कोलकाता: बंगाल में SIR प्रक्रिया को लेकर सियासी टकराव लगातार बढ़ रहा है. तृणमूल कांग्रेस ने मंगलवार को मुख्य चुनाव आयुक्त से मुलाकात की और बैठक खत्म होने के बाद आरोप लगाया कि उन्होंने चुनाव आयोग से जितने सवाल पूछे, उनमें से एक का भी जवाब नहीं मिला. TMC प्रतिनिधिमंडल का दावा है कि SIR प्रक्रिया ‘जल्दबाजी, अव्यवस्था और दबाव’ का मिश्रण बन चुकी है. इससे हजारों लोग परेशान हो रहे हैं.
इसी सिलसिले में पार्टी ने चुनाव आयोग के सामने 5 बड़े सवाल रखे. लेकिन प्रतिनिधिमंडल का कहना है कि EC ने किसी भी मुद्दे पर संतोषजनक जवाब नहीं दिया. इस प्रतिनिधिमंडल में लोकसभा और राज्यसभा के 10 सांसद शामिल थे. पार्टी नेताओं ने यहां तक कहा कि ‘यह उसी मॉडल को बंगाल में लागू करने की कोशिश है, जो बिहार में देखने को मिला था.’
चुनाव आयोग से 2 घंटे की बैठक, लेकिन जवाब ‘शून्य’
TMC का कहना है कि बैठक करीब दो घंटे चल. इसमें पार्टी ने EC को 40 मृत BLO की सूची भी सौंपी. सांसदों ने आरोप लगाया कि ‘मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों के हाथ खून से सने हुए हैं.’ पार्टी का दावा है कि आयोग लगातार यह कह रहा है कि BLO को केवल 5-6 घरों में जाना है, जबकि जमीनी हकीकत इसके उलट है.
महुआ मोइत्रा ने उठाए तकनीकी सवाल
TMC सांसद महुआ मोइत्रा ने कहा कि EC की अपनी प्रक्रिया ही विरोधाभासी है. आयोग की ओर से स्पष्ट किया गया कि नाम हटाने के नियम सिर्फ चार स्थितियों में लागू होंगे- मृत व्यक्ति, स्थायी रूप से पलायन, डुप्लीकेट वोटर और गैर-नागरिक. लेकिन महुआ ने पूछा कि जब Form-7 और Form-8 पहले से मौजूद हैं, तो SIR की नई व्यवस्था क्यों?
महुआ के मुख्य तर्क इस प्रकार रहे-
Form-7 पहले से मृत व्यक्ति का नाम हटाने के लिए है. Form-8 पलायन कर चुके लोगों का रिकॉर्ड सुधारने के लिए है. बिना डीडुप्लीकेशन सॉफ्टवेयर के डुप्लीकेट वोटर कैसे पहचाने जाएंगे. SIR प्रक्रिया पहले से उपलब्ध प्रावधानों की डुप्लीकेट कॉपी जैसी क्यों है.हम प्रक्रिया के खिलाफ नहीं, ‘अमानवीय तरीके’ के खिलाफ-डेरिक ओ ब्रायन
डेरिक ओ ब्रायन ने कहा कि TMC SIR की संवैधानिक वैधता पर सवाल नहीं उठा रही, बल्कि उस तरीके पर सवाल उठा रही है. इसमें इसे लागू किया जा रहा है. उनका कहना था कि ‘बिना प्लानिंग, बिना संवेदना और निर्दय तरीके से इसे लागू किया जा रहा है, इसलिए इसका विरोध हो रहा है.’
10 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने 2 घंटे की बैठक में 40 मृत BLO की सूची सौंपी.
शताब्दी रॉय ने रखे TMC के 5 सवाल
सभा के बाद सांसद शताब्दी रॉय ने कहा कि TMC के सारे सवाल अनुत्तरित रहे. उन्होंने पांच बड़े सवाल इस प्रकार गिनाए-
SIR किसके लिए? अगर यह घुसपैठियों के लिए है तो इसे सिर्फ बंगाल में क्यों? पुरानी सूची गलत तो सरकार गलत? EC ने हमारी आपत्तियों का जवाब ही नहीं दिया. BLO पर दबाव? 40 मौतों का आंकड़ा हम दे रहे हैं, EC मानने को तैयार नहीं. बंगला सहायकों को शामिल क्यों नहीं किया? इससे प्रक्रिया तेज हो सकती है. बिहार मॉडल क्यों? क्या बंगाल में भी वोटर कार्ड होते हुए वोट न देने जैसी स्थिति लाने की कोशिश है?समझिए पूरा मामला
| मुद्दा | TMC का आरोप | EC का जवाब |
| SIR की जरूरत | पुरानी लिस्ट सही तो नया SIR क्यों | कोई स्पष्ट जवाब नहीं |
| BLO की मौत | 40 मौतों का दावा | EC ने स्वीकार नहीं किया |
| फॉर्म-7/8 की मौजूदगी | पुराने फॉर्म पर्याप्त | EC ने नई व्यवस्था को ‘जरूरी’ बताया |
| डुप्लीकेशन | सॉफ्यवेयर नहीं | EC ने प्रक्रिया जारी बताई |
| राज्यों में भेदभाव सिर्फ | बंगाल में SIR क्यों | कोई जवाब नहीं |
बीजेपी पर TMC का गंभीर आरोप
TMC सांसदों ने दावा किया कि कुछ BJP नेताओं के बयान में कहा गया है कि ‘हम 1 करोड़ नाम डिलीट करेंगे.’ TMC का सवाल है कि उन्हें यह संख्या कैसे पता चली? पार्टी का आरोप है कि यह संकेत है कि ‘BJP ही चुनाव आयोग को नियंत्रित कर रही है.’
पार्टी का कहना है कि बंगाल में ममता बनर्जी की सरकार है और यहां ‘बिहार जैसा मॉडल लागू नहीं होने दिया जाएगा.’
TMC का दावा- बंगाल में बिहार जैसा नहीं होने देंगे
पार्टी का कहना है कि बंगाल में ममता बनर्जी की सरकार है और यहां ‘बिहार जैसा मॉडल लागू नहीं होने दिया जाएगा.’ TMC ने साफ कहा कि SIR प्रक्रिया की हर खामी को उजागर किया जाएगा और चुनाव आयोग से जवाब मांगना जारी रहेगा.

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