बाबरी विध्‍वंस: किसने दिया था ढांचा बनवाने का संकेत, राष्‍ट्रपति ने क्‍या किया

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Last Updated:December 06, 2025, 11:07 IST

Babri Mosque Demolition: आज ही के दिन साल 1992 में अयोध्‍या में बाबरी मस्जिद को ढहा दिया गया था. उस समय नरसिम्‍हा राव देश के प्रधानमंत्री थे. सुप्रीम कोर्ट ने साल 2019 में ऐतिहासिक फैसला देकर इस मामले का पटाक्षेप कर दिया है. इसके बाद 2020 में सीबीआई की विशेष अदालत ने भी एक बड़ा फैसला दिया है.

 किसने दिया था ढांचा बनवाने का संकेत, राष्‍ट्रपति ने क्‍या कियाBabri Mosque Demolition: अयोध्‍या स्थित 16वीं शताब्‍दी में बनाई गई बाबरी मस्जिद को 6 दिसंबर 1992 में ढहा दिया गया था. (फाइल फोटो/PTI)

Babri Mosque Demolition: 6 दिसंबर 1992 भारतीय लोकतंत्र के इतिहास की वह तारीख जिसे समय बीतने के बाद भी भुलाया नहीं जा सका है. अयोध्या में 16वीं सदी में बनी बाबरी मस्जिद का ढहना न सिर्फ एक धार्मिक विवाद का चरम बिंदु था, बल्कि यह राजनीति, साम्प्रदायिक संबंधों और न्याय व्यवस्था पर गहरा असर छोड़ गया. उस दिन घटी घटनाओं ने देश की दिशा बदली और इसके बाद के वर्षों में कई निर्णायक फैसले सामने आए. साल 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले का कानूनी तौर पर पटाक्षेप कर दिया. आज के दिन वहां राम मंदिर का निर्माण हो चुका है. लेकिन, विवादित ढांचे के विध्‍वंस से पहले और उसके बाद कई ऐसे घटनाक्रम हुए, जिन्‍हें भुलाया नहीं जा सकता है. ढांचे को जब गिरा दिया गया तो उसके बाद तत्‍कालीन नरसिम्‍हा राव की सरकार ने इसका पुनर्निमाण कराने के संकेत दिए थे. दूसरी तरफ, विध्‍वंस की घटना के बाद 4 राज्‍यों की भाजपा शासित प्रदेश सरकार को बर्खास्‍त कर दिया गया था.

कांग्रेस के दिग्‍गज नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद ने अपनी किताब ‘सनराइज ओवर अयोध्‍या: नेशनहुड इन आवर टाइम्‍स’ में बाबरी विध्‍वंस से पहले और उसके बाद हुए घटनाक्रमों का उल्‍लेख किया है. खुर्शीद ने लिखा, ‘नरसिम्हा राव सरकार ने यह साफ संकेत दिए कि वह ढही हुई मस्जिद को दोबारा बनाने की इच्छा रखती है और अटॉर्नी जनरल ने सुप्रीम कोर्ट में भी यही बात दोहराई. समय के साथ उन्हें समझ में आ गया होगा कि ऐसा कदम उन चिंगारियों को फिर भड़का सकता है, जो अभी भी अंदर ही अंदर सुलग रही थीं. दूसरी ओर, विदेश मंत्रालय में राज्य मंत्री होने के नाते मुझे पश्चिम एशियाई देशों में हमारे मित्र देशों को भरोसा दिलाने के लिए भेजा गया.’ उत्‍तर प्रदेश की तत्‍कालीन कल्‍याण सिंह सरकार को उसी दिन बर्खास्‍त कर दिया गया था. हिमाचल प्रदेश, राजस्‍थान और मध्‍य प्रदेश की भाजपा सरकार को भी बेदखल कर दिया गया था.

कोर्ट के 3 बड़े फैसले

2010 में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने विवादित भूमि को तीन हिस्सों में बाँटने का फैसला दिया. 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने सर्वसम्मति से फैसला सुनाते हुए विवादित स्थल पर मंदिर निर्माण का रास्ता साफ किया और मुस्लिम पक्ष को अन्य स्थान पर 5 एकड़ भूमि देने का आदेश दिया. 2020 में CBI की विशेष अदालत ने सबूतों के अभाव में सभी आरोपियों को बरी कर दिया.
बाबरी मस्जिद विध्‍वंस के बाद राष्‍ट्रीय राजनीति की दशा और दिशा बदल गई. (फाइल फोटो/PTI)

6 दिसंबर 1992: वह दिन जब इतिहास बदल गया

अयोध्‍या में करीब 1.5 लाख कारसेवक अयोध्या में इकट्ठा हुए थे. दोपहर 12 बजे के आसपास भीड़ सुरक्षा घेरे को पार कर गुंबदों पर चढ़ गई. कुछ ही घंटों में सदियों पुरानी बाबरी मस्जिद ढहा दी गई. इस घटना ने देश की राजनीति को नए मोड़ पर लाकर खड़ा कर दिया. बाद के दिनों में मस्जिद विध्वंस की जांच CBI को सौंपी गई. कई वरिष्ठ नेताओं (लालकृष्‍ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती सहित 49 लोगों) पर साजिश और भीड़ को भड़काने के आरोप लगे. बता दें कि बाबरी मस्जिद का निर्माण 1528 में मुगल शासक बाबर के सेनापति मीर बाकी के आदेश पर हुआ माना जाता ह. मस्जिद के बारे में हिंदू संगठनों का दावा था कि यह भगवान राम के जन्मस्थान पर बने एक पूर्व मंदिर को तोड़कर बनाई गई. इस दावे पर इतिहासकारों की राय अलग-अलग रही है, लेकिन इस विवाद ने धीरे-धीरे राजनीतिक रूप ले लिया.

राजनीति पर क्‍या पड़ा असर?

6 दिसंबर 1992 की घटना ने भारत की राजनीति को गहरे स्तर पर बदल दिया. भाजपा की राष्ट्रीय उभार की शुरुआत हुई. मंदिर आंदोलन और विध्वंस के बाद भाजपा का जनाधार तेजी से बढ़ा. यह वही दौर था जब पार्टी राष्ट्रीय राजनीति की केंद्रीय शक्ति बनना शुरू हुई. वहीं, कांग्रेस की पकड़ लगातार कमजोर होती गई. अयोध्या विवाद को संभालने में कांग्रेस पर दोहरी नीति अपनाने का आरोप लगा, जिससे उसका पारंपरिक वोट बैंक कमजोर हुआ. इसके साथ ही क्षेत्रीय दल पनपते गए और मजबूत होते गए. लालू प्रसाद यादव, मुलायम सिंह यादव जैसे नेताओं ने धर्मनिरपेक्ष राजनीति के नाम पर अपना जनाधार बढ़ाया.

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Manish Kumar

बिहार, उत्‍तर प्रदेश और दिल्‍ली से प्रारंभिक के साथ उच्‍च शिक्षा हासिल की. झांसी से ग्रैजुएशन करने के बाद दिल्‍ली यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता में PG डिप्‍लोमा किया. Hindustan Times ग्रुप से प्रोफेशनल कॅरियर की शु...और पढ़ें

Location :

New Delhi,Delhi

First Published :

December 06, 2025, 11:07 IST

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