानसून की भारी बारिश ने खूब तबाही मचाई. बाढ़, बादल फटने से आए फ्लैश फ्लड, तो भूस्खलन से काफी लोग प्रभावित रहे. हालांकि, कुछ राज्य तो ऐसे भी थे जहां बारिश काफी कम हुई, जैसे कि बिहार में 4 में से 3 महीनों में बारिश की कमी देखी गई.

मौसम विभाग ने इस साल मानसून की बारिश के रिकॉर्ड को लेकर जो आंकड़े जारी किए हैं, वो काफी हैरान करने वाले हैं. मौसम विभाग ने बताया कि इस साल 108 प्रतिशत बारिश हुई है, यानी कि औसत से 8 प्रतिशत ज्यादा बारिश हुई है. मौसम विभाग ने बताया कि 2019 से लेकर अब तक पिछले 7 सालों में सिर्फ 2023 को छोड़कर बाकी सभी सालों में मानसून सामान्य या सामान्य से अधिक रहा है.

8% अधिक बारिश हुई

मौसम विभाग ने बताया कि देशभर में सामान्य से 8% अधिक बारिश दर्ज की गई. हालांकि, पूर्व और उत्तर-पूर्वी राज्यों में 20% से अधिक बारिश की कमी रही, जो 1901 के बाद इस क्षेत्र का दूसरा सबसे कम बारिश वाला मानसून सत्र रहा. मौसम विभाग ने बताया कि पूरे देश के स्तर से देखें तो 2001 के बाद से पांचवां सबसे अधिक और 1901 के बाद 38वां सर्वाधिक बारिश वाला साल रहा.

कई हिस्सों में बारिश में कमी

हालांकि, देश के कई हिस्सों में इस साल भी कम बारिश हुई. बिहार, अरुणाचल प्रदेश, असम और मेघालय में चार में से तीन मानसून महीनों में बारिश की कमी रही. इस क्षेत्र में सबसे कम बारिश 2013 में दर्ज की गई थी. हाल के साल को देखा जाए तो 2020 के बाद से पूर्वी और उत्तर-पूर्वी भारत में बारिश में कमी आई है.

आपदा की बारिश

हालांकि इस ‘सामान्य से अधिक’ मानसून सत्र में बादल फटने, भूस्खलन, बाढ़ और मलबा फैलने जैसी कई आपदाएं, खासकर उत्तर-पश्चिम भारत में देखी गईं, लेकिन अच्छी बारिश ने किसानों को खरीफ (ग्रीष्मकालीन) फसलों के संजीवनी का काम किया है. कृषि मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के अनुसार, इस खरीफ सत्र में देश का कुल बोया क्षेत्र 1,120 लाख हेक्टेयर रहा, जो सामान्य क्षेत्र से 24 लाख हेक्टेयर अधिक है. इससे 2025-26 फसल वर्ष में रिकॉर्ड खाद्यान्न उत्पादन की उम्मीद जगी है.

देश के कुछ हिस्सों तक बारिश

मानसून का तकनीकी अंत मंगलवार को हुआ, लेकिन देश के कुछ हिस्सों में अगले कुछ हफ्तों तक बारिश जारी रह सकती है, जब तक कि अक्टूबर मध्य तक मानसून पूरी तरह वापस नहीं ले लेता. इस देरी से दक्षिण प्रायद्वीपीय भारत में उत्तर-पूर्वी (शीतकालीन) मानसून की शुरुआत में विलंब हो सकता है.

अक्टूबर में खूब होगी बारिश

मोहपात्रा ने कहा कि दक्षिण-पश्चिम मानसून के बाद के मौसम (अक्टूबर से दिसंबर) में देश के ज्यादातर हिस्सों में सामान्य से अधिक बारिश की उम्मीद है. अक्टूबर में अकेले 15% अधिक बारिश की संभावना है. पूर्वानुमान के अनुसार, दक्षिण प्रायद्वीपीय भारत में शीतकालीन मानसून (अक्टूबर-दिसंबर) की बारिश सामान्य से अधिक रहेगी. IMD प्रमुख ने बताया कि अक्टूबर में पूर्वोत्तर और उत्तर-पश्चिम भारत में अधिकतम (दिन) तापमान सामान्य से ऊपर रह सकता है, जबकि अन्य क्षेत्रों में यह सामान्य से कम या सामान्य रहेगा.

Deep Raj Deepak

दीप राज दीपक 2022 में न्यूज़18 से जुड़े. वर्तमान में होम पेज पर कार्यरत. राजनीति और समसामयिक मामलों, सामाजिक, विज्ञान, शोध और वायरल खबरों में रुचि. क्रिकेट और मनोरंजन जगत की खबरों में भी दिलचस्पी. बनारस हिंदू व...और पढ़ें

दीप राज दीपक 2022 में न्यूज़18 से जुड़े. वर्तमान में होम पेज पर कार्यरत. राजनीति और समसामयिक मामलों, सामाजिक, विज्ञान, शोध और वायरल खबरों में रुचि. क्रिकेट और मनोरंजन जगत की खबरों में भी दिलचस्पी. बनारस हिंदू व...

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Location :

New Delhi,Delhi

First Published :

October 01, 2025, 07:54 IST

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