बांग्लादेश में भारत का विरोध करने वाले छात्र नेता शरीफ उस्मान हादी की मौत से पहले ही फैली अराजकता के बीच बांग्लादेश में एक और चिंताजनक खबर सामने आई है. द डेली स्टार की रिपोर्ट के मुताबिक बांग्लादेश में इन दिनों कॉन्डम की भारी कमी आ गई है. दरअसल हिंसा के चलते बांग्लादेश की आर्थिक स्थितियां भी बदतर हो गई हैं. ऐसे में फंड और मैन पावर की कमी के चलते अगले एक महीने तक बांग्लादेश में कॉन्डम नहीं उपलब्ध रहेंगे. अधिकारियों ने बताया कि पिछले कुछ सालों से बांग्लादेश में गर्भ निरोधकों की लगातार सप्लाई कम हो रही है और डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ फैमिली प्लानिंग (DGFP) शायद मुफ्त में गर्भ निरोधक सप्लाई न कर पाए, क्योंकि 39 दिनों में स्टॉक खत्म होने की संभावना है.
राष्ट्रीय गर्भ निरोधक सारांश रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले छह सालों के दौरान बांग्लादेश में कंडोम की सप्लाई में 57 प्रतिशत की गिरावट आई है. DGFP द्वारा बांटे जाने वाले अन्य चार गर्भ निरोधक सामानों की सप्लाई में भी 2019 से कमी आई है. ओरल पिल्स में 63 प्रतिशत, IUD में 64 प्रतिशत, इंजेक्टेबल्स में 41 प्रतिशत और इम्प्लांट्स में 37 प्रतिशत की कमी आई है. DGFP की लॉजिस्टिक्स और सप्लाई यूनिट के निदेशक अब्दुर रज्जाक ने कहा, 'ये गर्भ निरोधक सामान जल्द ही फिर से स्टॉक किए जा सकते हैं, बशर्ते खरीद को लेकर चल रहा कानूनी मामला सुलझ जाए.'
50 सालों में पहली बार बांग्लादेश में बढ़ा फर्टिलिटी रेट
मैनपावर की कमी के बारे में, DGFP के उप निदेशक इरशाद अहमद नोमानी ने कहा कि फील्ड-लेवल के 25 प्रतिशत पद, जैसे फैमिली प्लानिंग असिस्टेंट और इंस्पेक्टर, फैमिली वेलफेयर वॉलंटियर और सब-असिस्टेंट कम्युनिटी मेडिकल ऑफिसर, खाली पड़े हैं. ऐसे कर्मचारी गर्भनिरोधक बांटते हैं और लोगों को सलाह देते हैं. यह कमी बांग्लादेश में ऐसे समय आई है जब पिछले 50 सालों में पहली बार वहां की कुल फर्टिलिटी रेट में बढ़ोतरी हुई है और गर्भनिरोधक की कमी से यह दर और बढ़ सकती है.
बांग्लादेश में बढ़ती जन्म दर के बीच कॉन्डम संकट ने बढ़ाई चिंता
बांग्लादेश में कॉन्डम की भारी कमी ऐसे वक्त सामने आई है, जब देश की जनसंख्या से जुड़ा एक अहम संकेतक भी चिंता बढ़ा रहा है. करीब 50 साल बाद पहली बार बांग्लादेश की कुल प्रजनन दर (टोटल फर्टिलिटी रेट – TFR) में बढ़ोतरी दर्ज की गई है. मल्टीपल इंडिकेटर क्लस्टर सर्वे 2025 के अनुसार, देश की TFR बढ़कर 2.4 हो गई है, जबकि पिछले साल यह 2.3 थी. विशेषज्ञों के मुताबिक हाल के वर्षों में बांग्लादेश में कई दंपती परिवार नियोजन के तरीकों से दूरी बना रहे हैं. दो बच्चों तक सीमित परिवार की सोच कमजोर पड़ रही है और तीन या उससे अधिक बच्चों वाले परिवारों की संख्या बढ़ रही है. ऐसे में गर्भनिरोधकों, खासकर कॉन्डम की उपलब्धता में आई कमी हालात को और गंभीर बना सकती है.
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