बस 6 महीने और... अमित शाह ने सेट कर दी नक्सलियों के खात्मे की डेडलाइन

3 weeks ago

Last Updated:September 29, 2025, 07:13 IST

Amit Shah on Naxalism: अमित शाह ने मार्च 2026 तक नक्सलवाद खत्म करने का लक्ष्य रखा है. उन्होंने सीपीआई (माओवादी) के सीजफायर प्रस्ताव को भ्रामक बताया और कहा कि हथियार छोड़ने वालों को पुनर्वासित किया जाएगा. गृह मंत्री ने नक्सलियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की बात कही.

बस 6 महीने और... अमित शाह ने सेट कर दी नक्सलियों के खात्मे की डेडलाइनकेंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अगले साल 31 मार्च तक सशस्त्र नक्सलवाद को पूरी तरह खत्म करने का लक्ष्य तय किया है. (फाइल फोटो)

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को ऐलान किया कि केंद्र सरकार ने अगले साल 31 मार्च तक सशस्त्र नक्सलवाद को पूरी तरह खत्म करने का लक्ष्य तय किया है. उन्होंने दावा किया कि इसे हर हाल में हासिल किया जाएगा. अमित शाह ने इसके साथ ही सीपीआई (माओवादी) के हालिया बयान को ‘भ्रामक’ करार देते हुए कहा कि सुरक्षा बलों की ओर से किसी तरह का सीजफायर नहीं होगा.

अमित शाह ने कहा, ‘जो लोग हथियार छोड़ना चाहते हैं, उनके लिए सीजफायर की जरूरत नहीं. आप हथियार डाल दीजिए, पुलिस की ओर से एक भी गोली नहीं चलेगी… बल्कि आपको समाज में पुनर्वासित किया जाएगा.’ शाह ‘भारत मंथन 2025: नक्सल मुक्त भारत’ कार्यक्रम के समापन सत्र को संबोधित कर रहे थे, जिसका आयोजन श्यामा प्रसाद मुखर्जी फाउंडेशन ने किया.

‘आदिवासियों की बजाय नक्सलियों से हमदर्दी क्यों’

गृह मंत्री ने कहा कि सशस्त्र नक्सलवाद का अंत मार्च 2026 तक हो जाएगा, लेकिन लड़ाई तब तक खत्म नहीं होगी, जब तक उन ‘शहरी नक्सलियों’ को भी चिन्हित करके रोका नहीं जाता, जो इस आंदोलन को वैचारिक, कानूनी और आर्थिक मदद देकर जिंदा रखने की कोशिश करते हैं. उन्होंने वामपंथी दलों पर कटाक्ष करते हुए कहा कि सीपीआई (माओवादी) के सीजफायर प्रस्ताव पर सबसे पहले उछलने वाले इन्हीं दलों और उनके समर्थकों से पूछना चाहिए कि उनकी हमदर्दी निर्दोष आदिवासियों की बजाय नक्सलियों के साथ क्यों है.

अमित शाह ने कहा कि एक समय में ‘पशुपति से तिरुपति’ तक रेड कॉरिडोर का सपना देखने वाला नक्सलवाद देश के 17% हिस्से में फैला हुआ था, जबकि उत्तर-पूर्व में उग्रवाद 3.3% और जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद सिर्फ 1% क्षेत्र तक सीमित था. उन्होंने आरोप लगाया कि नक्सलियों ने दशकों तक विकास कार्यों, शिक्षा, स्वास्थ्य और बुनियादी ढांचे को आदिवासी इलाकों तक पहुंचने से रोका. उन्होंने कहा, ‘जो लोग संविधान और लोकतांत्रिक सरकारों को नकारते हैं और हिंसा का रास्ता चुनते हैं, उनके पक्ष में लेख लिखने वाले लोग अपनी सोच बदलें और राष्ट्रहित को प्राथमिकता दें.’

नक्सलवाद पर ‘नो कन्फ्यूजन पॉलिसी’

शाह ने बताया कि छत्तीसगढ़ में बीजेपी शासन के दौरान पिछले दो साल में 2,106 नक्सलियों ने सरेंडर किया, 1770 को गिरफ्तार किया गया और 560 को मुठभेड़ों में ढेर किया गया. उन्होंने दावा किया कि मनमोहन सिंह सरकार (2004-14) और मोदी सरकार (2014-24) के दस-दस साल के कार्यकाल की तुलना में नक्सल प्रभावित इलाकों में सुरक्षा बलों की शहादत 73% और नागरिकों की मौतें 74% घटी हैं.

उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों ने नक्सलवाद से लड़ने के लिए ‘बिखरी और प्रतिक्रिया आधारित’ नीति अपनाई थी, जबकि मोदी सरकार ने ‘एकजुट और कठोर’ रणनीति पर काम किया. शाह ने कहा, ‘जो हथियार डाल देंगे, उनका स्वागत रेड कार्पेट बिछाकर किया जाएगा, लेकिन जो निर्दोषों की हत्या करेंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी. यह हमारी ‘नो कन्फ्यूजन पॉलिसी’ है.’

दो साल में 108 बड़े नक्सली ढेर

गृह मंत्री ने बताया कि पिछले दो साल में 108 बड़े नक्सलियों को ढेर किया गया है. उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य की संयुक्त एंटी-नक्सल फोर्स ने आधुनिक तकनीक जैसे लोकेशन व मोबाइल ट्रैकिंग, फॉरेंसिक जांच, सोशल मीडिया विश्लेषण और हथियारों व फंडिंग की सप्लाई लाइन रोककर नक्सली नेटवर्क को तोड़ दिया है.

सरकारी सूत्रों के मुताबिक, भारत का दशकों पुराना नक्सलवाद के खिलाफ संघर्ष अब अपने सबसे निर्णायक चरण में पहुंच गया है. वर्षों की लड़ाई के बाद CPI (माओवादी) का शीर्ष नेतृत्व अब केवल 13 लोगों तक सिमट गया है, जिसमें चार पोलित ब्यूरो और नौ केंद्रीय समिति के सदस्य शामिल हैं. सरकार ने मार्च 2026 तक इस समस्या को पूरी तरह खत्म करने का लक्ष्य तय किया है.

सुरक्षा बलों के पास अब बचे हुए माओवादी ढांचे को ध्वस्त करने के लिए छह महीने का वक्त है. हालांकि खुफिया एजेंसियों का मानना है कि पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी (PLGA) के कुछ बचे हुए गुट हमले बढ़ाने की कोशिश कर सकते हैं. डोजियर के अनुसार, PLGA के मुखिया और मोस्ट वांटेड मदवी हिडमा अब कई शीर्ष नेताओं से संपर्क में नहीं है.

अमित शाह का स्पष्ट संदेश है कि हथियार छोड़ने वालों को मुख्यधारा में लाया जाएगा, लेकिन हिंसा जारी रखने वालों के खिलाफ सख्त से सख्त कदम उठाए जाएंगे. (एजेंसी इनपुट के साथ)

Saad Omar

An accomplished digital Journalist with more than 13 years of experience in Journalism. Done Post Graduate in Journalism from Indian Institute of Mass Comunication, Delhi. After Working with PTI, NDTV and Aaj T...और पढ़ें

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Location :

New Delhi,Delhi

First Published :

September 29, 2025, 07:13 IST

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