पुतिन के दौरे पर S-400, S-500, SU-57 की चर्चा, मगर डील का ऐलान क्यों नहीं?

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Last Updated:December 06, 2025, 13:49 IST

India-Russia Defence Deal: रूस के राष्‍ट्रपति व्‍लादिमीर पुतिन की बहुप्रतिक्षित दो दिवसीय भारत यात्रा संपन्‍न हो चुकी है. दोनों देशों ने बायलेटरल ट्रेड को आने वाले पांच साल में 100 अरब डॉलर तक करने का लक्ष्‍य रखा है. हालांकि, जिसपर पूरी दुनिया की निगाहें टिकी थीं, उसपर न तो कोई ऐलान हुआ और न किसी तरह का बयान दिया गया.

पुतिन के दौरे पर S-400, S-500, SU-57 की चर्चा, मगर डील का ऐलान क्यों नहीं?India-Russia Defence Deal: रूस के राष्‍ट्रपति व्‍लादिमीर पुतिन की दो दिवसीय भारत यात्रा के दौरान दुनियाभर की निगाहें डिफेंस डील की घोषणा पर टिकी थीं, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. (फोटो: PTI)

India-Russia Defence Deal: भारत रीजनल ही नहीं, बल्‍कि ग्‍लोबल लेवल पर एक उभरता हुआ पावर सेंटर है. अमेरिका हो या यूरोप सबकी नजरें नई दिल्‍ली पर टिकी हैं. अफ्रीका के साथ ही एशिया के लिए भारत हर बीतते दिन के साथ अहम साबित हो रहा है. ऐसे में दुनिया के सुपरपावर देश के राष्‍ट्राध्‍यक्ष पर निगाहें टिकना अचंभे वाली बात नहीं है. जी हां! यहां बात हो रही है रूस के राष्‍ट्रपति व्‍लादिमीर पुतिन की दो दिवसीय भारत यात्रा की. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पुतिन की दोस्‍ती से पूरी दुनिया वैसे ही वाकिफ है जैसे भारत-रूस के दशकों पुराने संबंध से. पुतिन की भारत यात्रा के दौरान कई समझौतों पर हस्‍ताक्षर हुए. द्विपक्षीय संबंधों को नई ऊंचाई देने पर भी सहमति बनी. इस दौरान भारत और रूस ने द्विपक्षीय व्‍यापार को 100 बिलियन डॉलर तक पहुंचाने पर भी सहमति जताई है. इसके लिए ट्रेड के फ्रंट पर मार्केट को और खोलने और जरूरी सुधार करने पर भी चर्चा हुई. 100 अरब डॉलर बायलेटरल ट्रेड के टारगेट को साल 2030 तक हासिल करने का लक्ष्‍य रखा गया है. भारतीय विश्‍लेषकों के साथ ही पूरी दुनिया को इस मौके पर दोनों देशों के बीच बड़ी डिफेंस डील की घोषणा होने की उम्‍मीद थी. हालांकि, ऐसा नहीं हुआ. न तो भारत की तरफ और न ही रूस की ओर से ऐसी कोई बात कही गई. तो क्‍या भारत और रूस के बीच किसी तरह की डिफेंस डील नहीं हुई? ऐसा नहीं है. पर्दे के पीछे इसपर लगातार काम चल रहा है और इसमें प्रगति भी हुई है.

रूसी राष्‍ट्रपति पुतिन के एक बयान से पूरे मामले को समझिए. पुतिन ने कहा था कि भारत और रूस का रिश्‍ता सेलर (बेचनेवाला) और बायर (खरीदार) का नहीं है. दोनों देशों का संबंध अलग लेवल का है. बताया जा रहा है कि बैकचैनल दानों देशों के बीच रक्षा समझौते को लेकर सारी चीजें अच्‍छे से चल रही हैं. बता दें कि पुतिन के भारत दौरे से पहले एयर डिफेंस सिस्‍टम (S-400 और S-500) और पांचवीं पीढ़ी के Su-57 फाइटर जेट की खरीद और उसके भारत में उत्‍पादन पर महत्‍वपूर्ण करार हो सकता है. बता दें कि भारत के पास पहले से ही एयर डिफेंस सिस्‍टम S-400 के स्‍क्‍वाड्रन मौजूद हैं. इसकी अतिरिक्‍त यूनिट की खरीद को लेकर चर्चाओं का दौर चल रहा था. इसके साथ ही इसके एडवांस वर्जन S-500 को खरीदने पर भी बात होने की संभावना थी. बता दें कि रूस ने अभी तक S-500 एयर डिफेंस सिस्‍टम को किसी देश को नहीं बेचा है. इसके अलावा Su-57 लाड़ाकू विमान को खरीदने और भारत में उत्‍पादन पर करार होने की बात कही जा रही थी. पीएम मोदी और पुतिन की मुलाकात के दौरान इसपर पॉजिटिव ऐलान होने की उम्‍मीद जताई जा रही थी, पर ऐसा कुछ नहीं हुआ. इसका मतलब यह नहीं कि भारत और रूस के बीच रक्षा समझौते की गाड़ी अटकी हुई है.

