पति से हर महीने 6 लाख की डिमांड, महिला पहुंच गई हाइकोर्ट, जज ने कहा ऐसे कैसे

4 weeks ago

नई दिल्ली: सोशल मीडिया पर आए दिन कोर्ट की सुनवाई का वीडियो वायरल होते रहता है. इस बीच एक कोर्ट की सुनवाई का एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है. वीडियो में देखा जा सकता है कि एक महिला के वकील उसके पति से 6 लाख रुपये मासिक गुजारा भत्ता दिलाने के लिए दलीलें दे रहे हैं.

महिला के वकील ने अदालत को बताया कि उसे जूते, कपड़े, चूड़ियां आदि के लिए 15,000 रुपये प्रति माह और घर में खाने के लिए 60,000 रुपये हर महीने की जरूरत है. महिला के वकील ने अदालत को बताया कि उसे घुटने के दर्द और फिजियोथेरेपी और अन्य दवाओं के इलाज के लिए 4-5 लाख रुपये की जरूरत है.

Marriage is Scary Guys

Wife ask for ₹6,16,300 per month as Maintenance

Wife asked this amount for herself, she Didn’t have Any Children

Hats off to the Judge Who Said “If she want to spend this much, let her earn, not on the husband” #viralvideo pic.twitter.com/OoP2JIlL5k

— Anuj Prajapati (@anujprajapati11) August 21, 2024

जज ने महिला की मंशा पर उठाए सवाल
सुनवाई के दौरान जज ने कहा कि यह कोर्ट की प्रक्रिया का शोषण है. जज ने आगे कहा कि अगर वह इतना पैसा खर्च करना चाहती है तो वह कमा सकती है. जज ने कहा ‘कृपया कोर्ट को यह न बताएं कि एक व्यक्ति को बस इतना ही चाहिए. 6,16,300 रुपए प्रति माह. क्या कोई इतना खर्च करता है? एक अकेली महिला अपने लिए.’

जज ने और क्या-क्या सुनाया
जज ने आगे कहा कि अगर वह खर्च करना चाहती है तो उसे कमाने दो. पति पर नहीं ऐसा कैसे. आपके पास परिवार की कोई और जिम्मेदारी नहीं है. आपको बच्चों की देखभाल करने की जरूरत नहीं है. आप इसे अपने लिए चाहती हैं… आपको संवेदनशील होना चाहिए.’ जज ने महिला के वकील से भी कहा कि वह उचित राशि की मांग करें नहीं तो उनकी याचिका खारिज कर दी जाएगी.

क्या था मामला?
राधा मुनुकुंतला नामक महिला द्वारा खर्च का ब्यौरा दाखिल न करने के मामले पर 20 अगस्त को सुनवाई हो रही थी. 30 सितंबर, 2023 को बेंगलुरु के पारिवारिक न्यायालय के अतिरिक्त प्रधान न्यायाधीश ने उसे उसके पति एम नरसिम्हा से 50,000 रुपये मासिक भरण-पोषण राशि दिलाने का आदेश दिया. उसने अंतरिम भरण-पोषण राशि में वृद्धि का अनुरोध करते हुए उच्च न्यायालय का रुख किया.

Tags: Husband Wife Divorce Application, Karnataka High Court

FIRST PUBLISHED :

August 22, 2024, 07:23 IST

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