Last Updated:November 02, 2025, 09:27 IST
Karnataka CM Rift: कर्नाटक में नेतृत्व परिवर्तन की अटकलों के बीच डीके शिवकुमार ने कहा कि अंतिम फैसला सिर्फ सिद्धारमैया और वे ही करेंगे. शिवकुमार ने सिद्धारमैया खेमे की तीसरे विकल्प की कोशिशों को विफल किया. राजन्ना के भोज और दलित रैली पर भी सियासी चर्चा तेज है.
कर्नाटक में सरकार बनने के बाद से ही सिद्धरमैया और शिवकुमार में खटपट की खबरें आती रही हैं. (फाइल फोटो)कर्नाटक की कांग्रेस सरकार में नेतृत्व परिवर्तन और मंत्रिमंडल फेरबदल की अटकलें थमने का नाम नहीं ले रही हैं. इस बीच उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने शनिवार को कहा कि इस मुद्दे पर सिर्फ मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उनके बयान ही प्रासंगिक हैं, बाकी किसी की राय मायने नहीं रखती.
कन्नड़ राज्योत्सव कार्यक्रम के दौरान कंतेरवा स्टेडियम में पत्रकारों से बातचीत में शिवकुमार ने कहा, ‘नेतृत्व परिवर्तन पर सिर्फ मुख्यमंत्री और मैं जो कहते हैं, वही सही है. बाकी किसी की बात का कोई महत्व नहीं है. मीडिया और नेता इस पर बात करते-करते थक जाएं, इसका कोई मतलब नहीं.’
यह बयान उन्होंने उस समय दिया जब प्रदेश में नवंबर में सरकार के साढ़े दो साल पूरे होने के साथ-साथ सत्ता परिवर्तन की चर्चाएं तेज हो गई हैं. जब उनसे पूछा गया कि क्या वे और मुख्यमंत्री सिद्धारमैया इस मुद्दे पर एकमत हैं, तो उन्होंने जवाब दिया, ‘हमने 136 सीटें जीतीं और अपनी ताकत 140 तक बढ़ाई, वह भी आपसी सहमति से.’
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि शिवकुमार का यह बयान इस बात का संकेत है कि सत्ता साझेदारी पर अंतिम निर्णय सिर्फ सिद्धारमैया और शिवकुमार के बीच ही तय होगा और कांग्रेस हाईकमान उसी पर भरोसा करेगा.
एक-एक कांटा निकाल रहे शिवकुमार
न्यू इंडियन एक्सप्रेस ने सूत्रों के हवाले से बताया कि शिवकुमार ने हाल ही में सिद्धारमैया खेमे की मुख्यमंत्री पद के ‘तीसरे विकल्प’ की कोशिशों को भी सफलतापूर्वक विफल कर दिया है. उन्होंने गृह मंत्री डॉ. जी. परमेश्वर की तरफ से बुलाई गई SC/ST विधायकों की बैठक को भी रुकवाया, जिसे मुख्यमंत्री के निर्देश पर आयोजित किया जाना था. अब वह दलित मंत्रियों की प्रस्तावित रैली को रोकने की कोशिश में जुटे हैं, जिसका उद्देश्य मुख्यमंत्री पद पर दावा ठोकना बताया जा रहा है.
इस बीच, डॉ. परमेश्वर ने शनिवार को तुमकुरु में कहा कि दलित रैली अपने समय पर होगी. उन्होंने कहा, ‘किसी ने भी इस रैली पर रोक नहीं लगाई है. जब भी समय सही होगा, रैली होगी.’
‘भोज’ ने बढ़ाई सियासी हलचल
शिवकुमार ने पार्टी हाईकमान से यह निर्देश भी दिलवा दिया है कि कोई भी मंत्री नेतृत्व परिवर्तन या मंत्रिमंडल फेरबदल पर सार्वजनिक बयान न दे. शिक्षा मंत्री मधु बंगारप्पा ने कहा, ‘मुझे चुप रहने को कहा गया है, और मैं वैसा ही कर रहा हूं.’ अब शिवकुमार कांग्रेस के ‘मूल’ नेताओं को भरोसे में लेने में जुटे हैं.
नेतृत्व परिवर्तन की अटकलों के बीच, पूर्व सहकारिता मंत्री केएन राजन्ना द्वारा 7 नवंबर को सीएम सिद्धारमैया के सम्मान में आयोजित भोज भी सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है. राजन्ना, जो एसटी नायक समुदाय से आते हैं, लगातार सिद्धारमैया के पांच साल का कार्यकाल पूरा करने के पक्ष में रहे हैं. माना जा रहा है कि वे खुद या अपने समुदाय के किसी नेता को कैबिनेट में शामिल कराने की कोशिश कर रहे हैं.
हालांकि, गृह मंत्री परमेश्वर ने स्पष्ट किया कि भोज का राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है. उन्होंने कहा, ‘मुख्यमंत्री जब भी तुमकुरु जाते हैं, राजन्ना के घर भोजन करना उनकी परंपरा रही है.’ इधर, समाज कल्याण मंत्री डॉ. एचसी महादेवप्पा ने साफ कहा कि कोई ‘नवंबर क्रांति’ नहीं होने जा रही. उन्होंने मैसूरु में कहा, ‘सिद्धारमैया ही मुख्यमंत्री बने रहेंगे. किसी भी बड़े फैसले पर पार्टी हाईकमान ही अंतिम निर्णय लेगा, चाहे वह नेतृत्व परिवर्तन हो या मंत्रिमंडल फेरबदल.’
An accomplished digital Journalist with more than 13 years of experience in Journalism. Done Post Graduate in Journalism from Indian Institute of Mass Comunication, Delhi. After Working with PTI, NDTV and Aaj T...और पढ़ें
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Location :
Bengaluru,Bengaluru,Karnataka
First Published :
November 02, 2025, 09:27 IST

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