किसी जिले का सबसे बड़ा अफसर अचानक आएं और आपके बीच पालथी मारकर जमीन पर बैठ जाएं तो आप अचरज में पड़ जाएंगे ही. वहीं, देसी अंदाज में जमीन पर बैठकर महिलाओं से यह कहें कि अपने पति को खाना मत दीजिएगा... जाहिर है आप हैरत में पड़ जाएंगे. लेकिन, बिहार के एक जिले के डीएम का यह देसी अंदाज सुर्खियों में है. आइये जानते हैं कि आखिर माजरा क्या है.
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बिहार के गोपालगंज में लोकसभा चुनाव छठे चरण में 25 मई को है. वोटिंग प्रतिशत बढ़े, इसके लिए जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह डीएम मोहम्मद मकसूद आलम संवेदनशील बूथों का लगातार निरीक्षण कर महादलित बस्तियों में चौपाल लगा वोटरों को जागरूक कर रहे हैं. इसी क्रम में वह गोपालगंज के हथुआ विधानसभा के लाइन बाजार अमठा खेम स्थित मतदान केंद्र के पास महादलित बस्ती पहुंचे. यहां डीएम स्वयं जमीन पर बैठ गए और आम लोगों के साथ चौपाल लगाई जो काफी सुर्खियां बटोर रही है.
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वोटरों को जागरूक करते हुए डीएम ने कहा कि गोपालगंज में 25 मई को मतदान है और इस दिन सभी काम को छोड़कर सुबह 7 से शाम के 6 बजे तक मतदान करना है. डीएम ने महादलित बस्ती के वोटरों से मतदान के दिन होने वाली परेशानियों के बारे में जानकारी भी ली उन्होंने कहा कि मतदान करना सबका अधिकार है ऐसे में महिलाएं सबसे पहले खुद मतदान केंद्र पर जाकर अपना वोट डालेंगी, उसके बाद पुरुषों को वोट डालने के बाद ही खाना खिलाएंगी.
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डीएम ने इसके अलावा हथुआ भवन मनी छापर मतदान केंद्र संख्या- 268, छाप पंचायत के सामुदायिक विकास भवन अनुसूचित जाति बस्ती, छाप मतदान केंद्र संख्या- 323 का निरीक्षण कर वहां के बुनियादी सुविधाओं को देखा. मतदाताओं की सुविधा के लिए कमियों को दूर करने के निदेश दिये. पंचायत राज हथुआ के पंचायत भवन मनीछापर में भी चौपाल लगाकर जिला पदाधिकारी द्वारा मतदान केन्द्र स-268 के मतदाताओं की समस्या सूनी और मतदान केन्द्र की व्यवस्थाओं को देखा.
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डीएम मकसूद आलम ने इसके बाद सवरेजी के मतदान केन्द्रों पंचायत भवन सवरेजी के मतदान केंद्र संख्या -291, उत्क्रमित मध्य विद्यालय मकतब सवरेजी मतदान केंद्र संख्या -296 और 297 की बुनियादी सुविधाओं का निरीक्षण किया.
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लोकसभा चुनाव को लेकर डीएम द्वारा आयोजित चौपालों में मतदाता जिले के डीएम को अपने बीच उपस्थित पाकर मतदान के लिए उत्साहित दिखे. वहीं, डीएम ने कहा कि भयमुक्त वातावरण में चुनाव कराने को लेकर जिला प्रशासन पूरी तरह से तत्पर है.