Last Updated:June 08, 2025, 17:32 IST
Suhas Shetty Murder Case: मंगलुरु में बजरंग दल नेता सुहास शेट्टी की हत्या के पीछे गहरी साजिश के संकेत मिले हैं. गृह मंत्रालय ने केस को NIA को सौंपा. सवाल है कि आखिर NIA को यह केस क्यों दिया गया है आइए समझते हैं...और पढ़ें

बजरंग दल नेता सुहास शेट्टी की हत्या की जांच NIA को सौंपी गई. (फाइल फोटो)
हाइलाइट्स
गृह मंत्रालय ने सुहास शेट्टी हत्या केस NIA को सौंपा.हत्या के पीछे गहरी साजिश और साम्प्रदायिक उकसावे के संकेत.NIA आमतौर पर आतंकवाद और राष्ट्रीय सुरक्षा मामलों की जांच करती है.Suhas Shetty Murder Case: कर्नाटक के मंगलुरु में बजरंग दल के पूर्व नेता सुहास शेट्टी की हत्या ने न सिर्फ इलाके में तनाव फैला दिया बल्कि पूरे राज्य की सियासत को भी गरमा दिया. 1 मई की रात हुई इस सनसनीखेज हत्या के बाद लगातार साम्प्रदायिक तनाव की खबरें सामने आ रही थीं तो वहीं भाजपा ने इसे एक ‘सुनियोजित हमला’ करार देते हुए जांच को NIA को सौंपने की मांग की थी. अब गृह मंत्रालय ने इस मांग को गंभीरता से लेते हुए केस को NIA के हवाले कर दिया है.
बता दें कि NIA आमतौर पर सिर्फ आतंकवाद और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मामलों की जांच करती है. सवाल यही है कि एक क्षेत्रीय हत्या का केस सीधे देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी को क्यों दिया गया? क्या इसमें कोई बड़ा साजिशी एंगल छिपा है?
क्यों NIA?
आमतौर पर NIA (नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी) केवल आतंकवाद, राष्ट्रविरोधी गतिविधियों या संगठित नेटवर्क से जुड़े मामलों की जांच करती है. फिर आखिर एक स्थानीय मर्डर केस इसमें कैसे आ गया? गृह मंत्रालय (MHA) ने इसे महज एक हत्या नहीं बल्कि सुनियोजित साम्प्रदायिक उकसावे और गहरी साजिश के एंगल से देखा है.
सूत्रों के मुताबिक गिरफ्तार किए गए आठ आरोपियों — अब्दुल सफवान, नियाज, मुजम्मिल, खालंदर, आदिल, नागराज, रंजीत और रिजवान — के बीच न केवल धार्मिक संगठन से जुड़ाव की आशंका है बल्कि कुछ संदिग्ध डिजिटल नेटवर्क भी सामने आए हैं. ऐसे संकेत मिले हैं कि यह हत्या किसी बड़े ‘रिटालिएशन प्लान’ (बदले की साजिश) का हिस्सा हो सकती है जो फाजिल हत्याकांड से भी जुड़ती है.
सुहास शेट्टी कौन था?
42 वर्षीय सुहास शेट्टी बजरंग दल का जाना-पहचाना नाम था. वह दक्षिण कन्नड़ इलाके में काफी सक्रिय था और 2022 में हुए फाजिल मर्डर केस का मुख्य आरोपी भी था. जिस केस ने राज्य में साम्प्रदायिक माहौल को गरमा दिया था. उसी के एक किरदार की हत्या ने फिर से पूरे दक्षिण कन्नड़ और उडुपी जिले को सुलगा दिया.
1 मई की रात सुहास अपने पांच साथियों के साथ कार में था. दो कारों में आए छह हमलावरों ने तलवारों और धारदार हथियारों से उस पर ताबड़तोड़ हमला कर दिया. अस्पताल पहुंचने से पहले ही उसकी मौत हो गई.
कर्नाटक सरकार और बीजेपी आमने-सामने
हत्या के बाद भाजपा ने खुलकर सरकार पर हमला बोला था. विधायक भरत शेट्टी ने कहा था, “कर्नाटक में कानून व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं बची है. जिहादी ताकतों को खुली छूट दी गई है. पुलिस तबादलों में व्यस्त है और सरकार को हमारे कार्यकर्ताओं को जेल भेजने में मजा आ रहा है.”
दूसरी ओर सरकार ने हालात को संभालने के लिए ‘एंटी-कम्यूनल टास्क फोर्स’ का ऐलान किया था. गृह मंत्री डॉ. जी. परमेश्वर ने कहा था कि ये फोर्स खासतौर पर दक्षिण कन्नड़ और उडुपी में काम करेगी और भड़काऊ बयानों, सोशल मीडिया अफवाहों और साम्प्रदायिक गतिविधियों पर नजर रखेगी.
जांच का एंगल बड़ा क्यों हुआ?
सूत्र बताते हैं कि शुरुआती जांच में जो सीसीटीवी फुटेज, कॉल रिकॉर्ड और व्हाट्सएप चैट सामने आए हैं, वे किसी मामूली गुटबाजी की कहानी नहीं कहते. इनमें साजिश, समन्वय और नेटवर्क की मौजूदगी है जो सिर्फ लोकल पुलिस की सीमा से परे हैं. इसीलिए केंद्र ने NIA को जिम्मा सौंपा ताकि अगर इस हत्या के पीछे कोई ‘इकोसिस्टम’ है जो बार-बार समाज को सांप्रदायिक आग में झोंकता है तो उसका जड़ से सफाया हो सके.
Sumit Kumar is working as Senior Sub Editor in News18 Hindi. He has been associated with the Central Desk team here for the last 3 years. He has a Master's degree in Journalism. Before working in News18 Hindi, ...और पढ़ें
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