पूर्वांचल एक्सप्रेस पर 'प्राइवेट मूवमेंट' लीक होने का सबसे बड़ा दोषी कौन?

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Last Updated:December 10, 2025, 19:49 IST

UP Purvanchal Expressway Viral Video: उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल एक्सप्रेस वे का नाम इन दिनों हर किसी के जुबान पर है और इसकी वजह है सोशल मीडिया पर वायरल एक कपल का वीडियो. यह वीडियो पूर्वांचल एक्सप्रेस वे पर बनाया गया है और इसके लीक होने के बाद से टोल प्लाजा के मैनेजर पर कार्रवाई भी हुई है और पुलिस ने उसे अरेस्ट कर पूछताछ कर रही है. अब इस केस का सबसे बड़ा दोषी कौन है, कानूनी पहलू से यह जानने की कोशिश की है....

पूर्वांचल एक्सप्रेस पर 'प्राइवेट मूवमेंट' लीक होने का सबसे बड़ा दोषी कौन?पूर्वांचल एक्सप्रेस वे पर एक कपल का सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल है

नई दिल्ली. यूपी का पूर्वांचल एक्सप्रेस इन दिनों सुर्खियों में है. इस बार एक्सप्रेस-वे कारों की रफ्तार की वजह से नहीं बल्कि उस पर बने एक वीडियो की वजह से है. ये कोई ऐसा वैसा वीडियो नहीं बल्कि एक कपल का निजी पलों का वीडियो है जो सोशल मीडिया पर वायरल है. अब सवाल उठ रहा है कि आखिर इसका दोषी कौन वो कपल जिनका वीडियो लीक हुआ क्योंकि वो भी सर्वाजनिक स्थल पर आपत्तिजनक हालत पर थे या फिर टोल प्लाजा का असिस्टेंट मैनेजर जिसने यह वीडियो लीक किया.

कानून की नजर में जिस कपल का वीडियो लीक हुआ है वो पीड़ित है क्योंकि कपल पर अपराध तभी बनता है जब यह साबित हो सके कि उन्होंने सार्वजनिक स्थान पर अश्लील हरकत की हो और वह हरकत जानबूझकर लोगों के सामने की गई हो. अगर उनके निजी पलों को किसी ने छुपकर वीडियो बना लिया, तो कानूनी रूप से कपल पीड़ित माना जाएगा, आरोपी नहीं. असल में उत्तर प्रदेश में एक टोल प्लाजा मैनेजर पर आरोप है कि उसने सीसीटीवी कैमरों का इस्तेमाल कर यात्रियों के निजी पलों की रिकॉर्डिंग की और उनसे पैसे वसूलने के लिए ब्लैकमेल किया. इन वीडियो के ऑनलाइन लीक होने के बाद लोगों में आक्रोश फैल गया और मुख्यमंत्री को औपचारिक शिकायत भेजी गई.

कौन है आरोपी
आरोपी की पहचान अशुतोष बिस्वास के रूप में हुई है, जो सुल्तानपुर के पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर स्थित हलियापुर टोल प्लाजा पर असिस्टेंट मैनेजर के पद पर तैनात था. पुलिस ने उसके खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और आरोप लगने के बाद उसे नौकरी से भी निकाल दिया गया है. हालांकि, बिस्वास ने इन आरोपों से इनकार किया है और दावा किया है कि उसे फंसाया गया है. फिलहाल वह पुलिस हिरासत में है और उससे पूछताछ की जा रही है. यदि यह साबित हो जाता है कि कपल की किसी ने बिना सहमति के वीडियो बनाया गया है तो वह मुख्य आरोपी अशुतोष को माना जाएगा. यह निजता के अधिकार का सीधा उल्लंघन है. इसे यौन शोषण की श्रेणी में भी लिया जा सकता है. इतना ही नहीं जिसने वीडियो व्हाट्सऐप, इंस्टाग्राम, एक्स, टेलीग्राम या फेसबुक जैसे किसी भी सोशल मीडिया प्लेटफॉम पर वीडियो शेयर किया है तो वह भी आरोपी बनाए जा सकते हैं. कई मामलों में वायरल करने वाला सबसे बड़ा आरोपी बनता है।

क्या है मामला
यह मामला सोमवार को तब सामने आया जब कई वीडियो और एक शिकायत पत्र मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और सुल्तानपुर के जिलाधिकारी को भेजा गया. ये वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गए थे. एक वीडियो में एक नवविवाहित जोड़ा अपनी कार में निजी पल बिताते हुए दिख रहा है, जो पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर खड़ी थी. शिकायत के अनुसार, अशुतोष जो एंटी ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (एटीएमएस) की निगरानी करता था, उसने सीसीटीवी कैमरों के जरिए इस जोड़े की रिकॉर्डिंग की. उन्हें वीडियो दिखाकर धमकाया और वीडियो सार्वजनिक करने की धमकी देकर 32 000 रुपये वसूले. आरोप है कि पैसे देने के बावजूद आरोपी अशुतोष ने वीडियो ऑनलाइन वायरल कर दिया.

