बंगाल को मनरेगा के तहत नहीं दिया गया एक पैसा; क्या केंद्र ने मान ली सच्चाई?

1 month ago

पश्चिम बंगाल की तृणमूल सरकार केंद्र सरकार पर लगातार आरोप लगाती है कि उसने मनरेगा के तहत राज्य को बीते कई सालों के भुगतान नहीं कर रही है. बीते दिनों लोकसभा में टीएमसी के महासचिव अभिषेक बनर्जी ने इस मुद्दे को उठाया था. उन्होंने वित्त मंत्री को चुनौती देते हुए कहा था कि वह इस मसले पर श्वेत पत्र जारी करें. फिर दूध का दूध और पानी का पानी साफ हो जाएगा.

इस बीच तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य डेरेक ओ ब्रायन ने मनरेगा पर एक प्रश्न के उत्तर में राज्य सभा में दिए गए जवाब का हवाला देते हुए रविवार को दावा किया कि केंद्र सरकार ने अपने जवाब में आखिरकार स्वीकार कर लिया है कि पश्चिम बंगाल को 100 दिवसीय महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत शून्य धनराशि दी गई है.

श्वेतपत्र की मांग
उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि तृणमूल कांग्रेस और इसके लोकसभा सदस्य अभिषेक बनर्जी 2021 के राज्य विधानसभा चुनाव में भाजपा की हार के बाद से इस योजना पर श्वेतपत्र की मांग कर रहे हैं ताकि यह साबित हो सके कि केंद्र ने पश्चिम बंगाल को क्या भुगतान किया है. ब्रायन ने एक पोस्ट में कहा कि आखिरकार! मोदी सरकार ने संसद में स्वीकार किया कि बंगाल को मनरेगा के लिए शून्य धनराशि दी गई है.

उन्होंने 26 जुलाई को दिए गए उत्तर को साझा किया जिसमें मनरेगा के तहत 100 दिन का रोजगार पूरा करने वाले परिवारों की संख्या पर पिछले पांच वित्तीय वर्षों का राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों का डेटा दिया गया था.

केंद्रीय ग्रामीण विकास राज्य मंत्री कमलेश पासवान द्वारा संसद के उच्च सदन में दिए गए लिखित उत्तर के अनुसार, पश्चिम बंगाल में 2023-24 में 100 दिन का वेतन रोजगार पूरा करने वाले परिवारों की संख्या शून्य थी. ग्रामीण विकास मंत्रालय के अधिकारियों ने पूर्व में कहा था कि केंद्र सरकार के निर्देशों का पालन न करने के कारण नौ मार्च 2022 को मनरेगा के तहत पश्चिम बंगाल को धनराशि जारी करना रोक दिया गया था.

Tags: CM Mamata Banerjee, TMC Leader

FIRST PUBLISHED :

August 4, 2024, 19:00 IST

Read Full Article at Source