Last Updated:May 03, 2025, 20:20 IST
Pahalgam Massacre: पहलगाम नरसंहार के बाद भारत एक्शन मोड में है. CM उमर अब्दुल्ला ने पीएम मोदी से मुलाकात की. नौसेना प्रमुख एडमिरल त्रिपाठी भी पीएम मोदी से मिले हैं. भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कई कड़े कदम उठाए ह...और पढ़ें

CM उमर अब्दुल्ला की पीएम मोदी से मुलाकात. (फोटो PTI)
हाइलाइट्स
पहलगाम नरसंहार के बाद भारत एक्शन मोड में है.CM उमर अब्दुल्ला ने पीएम मोदी से मुलाकात की.नौसेना प्रमुख एडमिरल त्रिपाठी ने भी पीएम से मुलाकात की.Pahalgam Massacre: पहलगाम नरसंहार के बाद भारत एक्शन मोड में है. पहलगाम नरसंहार में 26 लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस घटना के बाद पाकिस्तान और भारत के बीच तनाव है. वहीं आज दिल्ली में कई बड़ी गतिविधियां देखने को मिलीं. जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने आज पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की. दोनों नेताओं के बीच करीब आधे घंटे तक बातचीत हुई. माना जा रहा है कि इस मुलाकात में पहलगाम हमले के बाद जम्मू-कश्मीर के मौजूदा हालात पर चर्चा हुई.
इसके बाद पीएम मोदी से मिलने नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी भी पहुंचे. उनकी मुलाकात का एजेंडा सार्वजनिक नहीं किया गया है. लेकिन इसे भी देश की सुरक्षा और मौजूदा तनावपूर्ण माहौल से जोड़कर देखा जा रहा है. पाकिस्तान पर भारत ने कई बड़ी कार्रवाई की है.
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पहलगाम हमले के बाद आज की बड़ी घटनाएं:
CM उमर अब्दुल्ला की पीएम मोदी से मुलाकात: जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर राज्य के हालात पर चर्चा की. यह पहलगाम हमले के बाद दोनों नेताओं की पहली मुलाकात थी. बताया गया कि उमर अब्दुल्ला ने इसे कश्मीर की छवि को धूमिल करने की साजिश करार दिया और केंद्र सरकार से सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने के लिए समर्थन मांगा. खबर है कि उमर अब्दुल्ला ने कहा कि कश्मीर में शांति और पर्यटन को पुनर्जनन देने के लिए तत्काल कदम उठाए जाने चाहिए. नौसेना प्रमुख की पीएम से मुलाकात: नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की. सूत्रों के अनुसार इस बैठक में पाकिस्तान के खिलाफ सैन्य और कूटनीतिक कार्रवाइयों पर गहन चर्चा हुई. भारत ने पहले ही कई कड़े कदम उठाए हैं, जिनमें सिंधु जल संधि को निलंबित करना, पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द करना और भारत के एयरस्पेस को पाकिस्तानी उड़ानों के लिए बंद करना शामिल है. नौसेना की भूमिका भी इस संदर्भ में महत्वपूर्ण है, क्योंकि भारत-पाकिस्तान सीमा पर तनाव बढ़ने की स्थिति में समुद्री क्षेत्र में रणनीतिक तैयारियां तेज की जा रही है.उमर अब्दुल्ला ने हमले को कश्मीर की छवि को धूमिल करने की साजिश करार दिया. (फोटो PTI)
पहलगाम हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कई कड़े कदम उठाए हैं. आज इन कार्रवाइयों में और तेजी देखने को मिली:
पाकिस्तान से सभी आयात बंद: भारत ने राष्ट्रीय सुरक्षा और सार्वजनिक नीति का हवाला देते हुए पाकिस्तान से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष सभी तरह के आयात पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है. वाणिज्य मंत्रालय ने इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी है. पाकिस्तान से डाक और पार्सल पर रोक: भारत सरकार ने पाकिस्तान से आने वाली सभी तरह की डाक और पार्सल सेवाओं को हवाई और जमीनी रास्तों से निलंबित कर दिया है. पाकिस्तानी जहाजों पर रोक: भारत ने अपने सभी बंदरगाहों पर पाकिस्तानी झंडे वाले जहाजों के डॉकिंग पर प्रतिबंध लगा दिया है. यह फैसला भारतीय संपत्तियों और व्यापारिक जहाजों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए लिया गया है. सीमा पर तनाव: नियंत्रण रेखा (LoC) पर लगातार नौवीं रात भी भारत और पाकिस्तानी सैनिकों के बीच गोलीबारी जारी रही. हालांकि भारतीय सेना ने पाकिस्तानी उकसावे का मुंहतोड़ जवाब दिया है. अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर दबाव: भारत ने पहलगाम हमले के मुद्दे पर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी पाकिस्तान पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है.
भारत का बड़ा प्लान
PM मोदी की बैठकों का यह सिलसिला अभी थमा नहीं है. माना जा रहा है कि अगले कुछ दिनों में सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (CCS) और अन्य मंत्रिमंडलीय समितियों की बैठकें होंगी. इन बैठकों में पाकिस्तान के खिलाफ और सख्त कदमों, जैसे आतंकी ठिकानों पर लक्षित कार्रवाई या आर्थिक प्रतिबंधों, पर फैसले लिए जा सकते हैं. सेना को पहले ही आतंकवाद के खिलाफ खुली छूट दी गई है और सूत्रों का कहना है कि सीमा पार आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले की योजना बनाई जा रही है.
पहलगाम हमला न केवल कश्मीर की शांति के लिए खतरा है बल्कि यह भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी एक बड़ी चुनौती है. PM मोदी की सक्रियता और सरकार के कड़े रुख से स्पष्ट है कि भारत इस हमले का जवाब निर्णायक और प्रभावी ढंग से देगा. आने वाले दिन इस दिशा में भारत की रणनीति को और स्पष्ट करेंगे, जिसमें कूटनीति, सैन्य शक्ति और खुफिया तंत्र का समन्वय महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.
Location :
New Delhi,Delhi