आरोपी पर कौन-कौन सी धाराएं लग सकती हैं?

IT Act, 2000
– सेक्शन 67 के अनुसार, अश्लील वीडियो ऑनलाइन डालने पर आरोपी को 3 से 5 साल जेल और 5 से 10 लाख रुपये का जुर्माना हो सकता है.
– वहीं सेक्शन 67A के तहत, यौन कृत्य का वीडियो बनाने पर 5 से 7 साल जेल हो सकती है और ₹10 लाख तक जुर्माना हो सकता है. भारतीय न्याय संहिता (BNS 2023) के तहत कौन कौन सी धाराएं लगाई जा सकती है
– BNS 296 के तहत सार्वजनिक अश्लीलता फैलाने के आरोपी में 3 महीने की जेल या जुर्माना की सजा हो सकती है.
– BNS 77 के तहत गुप्त रूप से वीडियो बनाना के आरोप में 3 से 7 साल जेल की सजा हो सकती है.
– BNS 356 के तहत पीड़ित मानहानि का केस फाइल कर सकता है जिसमें आरोपी को 2 साल जेल की सजा हो सकती है.
– BNS 318 के तहत आरोपी को ब्लैकमेल या धमकी देने के आरोप में 2 से लेकर 7 साल जेल की सजा हो सकती है.

ऐसा होने पर कप्लस को क्या करना चाहिए?
अगर कपल को लगता है कि उनका वीडिया किसी ने उनका कोई वीडियो बना लिया है और वो उनको ब्लैकमेल कर पैसा वसूल रहा है तो वह सबसे पहले नजदीक के थाने में जाकर एफआईआर दर्ज कराएं. इतना ही नहीं इसकी शिकायत साइबर सेल में भी करे ताकि उसका अगर वीडियो किसी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी शेयर किया गया है तो उस पर भी रोक लगाई जा सके. उस वीडियो को सोशल मीडिया पर रोकने के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाए ताकि जज किसी भी तरह प्रसारित होने से रोका लगा सके.

और क्या-क्या हुए खुलासे
वीडियो वायरल होने के बाद, बिस्वास द्वारा कथित रूप से ब्लैकमेल किए गए लोगों के एक समूह ने मिलकर लिखित शिकायत दी. उन्होंने अपने आरोपों के समर्थन में सबूत भी पेश किए. शिकायत में आरोप है कि बिस्वास नियमित रूप से एक्सप्रेसवे पर लगे सीसीटीवी कैमरों से यात्रियों के साथ-साथ आसपास के गांवों की महिलाओं और लड़कियों की निगरानी करता था. इतना ही नहीं उनके ‘अश्लील कृत्य’ रिकॉर्ड करता था और इन वीडियो के जरिए पैसे वसूलता था. इस खुलासे के बाद से टोल प्लाजा का संचालन करने वाली ठेका कंपनी ने बिस्वास को नौकरी से निकाल दिया है. हालांकि, कंपनी की कार्रवाई पर सवाल उठ रहे हैं. जहां शिकायतकर्ता समूह ने 2 दिसंबर को शिकायत दी थी, वहीं कंपनी का दावा है कि उसने बिस्वास को पहले ही 30 नवंबर को निकाल दिया था, जिससे समयरेखा को लेकर संदेह पैदा हो गया है. इस बीच, बिस्वास का कहना है कि वह निर्दोष है और कुछ साथियों ने उसके खिलाफ साजिश रची है. उसका दावा है कि उसके पास अपनी बेगुनाही के सबूत हैं.

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अरुण बिंजोला

अरुण ब‍िंजोला इस वक्‍त न्‍यूज 18 में बतौर एसोसिएट एड‍िटर अपनी सेवाएं दे रहे हैं. वह करीब 15 सालों से पत्रकार‍िता में सक्र‍िए हैं और प‍िछले 10 सालों से ड‍िजिटल मीड‍िया में काम कर रहे हैं. करीब एक साल से न्‍यूज 1...और पढ़ें

First Published :

December 10, 2025, 19:49 IST

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