Last Updated:November 16, 2025, 08:06 IST
Naugam Blast Latest Update: नौगाम में थाने में अमोनियम नाइट्रेट की ब्लास्ट में 9 लोगों की मौत हो गई. इस ब्लास्ट में एक दर्जी की मौत हो गई. बताया जा रहा है कि थाने में पुलिस की मदद करने गए दर्जी शफी इस धमाके में मारे गए है. धमाके से कुछ देर पहले ही वह घर रात का खाना खाने पहुंचे थे.
नौगाम पुलिस स्टेशन विस्फोट में कई लोगों की मौत. Naugam Blast Latest Update: श्रीनगर के नौगाम के एक थाने में ब्लास्ट ने न केवल रात के सन्नाटे को चीर दिया, बल्कि कई परिवार की छाती को दो फांक कर गया. धमाके बाद वहां पहुंचे लोग अपनों को राख और मलबे में ढ़ूंढते दिखे. नम आंखों से अपनों की तलाश कर रहे लोगों की चीखें किसी का भी सीना चीर देंगी. लेकिन, एक लड़की जोर-जोर से चीखते हुए कह रही है, पापा बोला था न कि मत जाओ. आप तो कह रहे थे- बस आता हूं बेटा… कहां रह गए पापा? आप तो थाने के कर्मचारी भी नहीं थे. आप तो बस मदद करने गए थे. सुबकती हुई लड़की ने बताया कि मेरे पापा थाने मदद के लिए गए थे.
दरअसल, 57 साल के दर्जी मोहम्मद शफी पारे को पुलिस ने विस्फोटक सामग्री के लिए छोटे-छोटे थैले सिलने के लिए थाने में गए थे. मगर, थाने में पुलिस और फोरेंसिक टीम हाल ही में हरियाणा के फरीदाबाद से ज़ब्त किए गए विस्फोटकों के एक बड़े जखीरे से नमूने निकाल रही थी, उसी दौरान अचानक हुए विस्फोट में 9 लोगों की मौत हो गई. इन्हीं में शामिल थे शफी. मोहम्मद शफी पारे के रिश्तेदारों ने बताया कि पुलिस उसे विस्फोटकों के अलग-अलग पैकेट सिलने के लिए थाने ले गई थी. उसके चचेरे भाई मोहम्मद शफी शेख ने कहा, ‘पुलिस उसे कल सुबह ले गई थी. वह बीच में एक बार नमाज़ पढ़ने आए थे.’
बेटी ना जाने को कहती रही
परिजनों ने बताया कि धमाके वाली रात 9 बजकर 45 मिनट पर शफी घर खाना खाने पहुंचे थे. ज्यादा रात और कड़ाके की ठंड होने की वजह से उनकी बेटी लगातार उनसे ना जाने की गुहार लगाती रही. मगर, शफी पुलिस विभाग से किया गया वादा पूरा करने पर अडिग रहे. शफी बेटी को गले लगाते हुए पुलिस स्टेशन की ओर निकल पड़े. तभी आधे घंटे बाद ही धमाका हुआ. पूरा थाना मलबे में तब्दील हो गया. आसपास की गाड़ियां जलकर राख हो गईं. मानव अंग 300 मीटर दूर तक बिखरे पड़े थे.
धमाका सुनते ही पहुंचा परिवार
धमाके के बाद की समय को याद करते हुए शफी के भाई शेख ने बताया, ‘शफी के जाने के बाद हमने धमाका सुना. गिरते-भागते हम पुलिस स्टेशन की ओर दौड़े.’ नजारा दिल दहलाने वाला था. पूरा पुलिस स्टेशन मलबे के ढेर में तब्दील हो गया था. लाशें चिथड़े-चिथड़े हो गई थीं. हम उसे घंटों ढूंढ़ते रहे. काफी देर बात आखिरकार अस्पताल के एक कोने में चादर में ढंका उसका शव मिला. हमने शफी की बेटी और पत्नी को इस खबर से दूर रखा, क्योंकि वे अपने दिल टूटने का डर बर्दाश्त नहीं कर पा रहे थे.
गुस्से में परिवार
आरिफा सिर्फ़ 12 साल की है. उसके तीन भाई-बहन हैं. पापा ही कमाने वाले थे. अब घर में सन्नाटा. रिश्तेदार तारीक अहमद शाह गुस्से में कहते हैं, ‘पुलिस थाने में प्लंबर है, दर्जी क्यों नहीं? वो मदद करने गए थे, सरकार क्या उनके परिवार की मदद करेगी क्योंकि उनकी सरकारी नौकरी तो थी नहीं?’
12 साल की अरिफा को पापा इंतजार
परिवार ने बेटी को अभी तक सच नहीं बताया. उसे लगता है कि ‘पापा देर से आएंगे.’ वह हर रात दरवाजे पर खड़ी रहती है. ठंड में कांपती, फुसफुसाती – ‘पापा, मत जाओ ना प्लीज…’
10 लाख का मुआवजा
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्लाह ने 10 लाख रुपये मुआवजे का ऐलान किया. लेकिन क्या पैसे से बाप लौट आएंगे? परिवार की एक मांग है कि, ‘थाना यहां से हटाओ. कोई और बेटी ये दर्द ना सहें.’
दीप राज दीपक 2022 में न्यूज़18 से जुड़े. वर्तमान में होम पेज पर कार्यरत. राजनीति और समसामयिक मामलों, सामाजिक, विज्ञान, शोध और वायरल खबरों में रुचि. क्रिकेट और मनोरंजन जगत की खबरों में भी दिलचस्पी. बनारस हिंदू व...और पढ़ें
दीप राज दीपक 2022 में न्यूज़18 से जुड़े. वर्तमान में होम पेज पर कार्यरत. राजनीति और समसामयिक मामलों, सामाजिक, विज्ञान, शोध और वायरल खबरों में रुचि. क्रिकेट और मनोरंजन जगत की खबरों में भी दिलचस्पी. बनारस हिंदू व...
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Location :
Jammu and Kashmir
First Published :
November 16, 2025, 07:00 IST

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