पोएटिक हो रहे हैं... स‍िंघवी की हाईकोर्ट में जज के सामने ये 10 दलीलें

1 month ago

नई द‍िल्‍ली. द‍िल्‍ली हाईकोर्ट में मुख्‍यमंत्री अरव‍िंद केजरीवाल के वकील अभ‍िषेक मनु स‍िंघवी ने दलील दी क‍ि सीबीआई द्वारा में क्‍लाइंट को ग‍िरफ्तारी स‍िर्फ इंश्योरेंस अरेस्‍ट के अलावा और कुछ नहीं है. जब आप चाहते हैं और आप पकड़ लेते हैं, चूंकि मुझे जून में सीबीआई द्वारा गिरफ्तार किया गया था, तब से कोई पूछताछ नहीं हुई है. सिंघवी ने आगे कहा क‍ि क्या ऐसा मामला देखा है कि 2023 के मध्य मे सीबीआई मुझे 160 (गवाह वाला समन) में बुलाती है. उसके बाद मुझे कोई समन नहीं भेजती है. जून 2024 में मुझे गिरफ्तार कर लेती है. केजरीवाल के खिलाफ कोई प्रत्यक्ष सबूत नहीं, उनसे कोई बरामदगी नहीं हुई है.

सिंघवी हाईकोर्ट में दलील दी क‍ि जांच एजेंसी CBI ने सूत्रधार शब्द का इस्तेमाल किया है. उन्‍होंने कहा है क‍ि यह पोएटिक हो रहे हैं. ये नीति पहली बार 4 सितंबर 2020 को बनी. एक साल में नौ विशेषज्ञ समितियां बनी. इनमें चार विभाग शामिल थे और एक साल के बाद जुलाई 2021 में पहली बार नीति सामने आई, जिसमें पचास अधिकारी शामिल थे.

केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी की दलीलें

– स‍िंघवी ने कहा क‍ि मैंने पहले भी कहा था कि यह कुछ और नहीं बल्कि इन्शयोरेंस गिरफ्तारी है. ईडी मामले में तीन बार जमानत मिल चुकी है, किसी न किसी रूप में जब से मुझे सीबीआई ने गिरफ्तार किया है. तबसे किसी गवाह से आमना-सामना नहीं कराया गया. कुछ भी नहीं हुआ. सिंघवी ने एक फैसले का हवाला देते हुए कहा कि सीआरपीसी की धारा 160 केवल गवाहों से संबंधित है और केजरीवाल को सीबीआई ने इसी प्रावधान के तहत पूछताछ के लिए बुलाया था.

– सिंघवी ने कहा क‍ि क्या आपने कभी ऐसा मामला देखा है, जहां 2023 में केजरीवाल को गवाह के तौर पर बुलाया जाए. उसके बाद कोई समन न हो और कुछ भी न हो और फिर 2024 में गिरफ्तार कर लिया जाए?

– सिंघवी ने आगे कहा क‍ि केजरीवाल के खिलाफ कोई सीधा सबूत या कुछ भी नहीं है. CBI विजय नायर को मुख्य आरोपी बताते रहते हैं, जबकि विजय नायर को सीबीआई केस में बहुत पहले ही जमानत मिल गई थी. सीबीआई केजरीवाल को सूत्रधार कहती हैं, लेकिन वे इस सूत्रधार के बारे में एक भी बात नहीं बताते. शराब नीति से निपटने के लिए नौ अंतर-मंत्रालयी समितियां थीं, इनमें विभिन्न विभागों के अधिकारी थे. एक साल बाद, जुलाई 2021 में नीति प्रकाशित हुई। यह एक संस्थागत फैसला है.

– सिंघवी ने आगे कहा क‍ि सीबीआई का कहना है कि केजरीवाल ने इस पर हस्ताक्षर किए हैं. बिल्कुल 15 अन्य लोगों ने भी इस पर हस्ताक्षर किए हैं. एलजी ने इस पर हस्ताक्षर किए हैं. मैं एलजी को सह-आरोपी नहीं बनाना चाहता, लेकिन सीबीआई को अपने तर्क के अनुसार उन्हें भी आरोपी बनाना चाहिए. मुख्य सचिव सहित 50 नौकरशाहों को भी सह-आरोपी बनाया जाना चाहिए.

– सिंघवी ने कहा क‍ि आज सीबीआई के पास कोई प्रत्यक्ष सबूत नहीं है, कोई बरामदगी नहीं है. यह केवल अफवाह है.

सीबीआई ने दिल्ली शराब घोटाले में चार्जशीट की दाखिल, केजरीवाल को बनाया आरोपी

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने कथित शराब घोटाले से जुड़े भ्रष्टाचार मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और अन्य आरोपियों के खिलाफ एक विशेष अदालत में सोमवार को आरोप पत्र दाखिल कर दिया. यह जांच एजेंसी की ओर से एक महत्वपूर्ण कदम है. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पहले ही मनी लॉन्ड्रिंग मामले में चार्जशीट दाखिल कर चुकी है, जिसमें आम आदमी पार्टी (आप) और इसके राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल को आरोपी बनाया गया है. चार्जशीट में केजरीवाल को शराब घोटाले में मुख्य साजिशकर्ता में से एक बताया गया है. आरोप है कि आम आदमी पार्टी को 100 करोड़ की रिश्वत मिली थी.

इससे पहले 12 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने सीएम केजरीवाल को ईडी मामले में अंतरिम जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया था. हालांकि, सीबीआई द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद से वह जेल से बाहर नहीं आ पाए. हाल ही में, दिल्ली की एक अदालत ने कथित शराब घोटाले में सीएम केजरीवाल की न्यायिक हिरासत 8 अगस्त तक बढ़ा दी थी.

Tags: Abhishek Manu Singhvi, Arvind kejriwal, Delhi liquor scam

FIRST PUBLISHED :

July 29, 2024, 19:20 IST

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