Bangladesh rape cases: अंतरराष्ट्रीय महिला हिंसा उन्मूलन दिवस पर बांग्लादेश की दर्दनाक हकीकत बयां करती रिपोर्ट सामने आई है. स्थानीय मीडिया ने मंगलवार को एक खौफनाक आंकड़ा पेश किया. बताया कि 2025 के पहले नौ महीनों में ही 663 महिलाओं का रेप हुआ. हर साल 25 नवंबर को अंतरराष्ट्रीय महिला हिंसा उन्मूलन दिवस मनाया जाता है. ढाका के ह्यूमन राइट्स सपोर्ट सोसाइटी (HRSS) ने एक आंकड़ा जारी किया है. इसमें महिला हिंसा की खतरनाक तस्वीर पेश की गई है. बताया गया है कि कैसे कानून-व्यवस्था का गलत इस्तेमाल कर महिला अत्याचार में बढ़ोतरी हो रही है. मोहम्मद युनूस की अंतरिम सरकार अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप महिला अधिकारों को रोकने में असफल रही है.
ढाका ट्रिब्यून से बात करते हुए सुल्ताना कमाल ने दावा किया कि बताई गई संख्या देश भर में हो रही बड़े पैमाने पर हिंसा का सिर्फ एक हिस्सा है.
उन्होंने कहा, हमें बलात्कार और ज्यादती का पता तभी चल पाता है जब वो मीडिया तक पहुंचती है, ज्यादातर तब जब कोई हत्या होती है या फिर कोई जघन्य अपराध होता है. कई मामले हैं जो सामने आ ही नहीं पाते. अभी जो हम देख पा रहे हैं वो काफी खौफनाक है.
सुल्ताना मानती हैं कि रेप और यौन उत्पीड़न के बढ़ते मामले दर्शाते हैं कि महिला अधिकारों और उनके सम्मान को पूरी तरह से नजरअंदाज किया जा रहा है.
उन्होंने कहा, 'एक आजाद मुल्क जहां सबको अपने इतिहास और संस्कृति पर नाज है, वहां मात्र नौ महीनों में 600 से ज्यादा महिलाओं का बलात्कार शर्मनाक है. ये बताता है कि हमारा परिवार, समाज और पूरा देश महिलाओं की कितनी अनदेखी करता है.'
सुल्ताना के अनुसार अपराधी बेखौफ हैं; उन्हें अपराध के बाद दोषी ठहराए जाने का खौफ नहीं है. सजा से बच जाने का भरोसा उन्हें हिम्मत दे रहा है. उन्होंने कहा, 'पहले अपराधियों के अंदर खौफ था. उन्हें लगता था कि अगर ऐसे अपराध किए तो सजा तय होगी, लेकिन अब उससे वो आजाद हैं. जब महिलाओं पर अत्याचार करने वालों के खिलाफ ठोस फैसला नहीं लिया जाता तो हिंसा जारी रहती है. ये महिला के सम्मान और उसकी पवित्रता पर सीधा हमला होता है.'
इसके अलावा, बांग्लादेश महिला परिषद की अध्यक्ष फवजिया मोस्लेम ने भी माना कि लड़कियों के खिलाफ हिंसा में बढ़ोतरी बहुत चिंताजनक है.
उन्होंने कहा, 'कई महीनों में, लड़कियों पर ज्यादती बढ़ी है. इससे पता चलता है कि हालात कितने बदतर हैं. लॉ एंड ऑर्डर इतनी तेजी से बिगड़ गया है कि महिला विरोधी सोच आम हो गई है.'
महिला नेताओं पर हमलों से लेकर आम आने-जाने वालों पर हमलों तक की घटनाओं को हाईलाइट करते हुए, फवजिया ने यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार की कोई एक्शन न लेने के लिए आलोचना की और कहा कि इससे देश में "महिला विरोधी ताकतों और आतंकियों" को हिम्मत मिली है.
उन्होंने कहा, 'पिछले 10 महीनों में महिला विरोधी दुष्प्रचार बहुत बढ़ गया है. समाज, शिक्षा और कल्चरल तरीकों को बदलना होगा. नहीं तो, इन अपराधों को रोकना बहुत मुश्किल होगा.' (ians)

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