Last Updated:January 28, 2025, 11:23 IST
IPS Zahur Haider Zaidi, Gudiya Suraj Case: एक आईजी रैंक के आईपीएस अधिकारी को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है. काफी पढ़ाई लिखाई के बाद उन्होंने यूपीएससी परीक्षा (UPSC Exam) पास की थी और आईपीएस के ओहदे तक पहुंचे थे.
IPS ki kahani, IPS Zahur Haider Zaidi biograph: आईजी जहूर जैदी कैसे बने थे आईपीएस?
हाइलाइट्स
आईपीएस जहूर जैदी को उम्रकैद की सजा.जैदी ने 1993 में यूपीएससी परीक्षा पास की थी.गुड़िया रेप और मर्डर केस में दोषी पाए गए.IPS Story, IPS Zahur Haider Zaidi, Gudiya Suraj Case: सीबीआई की अदालत ने एक आईपीएस अधिकारी को उम्रकैद की सजा सुनाई है, जिसके बाद यह आईपीएस अधिकारी काफी चर्चा में हैं, हालांकि वह आज से सात साल पहले उस समय भी सुर्खियों में थे. जब नाबालिग लड़की के रेप व मर्डर केस के एक आरोपी की कस्टडी में मौत हो गई थी. उस समय उन्हें सस्पेंड कर दिया गया था. ऐसे में आइए आपको बताते हैं कि ये आईपीएस अधिकारी कौन हैं और इन्होंने यूपीएससी जैसी कठिन परीक्षा कब पास की थी?
IPS Zahur Haider Zaidi Biography: इस आईपीएस अधिकारी का नाम जहूर हैदर जैदी है. वह अपने कार्यकाल में आईजी रैंक तक पहुंच गए थे मूल रूप से उत्तर प्रदेश के लखनऊ के रहने वाले जहूर जैदी का जन्म 1968 में हुआ था. इसके बाद जैदी ने प्रारंभिक पढ़ाई पूरी करने के बाद इंजीनियरिंग का कोर्स किया. उन्होंने मैकेनिकल इंजीनियरिंग की डिग्री ली और संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की सिविल सर्विसेज परीक्षा (Civil Services Exam) की तैयारी शुरू कर दी. आखिरकार, वर्ष 1993 की यूपीएससी परीक्षा में उन्हें सफलता मिल ही गई. एक साल की ट्रेनिंग के बाद उन्हें वर्ष 1994 में हिमाचल कैडर का आईपीएस नियुक्त किया गया, जिसके बाद से वह लगातार हिमाचल प्रदेश में अलग अलग जगहों पर कार्यरत रहे. वर्ष 2010 में जहूर जैदी को उनकी सेवाओं के लिए पुलिस पदक से भी सम्मानित किया गया.
IG Zahur Haider Zaidi: आईजी रैंक के अधिकारी बन गए थे जैदी
आईपीएस जुहूर हैदर जैदी अपने काम के दम पर धीरे धीरे प्रमोशन पाते गए और वह आईजी रैंक के अधिकारी बन गए थे. उन्होंने पुलिस मैनेजमेंट में मास्टर डिग्री भी ली. अपने कार्यकाल के दौरान वह आईजी ट्रैफिक के पद पर भी रहे. इसके अलावा वर्ष 2017 में उन्हें आईजी लॉ एंड ऑर्डर के पद पर नियुक्त किया गया था.
Gudiya Rape and Murder case: गुड़िया रेप एंड मर्डर केस ने किया तबाह
हिमाचल प्रदेश में एक बहुचर्चित गुड़िया रेप एंड मर्डर केस से आईपीएस जहूर जैदी का पूरा करियर तबाह हो गया. दरअसल, शिमला के कोटखाई इलाके में एक स्कूली छात्रा के साथ रेप हुआ और इसी दौरान उसका मर्डर भी कर दिया गया. वह छात्रा दसवीं में पढ़ती थी. वह घर से स्कूल के लिए निकली थी, लेकिन इसी बीच रास्ते में दुष्कर्म के बाद उसकी हत्या कर दी गई. 4 जुलाई 2017 को हुई इस घटना से सबको झकझोर दिया. इसे गुड़िया रेप एंड मर्डर केस का नाम दिया गया. तब यहां कांग्रेस की सरकार थी. तत्कालीन वीरभद्र सिंह सरकार ने एसआईटी गठित की, जिसकी कमान आईजी रैंक के अधिकारी जहूर जैदी को सौंपी गई. 13 जुलाई 2017 को जहूर जैदी ने इस केस को सॉल्व करने का दावा किया, लेकिन बाद में इस मामले में पुलिस ने जिस सूरज को आरोपी बताया था. उसकी 18 जुलाई 2017 को पुलिस कस्टडी के दौरान लॉकअप में हत्या हो गई.
कब क्या हुआ?
इधर पुलिस जांच से नाराज लोगों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया, जिसके बाद सरकार ने इस मामले की सीबीआई जांच की सिफारिश कर दी. इस मामले में हाईकोर्ट की फटकार के बाद 29 अगस्त 2017 को सीबीआई ने आईजी जहूर जैदी समेत आठ अन्य पुलिसकर्मियों को अरेस्ट कर लिया. जहूर जैदी को सुप्रीम कोर्ट से 5 अप्रैल 2019 को जमानत मिली, लेकिन ट्रायल कोर्ट से जमानत रदद होने के कारण फिर से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. इस तरह वह 4 साल 3 महीने हिरासत में रहे. अक्टूबर 2022 में जहूर जैदी को पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट ने नियमित जमानत दी थी. 27 जनवरी 2023 को सुखविंदर सरकार के कार्यकाल में जुहूर जैदी की सेवाएं बहाल की गई थी, लेकिन अब सीबीआई की अदालत ने इस मामले में जुहूर जैदी समेत आठ पुलिसकर्मियों को अब उम्रकैद की सजा सुनाई है. साथ ही इन पर एक एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है.
First Published :
January 28, 2025, 11:15 IST