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और रूस के उनके समकक्ष आंद्रे बेलोउसॉव के बीच अहम बैठक हुई. मुख्‍य रूप से रक्षा संबंधों को और मजबूत करने और सहयोग बढ़ाने पर चर्चा हुई. (फोटो: PTI)

डिफेंस मिनिस्‍टर्स की मुलाकात के क्‍या हैं मायने?

पुतिन की भारत यात्रा के साथ ही रूस के रक्षा मंत्री आंद्रे बेलोउसॉव भी नई दिल्‍ली पहुंचे थे. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और उनके बीच 4 दिसंबर को अहम मुलाकात भी हुई. उन्‍होंने नई दिल्‍ली में हुई भारत-रूस इंटर-गवर्नमेंटल कमीशन की बैठक में महत्‍वपूर्ण बात कही. राजनाथ सिंह ने कहा कि रूस तकनीक और रक्षा के मामले में भारत का रणनीतिक साझेदार है. आगे कहा कि दोनों देशों के रिश्‍ते बदलते भू-राजनीतिक हालात के बाद भी मजबूत बने हुए हैं. उन्‍होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्‍ट्रपति व्लादिमीर पुतिन लगातार संपर्क में रहते हैं. एससीओ सम्‍मेलन (जून 2025) में भी दोनों नेताओं की लंबी चर्चा हुई थी. राजनाथ सिंह ने कहा कि पुतिन की भारत यात्रा से यह खास साझेदारी और मजबूत होगी. इस बैठक में व्यापार और आर्थिक सहयोग पर भी चर्चा हुई. राजनाथ सिंह ने पिछले महीने मास्‍को में हुई भारत-रूस टास्‍क फोर्स की बैठक की सराहना की. उन्‍होंने कहा कि रूस की अगुवाई वाले यूरोशियन इकॉनमिक यूनियन के साथ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट पर बातचीत शुरू हो गई है.

क्‍या रक्षा सहयोग पर हुई बात?

22वीं बैठक में रक्षा सहयोग के सभी पहलुओं पर बात हुई. इसमें बड़े रक्षा सौदों की प्रगति, तकनीक ट्रांसफर और लाइसेंस उत्‍पादन जैसे मुद्दे शामिल थे. इससे पहले राजनाथ सिंह और रूस के रक्षा मंत्री आंद्रेई बेलोउसॉव ने नेशनल वॉर मेमोरियल भी गए थे. बेलोउसॉव ने ट्राई-सर्विसेज गार्ड ऑफ ऑनर का निरीक्षण भी किया था. इससे भारत और रूस के बीच बढ़ते सहयोग के महत्‍व को समझा जा सकता है. रूसी रक्षा मंत्री को दिल्‍ली एयरपोर्ट पर रक्षा राज्‍य मंत्री संजय सेठ ने रिसीव किया था. चीफ ऑफ डिफेंस स्‍टाफ जनरल अनिल चौहान भी मौजूद थे. सीडीएस की मौजूदगी दोनों देशों के बीच डिफेंस कोऑपरेशन की मजबूती को दिखाता और दर्शाता है.

(इनपुट: ANI)

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Manish Kumar

बिहार, उत्‍तर प्रदेश और दिल्‍ली से प्रारंभिक के साथ उच्‍च शिक्षा हासिल की. झांसी से ग्रैजुएशन करने के बाद दिल्‍ली यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता में PG डिप्‍लोमा किया. Hindustan Times ग्रुप से प्रोफेशनल कॅरियर की शु...और पढ़ें

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New Delhi,Delhi

First Published :

December 06, 2025, 13:47 IST

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