पटना. भारतीय पुलिस सेवा से इस्तीफा देने वाले सुपरकॉप शिवदीप लांडे एक बार फिर से चर्चा में हैं. 9 अक्टूबर को बिहार सरकार ने अचानक से उनका तबादला आईजी ट्रेनिंग के पद पर पूर्णिया से पटना कर दिया है. सवाल यह उठ रहा है कि शिवदीप लांडे ने जिस तरीके से पूर्णिया रेंज में आईजी के पद पर योगदान देने के बाद लगातार एक्शन में रहे, क्या वही एक्शन तो उनके इस्तीफे की वजह नहीं बन गया?
दरअसल शिवदीप लांडे ने 26 जुलाई को तनिष्क लूटकांड के मामले में बरती गई लापरवाही पर खुले तौर पर नाराजगी जाहिर की थी. उन्होंने घटनास्थल जिस थाना क्षेत्र में पड़ता है, उसके थाना अध्यक्ष सहित थाना में पदस्थापित सभी पुलिस पदाधिकारियों और पुलिसकर्मियों को इस मामले में लापरवाह मानते हुए सस्पेंड करने की बात कही थी. साथी सदर डीएसपी की भूमिका पर भी सवाल खड़ा करते हुए उन्हें नोटिस जारी किया था. लिखा था कि शिथिलता और लापरवाही को लेकर उनके खिलाफ बिहार पुलिस मुख्यालय को रिपोर्ट क्यों न दी जाए. लांडे के इस एक्शन के बाद खलबली मच गई थी.
9 अक्टूबर को उन्होंने एक और बड़ा एक्शन लिया. मनिहारी स्टीमर हादसे को लेकर कटिहार एसपी को कई बिंदुओं पर जांच के निर्देश दिए. ऐसा माना जा रहा है कि शिवदीप लांडे का तबादला उसी आदेश का रिएक्शन है. शिवदीप लांडे ने कटिहार के मनिहारी के पास दो साल पहले मालवाहक जहाज डूबने के मामले में कड़ा एक्शन लिया था. उन्होंने 11 बिंदुओं पर नए सिरे से जांच के आदेश दिए. मनिहारी के तत्कालीन थानाध्यक्ष, सीओ, एसडीओ, एसडीपीओ, एमवीआई, डीटीओ, माइनिंग पदाधिकारी समेत अन्य अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध पाई थी. उन्होंने अपने टिप्पणी में इन अधिकारियों की भूमिका के जांच के आदेश दिए थे.
यह आदेश निकलने के चंद्र घंटे बाद ही शिवदीप लांडे का तबादला आओ ट्रेनिंग के पद पर कर दिया गया. दरअसल अभी दुर्गा पूजा का मौका है और विधि व्यवस्था को बनाए रखना बिहार पुलिस मुख्यालय की जिम्मेदारी है. इसी कारण सभी पुलिसकर्मियों की छुट्टियां रद्द की गई हैं. ऐसे में लांडे का तबादला बड़े सवाल खड़े कर रहा है.
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FIRST PUBLISHED :
October 9, 2024, 23:53 IST