Last Updated:May 05, 2025, 23:47 IST
भारत के फैसलों का पाकिस्तान पर असर दिखने लगा है. भारत ने चेनाब नदी का थोड़ा पानी रोका तो पाकिस्तान में खेत सूखने लगे हैं.

भारत ने बंद कर दिया चेनाब का पानी. (File Photo)
हाइलाइट्स
पाकिस्तान ने माना कि चेनाब नदी का पानी बंद होने का दिखने लगा असर.इंडस रिवर सिस्टम अथॉरिटी ने कहा- इससे तो फसल बोना मुश्किल होगा.पाकिस्तान में 80 प्रतिशत सिंचाई के पानी की आपूर्ति इन्हीं नदियों के पानी से.भारत के ‘वॉटर स्ट्राइक’ का पाकिस्तान पर असर दिखने लगा है. सिंधु-चेनाब का पानी बंद करते ही पाकिस्तान में खेत सूखने लगे हैं. पाकिस्तान की इंडस रिवर सिस्टम अथॉरिटी ने सोमवार को माना कि चेनाब नदी का पानी बंद हो गया है. काफी कम पानी आ रहा है. अगर ऐसा ही कुछ दिन और रहा तो खरीफ की फसल बोना मुश्किल होगा.
पाकिस्तान की इंडस रिवर सिस्टम अथॉरिटी (IRSA) ने बताया कि चेनाब नदी के पानी में कमी दर्ज की गई है. इससे जून में शुरू होने वाली खरीफ फसल की बुवाई प्रभावित होगी. यह कमी खास तौर पर चावल, कपास, गन्ना, मक्का, दालें और तिलहन जैसी फसलों को नुकसान पहुंचा सकती है. अगर यही स्थिति रही तो पाकिस्तान में अनाज की कमी हो सकती है, क्योंकि पाकिस्तान के लोगों का पेट इसी इलाके में पैदा होने वाली फसलों से भरता है.
हालत होने लगी खराब
पाकिस्तान पहले ही पानी के संकट से जूझ रहा है, अब सिंधु वॉटर ट्रीटी सस्पेंड किए जाने से उसकी हालत और खराब हो गई है. यह संधि पाकिस्तान में कृषि और हाइड्रोपॉवर प्रोजेक्ट के लिए बहुत अहम है और पाकिस्तान में 80 प्रतिशत सिंचाई के पानी की आपूर्ति इन्हीं नदियों के पानी से होती है. अगर ये पानी पूरी तरह बंद हो गया तो पाकिस्तान के लिए खाने का अनाज जुटाना भी मुश्किल होगा. दूसरी बड़ी बात, बड़ी संख्या में लोगों की आजीविका इसी से जुड़ी हुई है, जिससे विद्रोह हो सकता है.
फसलें कम हुईं तो महंगाई मारेगी
पाकिस्तान के पंजाब और सिंध प्रांतों में चावल, कपास, गन्ना, मक्का, दालें, तिलहन उगाई जाती है. चावल, गन्ने को सबसे ज्यादा पानी की जरूरत होती है. कपास को पानी न मिले तो तबाही तय है. ये सारी फसलें पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं. IRSA पहले भी कह चुका है कि पानी नहीं मिला तो इन फसलों की पैदावार में कमी आएगी, जिससे महंगाई बढ़ेगी. किसानों और ग्रामीण समुदायों में असंतोष बढ़ सकता है.