Last Updated:June 20, 2025, 18:32 IST
Debt on Bangladesh : एशियाई विकास बैंक और विश्व बैंक ने पाकिस्तान के बाद अब बांग्लादेश को भी मोटा कर्ज मंजूर किया है. यह महज एक इत्तेफाक है या फिर भारत के खिलाफ पड़ोसियों को मजबूत करने की कोई साजिश.

एडीबी और विश्व बैंक बांग्लादेश को 1.5 अरब डॉलर देंगे.
हाइलाइट्स
बांग्लादेश को एडीबी और विश्व बैंक से 1.5 अरब डॉलर का कर्ज मिला.कर्ज से बांग्लादेश के बैंकिंग सुधार और जलवायु परिवर्तन से निपटने में मदद मिलेगी.चीन और पाकिस्तान के बाद बांग्लादेश को कर्ज मिलना भारत के लिए चिंता का विषय.नई दिल्ली. भारत के पड़ोस में सबकुछ अच्छा नहीं चल रहा है. चीन और पाकिस्तान पहले से ही हम पर आंख गड़ाए बैठै हैं और अब बांग्लादेश भी इस फेहरिस्त में शामिल हो गया है, जहां सत्ता परिवर्तन के बाद अक्सर भारत विरोधी सुर उठने लगे हैं. इस बीच खबर आई है कि पाकिस्तान के बाद अब बांग्लादेश को विदेशी बैंकों से मोटा कर्ज मिल रहा है. यह पैसा आर्थिक रूप से बेहद संकट में फंसे बांग्लादेश के लिए संजीवनी का काम करेगा.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, एशियाई विकास बैंक (एडीबी) और विश्व बैंक ने बांग्लादेश को अपने बैंकिंग क्षेत्र में सुधार, जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने और अन्य परियोजनाओं में मदद के लिए 1.5 अरब डॉलर (करीब 13 हजार करोड़ रुपये) के कर्ज को मंजूरी दी है. समाचार पत्र ‘द डेली स्टार’ की रिपोर्ट के अनुसार, एडीबी ने 90 करोड़ डॉलर के कर्ज को मंजूरी दी है, जिसमें से 50 करोड़ डॉलर देश के बैंकिंग क्षेत्र में सुधार लाने और उसे मजबूत बनाने में काम आएंगे, जबकि शेष 40 करोड़ डॉलर जलवायु परिवर्तन की चुनातियों से निपटने और समावेशी विकास को बढ़ावा देंगे.
डूबने की कगार पर बांग्लादेश के बैंक
एडीबी ने बताया कि 50 करोड़ डॉलर के नीति-आधारित ऋण का उद्देश्य बांग्लादेश की बैंकिंग प्रणाली में संचालन और परिसंपत्ति की गुणवत्ता को मजबूत करना है. फिलहाल बांग्लादेश का बैंकिंग सिस्टम काफी कमजोर हो चुका है. इसके अलावा एशियाई विकास बैंक ने जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने, समावेशी विकास कार्यक्रम (सीआरआईडीपी) के दूसरे चरण के लिए 40 करोड़ डॉलर के ऋण को भी मंजूरी दी.
कार्बन उत्सर्जन को घटाना भी है लक्ष्य
एडीबी ने बताया कि 40 करोड़ डॉलर देने का उद्देश्य जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने, कार्बन उत्सर्जन में कटौती करने और समावेशी आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए बांग्लादेश के प्रयासों का समर्थन करना है. इसके साथ ही विश्व बैंक ने बांग्लादेश में गैस आपूर्ति बढ़ाने और वायु गुणवत्ता में सुधार लाने के उद्देश्य से दो परियोजनाओं के लिए 64 करोड़ डॉलर की मंजूरी दी है. इस तरह, एडीबी और विश्व बैंक की मंजूरी के साथ बांग्लादेश को 1.5 अरब डॉलर से अधिक की राशि प्राप्त होगी. इससे बांग्लादेश के विदेशी मुद्रा भंडार पर जारी दबाव कम होगा.
क्यों है चिंता का विषय
वैसे तो दुनियाभर के संकटग्रस्त देशों को कर्ज देना ही एडीबी, विश्व बैंक और आईएफएफ जैसे लेंडर्स का काम होता है. लेकिन, खास बात ये है कि मौजूदा समय में लगातार इस तरह के कर्ज बांटना कहीं भारत विरोधी कदम तो नहीं. यह कयास इसलिए भी लगाए जा रहे, क्योंकि एशियाई विकास बैंक में ज्यादातर हिस्सेदारी चीन की है और उसका प्रभुत्व भी है. चीन और पाकिस्तान काफी समय से नजदीक रहे हैं और अब बांग्लादेश भी नजदीकी बढ़ा रहा है. बांग्लादेश के पहले एडीबी ने पिछले महीने ही पाकिस्तान को भी कर्ज दिया था. दूसरी ओर, विश्व बैंक और आईएमएफ पर अमेरिका का प्रभुत्व है, जो फिलहाल भारत के लिए अच्छा सहयोगी नहीं दिख रहा. पिछले दिनों विश्व बैंक और आईएमएफ ने भी पाकिस्तान को कर्ज दिया था, जबकि भारत इसका पुरजोर विरोध कर रहा था. अब बांग्लादेश को भी अचानक मोटा कर्ज मंजूर कर लिया गया है.
प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...और पढ़ें
प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...
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