Last Updated:December 06, 2025, 17:52 IST
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ विदेश मंत्री एस जयशंकर. (फाइल फोटो)नई दिल्ली. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शनिवार को साफ कर दिया कि भारत अपनी शर्तों पर चलता है. उन्होंने कहा कि रूस के साथ भारत के रिश्ते पिछले 70-80 सालों में सबसे स्थिर रहे हैं. राष्ट्रपति पुतिन की यात्रा पर उठते सवालों का उन्होंने करारा जवाब दिया. जयशंकर ने अमेरिका का नाम लिए बिना कहा कि किसी भी देश को हमारे रिश्तों में दखल देने का हक नहीं है. उनका कहना है कि कूटनीति का मतलब दूसरों को खुश करना नहीं होता. भारत अपने नेशनल इंट्रेस्ट को सबसे ऊपर रखता है. उन्होंने यह भी माना कि अमेरिका के साथ ट्रेड डील पर बातचीत जारी है. लेकिन भारत किसी दबाव में आए बिना फैसला लेगा. उन्होंने स्ट्रैटेजिक ऑटोनॉमी की बात को फिर से दोहराया. यह बयान हिंदुस्तान टाइम्स लीडरशिप समिट में आया. जयशंकर ने पाकिस्तान और चीन के साथ रिश्तों पर भी भारत का रुख पूरी तरह साफ किया.
रूस के साथ रिश्तों को फिर से परिभाषित करने की तैयारी जयशंकर ने बताया कि पुतिन की यात्रा रिश्तों को नया रूप देने के लिए थी. उन्होंने कहा कि भारत और रूस के संबंध दुनिया में सबसे मजबूत और स्थिर रहे हैं. दुनिया में कई उतार-चढ़ाव आए, लेकिन यह दोस्ती हमेशा कायम रही. अब दोनों देश आर्थिक सहयोग पर फोकस कर रहे हैं. पहले आर्थिक पक्ष थोड़ा कमजोर रह गया था. अब फर्टिलाइजर के लिए एक ज्वाइंट वेंचर पर सहमति बनी है. यह भारत के किसानों के लिए बहुत अहम है. भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा फर्टिलाइजर इंपोर्टर है. रूस से यह सप्लाई अब ज्यादा भरोसेमंद होगी.
अमेरिका से ट्रेड डील और शर्तों पर भारत का कड़ा रुख अमेरिका के साथ व्यापार समझौते पर भी जयशंकर ने बात की. उन्होंने माना कि ट्रम्प प्रशासन का फोकस ट्रेड पर है. लेकिन भारत अपने मजदूरों और किसानों के हितों से समझौता नहीं करेगा. जयशंकर ने कहा कि कूटनीति का मतलब किसी को खुश करना नहीं है. हम अपने हितों की रक्षा के लिए ही बात करते हैं. अमेरिका ने भारतीय सामानों पर भारी टैरिफ लगाया है. इस पर कठिन बातचीत होने की उम्मीद है. उन्होंने कहा कि हम समाधान चाहते हैं, लेकिन शर्तें उचित होनी चाहिए. छोटे बिजनेस और मिडिल क्लास का हित हमारे लिए सर्वोपरि है.
पाकिस्तान की सेना को बताया आतंक की असली जड़ पड़ोसी देशों पर भी विदेश मंत्री ने बेबाक राय रखी. उन्होंने कहा कि भारत की ज्यादातर समस्याएं पाकिस्तानी सेना की वजह से हैं. आतंकवाद और भारत विरोधी सोच वहीं से आती है. हमें पाकिस्तान की असलियत को समझना होगा. चीन के बारे में उन्होंने कहा कि सीमा पर शांति जरूरी है. जब तक बॉर्डर पर शांति नहीं होगी, रिश्ते सामान्य नहीं हो सकते. अभी भी कई मुद्दे हैं जिन्हें सुलझाना बाकी है. इसमें व्यापार और पारदर्शिता के मुद्दे भी शामिल हैं. बांग्लादेश पर उन्होंने कहा कि हम वहां लोकतांत्रिक प्रक्रिया का सम्मान करते हैं.
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राकेश रंजन कुमार को डिजिटल पत्रकारिता में 10 साल से अधिक का अनुभव है. न्यूज़18 के साथ जुड़ने से पहले उन्होंने लाइव हिन्दुस्तान, दैनिक जागरण, ज़ी न्यूज़, जनसत्ता और दैनिक भास्कर में काम किया है. वर्तमान में वह h...और पढ़ें
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New Delhi,Delhi
First Published :
December 06, 2025, 17:52 IST

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