बंगाल में SIR: कैमरे में कैद हुए घुसपैठिये, बोले- हां, हमारा घर बांग्लादेश में

3 weeks ago

Last Updated:November 26, 2025, 10:33 IST

 कैमरे में कैद हुए घुसपैठिये, बोले- हां, हमारा घर बांग्लादेश मेंसंदेशखाली में इन लोगों ने कैमरे पर स्वीकार किया कि वे बांग्लादेशी हैं और लंबे समय से भारत में रह रहे हैं.

West Bengal SIR News: पश्चिम बंगाल के संदेशखाली ब्लॉक-2 के कोराकाटी ग्राम पंचायत क्षेत्र में एक बार फिर घुसपैठ का गंभीर मामला सामने आया है. स्थानीय निवासियों ने दावा किया है कि बूथ नंबर 235 के अंतर्गत कई बांग्लादेशी नागरिक वर्षों से अवैध रूप से रह रहे हैं और सरकारी योजनाओं का लाभ भी ले रहे हैं. इन लोगों ने कथित तौर पर स्थानीय नेताओं की मदद से आधार कार्ड, वोटर कार्ड, राशन कार्ड जैसे भारतीय दस्तावेज बनवाए हैं. ये लक्ष्मीर भंडार जैसी मुफ्त राशन की सुविधाएं प्राप्त कर रहे हैं.

विशेष गहन संशोधन (SIR) प्रक्रिया शुरू होने के बाद यह मामला प्रकाश में आया है. ग्रामीणों का आरोप है कि ये बांग्लादेशी नागरिक कई साल पहले सीमा पार करके आए थे और कुछ स्थानीय नेताओं के संरक्षण में यहां बस गए. दस्तावेज बनवाने के बाद ये लोग पूरी तरह भारतीय नागरिक बनकर रहने लगे. ग्रामीणों ने कई नाम सामने रखे हैं. इनमें एक व्यक्ति शाहीन गाजी हैं, जो स्थानीय जमीर गाजी का बेटा बताकर रह रहा है, लेकिन ग्रामीणों के अनुसार वह मूल रूप से बांग्लादेशी है. शाहीन वर्तमान में तमिलनाडु में कपड़े बेचने का काम करता है. इसी तरह एक महिला मरजीना बीबी पर भी बांग्लादेशी होने का आरोप है. ग्रामीणों का कहना है कि वह अपने चाचा नूर अली गाजी की बेटी बनकर रह रही है.

हालांकि, मरजीना ने इन आरोपों से इनकार किया और कहा कि वह तो यहीं की रहने वाली है, सिर्फ उसका पति बांग्लादेशी है. मरजीना के पति गफुर मोल्ला ने खुलकर स्वीकार किया कि मेरा घर बांग्लादेश के पारुली गोरुर हाट में है. मैं अवैध तरीके से भारत आई और कभी वापस नहीं गई. गफुर के पास वोटर कार्ड नहीं है, लेकिन उसने बताया कि उसे खाद्य सुरक्षा योजना के तहत चावल-गेहूं मिलता है और उसके पास अन्य सरकारी दस्तावेज भी हैं. ग्रामीणों ने एक और महिला अंजुरा शेख का नाम लिया, जो कथित रूप से अमीरुल शेख की बेटी बनकर वोटर कार्ड बनवाई और अवैध रूप से रह रही है.

इसी तरह हबीबुल शेख पर आरोप है कि उसने अपने ससुर को दस्तावेजों में पिता दिखाकर भारतीय पहचान बनाई और अब वह दूसरे राज्य में मजदूरी करता है. ग्रामीणों का कहना है कि बूथ नंबर 235 में ऐसे दर्जनों बांग्लादेशी परिवार रह रहे हैं. एक बुजुर्ग ग्रामीण ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि हम सालों से देख रहे हैं कि नए-नए लोग आकर बस जाते हैं. पहले इनकी भाषा, रहन-सहन सब अलग लगता था, लेकिन दस्तावेज बन जाने के बाद कोई कुछ नहीं बोलता. अब SIR शुरू हुआ है तो सच सामने आ रहा है.

इस मामले ने इलाके में भारी तनाव पैदा कर दिया है. स्थानीय लोग प्रशासन से मांग कर रहे हैं कि सभी संदिग्धों की गहन जांच हो और घुसपैठियों को बाहर किया जाए. एक युवक ने कहा कि हमारे इलाके की असली आबादी को जो सुविधाएं मिलनी चाहिए, वे बाहर से आए लोगों को मिल रही हैं. यह सरासर अन्याय है.

बीजेपी नेताओं ने इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाया है. प्रदेश बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि संदेशखाली पहले शाहजहां शेख के अत्याचार के लिए चर्चा में था, अब बांग्लादेशी घुसपैठ का खुलासा हो रहा है. यह राज्य सरकार की नाकामी है कि सीमा सुरक्षा के नाम पर सिर्फ खानापूर्ती हो रही है. तृणमूल कांग्रेस ने अभी तक इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है. स्थानीय तृणमूल नेता ने कहा कि SIR प्रक्रिया चल रही है, जो भी गलत होगा, उसे सुधार लिया जाएगा. बिना सबूत के आरोप लगाना ठीक नहीं.

जिला प्रशासन ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है. डीएम ऑफिस के एक अधिकारी ने बताया कि हमें शिकायतें मिली हैं. सभी नामों की सूची बनाई जा रही है और संबंधित दस्तावेजों की जांच की जा रही है. जो भी अवैध पाया जाएगा, उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई होगी. संदेशखाली पहले भी राजनीतिक हिंसा और महिलाओं पर अत्याचार के मामले में सुर्खियों में रहा था. अब बांग्लादेशी घुसपैठ का नया मामला इलाके के सामाजिक ताने-बाने पर गंभीर सवाल खड़े कर रहा है. आने वाले दिनों में SIR प्रक्रिया के दौरान और कितने ऐसे मामले सामने आएंगे, इस पर सबकी नजरें टिकी हैं.

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First Published :

November 26, 2025, 10:33 IST

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