पहलगाम हमले से तड़प रहा भारत, लेकिन कायर PAK ने साधी चुप्पी, चीन भी खामोश

7 hours ago

Last Updated:April 23, 2025, 04:30 IST

Pahalgam Terrorist Attacks: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में 28 लोगों की मौत के बाद पूरी दुनिया ने इस घटना पर दुख जताया, लेकिन पड़ोसी देश पाकिस्तान और चीन से अब तक कोई रिएक्शन नहीं आया है.

पहलगाम हमले से तड़प रहा भारत, लेकिन कायर PAK ने साधी चुप्पी, चीन भी खामोश

पहलगाम में पर्यटकों के एक समूह पर आतंकवादियों के हमले के बाद हाई अलर्ट के बीच सुरक्षाकर्मी निगरानी कर रहे हैं. (पीटीआई)

हाइलाइट्स

पहलगाम आतंकी हमले में विदेशी सहित 28 लोग मारे गए हैं.लश्कर से जुड़े संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट ने हमले की जिम्मेदारी ली है.पहलगाम में आतंकी हमले के बाद जम्मू-कश्मीर में हाईअलर्ट जारी कर दिया गया है.

Pahalgam Terrorist Attack: 22 अप्रैल को हुए विनाशकारी पहलगाम आतंकी हमले के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, इटली की प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने शोक जाहिर किया, लेकिन पाकिस्तान, चीन और कनाडा की ओर से 12 घंटे बीत जाने के बाद भी कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े आतंकवादियों ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर अंधाधुंध गोलीबारी की, जिसमें 28 लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए. लश्कर के एक धड़े, द रेजिस्टेंस फ्रंट ने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए इस हमले की जिम्मेदारी ली और एक घायल टूरिस्ट की तस्वीर साझा की. इस आतंकी हमले में कम से कम दो विदेशी नागरिक भी मारे गए हैं.

कई देशों के प्रतिनिधियों, जैसे इजराइली विदेश मंत्री गिदोन सार, यूरोपीय आयोग की प्रमुख उर्सुला वॉन डेर लेयेन और जापान, सिंगापुर, श्रीलंका, एस्टोनिया और फ्रांस के राजदूतों ने इस घटना की निंदा की और कहा कि इस अमानवीय कृत्य का कोई औचित्य नहीं है. यहां तक कि ट्रंप ने भी मंगलवार को प्रधानमंत्री मोदी से बात कर पहलगाम आतंकी हमले पर अपनी संवेदना व्यक्त की. हमले की निंदा करते हुए, ट्रंप ने आतंकवाद के खिलाफ भारत को पूर्ण समर्थन का भरोसा दिया. रूस के पुतिन ने भी इस घटना की निंदा करते हुए इसे “निर्दयी अपराध” कहा और कहा कि इसका “कोई औचित्य नहीं” है.

हालांकि, पाकिस्तान, चीन या कनाडा की ओर से इस आतंकी हमले पर खबर लिखे जाने तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. यह चुप्पी पहले से ही तनावपूर्ण कूटनीतिक संबंधों के बीच आई है – भारत और कनाडा के बीच एक खालिस्तानी उग्रवादी की मौत के आरोपों को लेकर तनाव चल रहा है, जबकि नई दिल्ली भी पाकिस्तान के ‘सदाबहार दोस्त’ चीन के साथ सीमा विवादों के बाद एक नाजुक संबंध को संभाल रही है.

पाकिस्तान
पाकिस्तान लंबे समय से सीमा पार आतंकवाद का अपराधी और जैश-ए-मोहम्मद (जेएम) और लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) जैसे आतंकवादी समूहों का केंद्र रहा है, जो 26/11 हमलों के लिए जिम्मेदार थे. द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) लश्कर से संबंधित एक समूह है. खुफिया सूत्रों ने पुष्टि की है कि इस हमले में विदेशी आतंकवादियों, विशेष रूप से पाकिस्तानी आतंकवादियों का हाथ है, जो हाल के महीनों में इस क्षेत्र में घुसपैठ कर चुके हैं. वे पाकिस्तान स्थित आतंकवादी समूहों की हताशा की ओर इशारा करते हैं, जो पाकिस्तान सेना के निर्देशों के तहत काम कर रहे हैं, और इसे हमले के पीछे का मुख्य उद्देश्य मानते हैं.

हाल ही में, पाकिस्तान के सेना प्रमुख असीम मुनीर ने इस्लामाबाद में एक भाषण दिया, जिसमें उन्होंने दो-राष्ट्र सिद्धांत को बढ़ावा दिया और जोर दिया कि भारत और पाकिस्तान दो अलग-अलग राष्ट्र हैं. उन्होंने कहा कि पाकिस्तानियों की संस्कृति, महत्वाकांक्षाएं, विचारधाराएं और अन्य चीजें हिंदुओं से अलग हैं. उन्होंने कश्मीर को पाकिस्तान की “जुगुलर वेन” भी कहा.

चीन
भारत और चीन के बीच संबंध तनावपूर्ण रहे हैं, खासकर पूर्वी लद्दाख में सैन्य गतिरोध और पाकिस्तान के साथ बीजिंग के करीबी संबंधों के बाद. हालांकि, भारत-चीन संबंधों में सुधार के संकेत तब दिखे जब दोनों देशों ने पूर्वी लद्दाख में सैन्य विघटन पर सहमति जताई और पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कज़ान में वर्षों बाद अपनी पहली द्विपक्षीय बैठक की. फिर भी, पाकिस्तान के साथ चीन के संबंध, इंडो-पैसिफिक में रणनीतिक प्रतिस्पर्धा और ऐतिहासिक अविश्वास अभी भी संबंधों को प्रभावित करते हैं. इसके अलावा, चीन ने कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान का समर्थन जारी रखा है, जिससे द्विपक्षीय संबंध और तनावपूर्ण हो गए हैं.

कनाडा
भारत और कनाडा के बीच संबंध तब बिगड़ गए जब कनाडा के पूर्व प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भारतीय एजेंटों पर खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाया. भारत ने इन आरोपों को “बेतुका” और “राजनीतिक रूप से प्रेरित” बताते हुए खारिज कर दिया और जवाबी कार्रवाई में छह कनाडाई राजनयिकों को निष्कासित कर दिया. भारत ने कनाडा से भारतीय राजनयिकों के खिलाफ खतरों और खालिस्तानी चरमपंथियों द्वारा प्रचारित भारत विरोधी संदेशों के खिलाफ कार्रवाई करने का भी आह्वान किया. ट्रूडो से मार्क कार्नी के नेतृत्व में बदलाव के बावजूद, भारत और कनाडा के बीच कूटनीतिक तनाव अभी भी बना हुआ है.

Location :

Pahalgam,Anantnag,Jammu and Kashmir

First Published :

April 23, 2025, 04:30 IST

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