बिहार चुनाव से पहले शुरू होगी जनगणना, मार्च 2027 से सामने होंगे आंकड़े

2 days ago

Last Updated:June 04, 2025, 19:16 IST

भारत में जनगणना 2027 का शेड्यूल तय, 1 मार्च 2027 से शुरू होगी. इस बार जातियों की गिनती भी संभव, जिससे राजनीतिक और सामाजिक बहस जारी है.

बिहार चुनाव से पहले शुरू होगी जनगणना, मार्च 2027 से सामने होंगे आंकड़े

Cast Census : 1931 की जाति जनगणना के मुताबिक देश में 4147 जातियां हैं.

हाइलाइट्स

भारत में जनगणना 1 मार्च 2027 से शुरू होगी.इस बार जातियों की गिनती भी संभव है.जनगणना दो चरणों में आयोजित की जाएगी.

नई दिल्ली: भारत में जनगणना यानी पापुलेशन सेंसस 2027 का शेड्यूल तय हो गया है. केंद्र सरकार की ओर से तैयार किए गए प्रारंभिक कार्यक्रम के मुताबिक, यह ऐतिहासिक जनगणना 16 जून को अध‍िसूचना जारी होने के साथ ही शुरू हो जाएगी. 1 मार्च 2027 से आंकड़े आने लगेंगे. खास बात यह है कि इस बार जनगणना के साथ-साथ जातियों की गिनती (कास्ट सेंसस) भी कराया जाएगा, जिसे लेकर लंबे समय से राजनीतिक और सामाजिक बहस चल रही है. महत्‍वपूर्ण बात ये है क‍ि बिहार चुनाव से पहले ही सरकार ने जनगणना कराने का ऐलान क‍िया है. बिहार में चुनाव अक्‍तूबर-नवंबर में होने वाले हैं.

आध‍िकार‍िक सूत्रों के मुताबिक, जनगणना की प्रक्रिया अधिसूचना जारी होने के साथ शुरू हो जाती है. जनगणना कराने की अधिसूचना 16 जून को प्रकाशित की जाएगी. जनगणना का दूसरा और अंतिम चरण फरवरी 2027 से शुरू होकर 01 मार्च 2027 को पूरा हो जाएगा. यानी इसके बाद आंकड़े आने शुरू हो जाएंगे.

सूत्रों के मुताबिक, एक बड़ा खाका सरकार ने तैयार किया है. हम आपको सिलसिलेवार तरीके से बताते हैं कि कैसे यह प्रक्रिया पूरी की जाएगी. यह प्रक्रिया पूरी तरीके से डिजिटल होगी. 3 साल में ये प्रक्रिया पूरी की जाएगी. इससे पहले 5 साल में यह प्रक्रिया पूरी की जाती थी. परिवारों की आर्थिक परिस्थितियों के बारे में जानकारी ली जाएगी जैसे पक्का घर है या कच्चा घर.

दो ह‍िस्‍सों में होगी
सूत्रों के अनुसार, केंद्र सरकार ने इस बार जनगणना को दो हिस्सों में बांटने का निर्णय लिया है. पहले चरण में सीधे-सीधे लोगों की ग‍िनती की जाएगी. इसमें आयु, लिंग, शिक्षा, रोजगार, आवास आदि का डेटा इकट्ठा किया जाएगा. दूसरे चरण में जातियों की गणना की जाएगी. यह दशकों बाद पहली बार केंद्र स्तर पर हो सकती है.  हालांकि अभी तक केंद्र सरकार ने जाति गणना को लेकर सार्वजनिक रूप से कोई अंतिम घोषणा नहीं की है, लेकिन प्रशासनिक हलकों में इसे लेकर तैयारियां शुरू हो चुकी हैं. अगर ऐसा होता है, तो यह 1931 के बाद पहली बार होगा जब देशव्यापी स्तर पर जातियों की विस्तृत गणना होगी.

बर्फीले इलाकों में पहले शुरू होगी गणना
लद्दाख, जम्मू-कश्मीर और उत्तराखंड जैसे केंद्र शासित प्रदेशों के बर्फीले क्षेत्रों में जहां मार्च में पहुंचना मुश्किल होता है, वहां जनगणना 1 अक्टूबर 2026 से शुरू की जाएगी. यह परंपरा पिछले जनगणना अभियानों में भी रही है, ताकि मौसम की स्थिति के अनुसार सटीक और समय पर जानकारी एकत्र की जा सके.

क्यों महत्वपूर्ण है यह जनगणना?
कोविड-19 के कारण 2021 की जनगणना टली थी. अब 2027 की जनगणना न केवल डेटा गैप को भरेगी, बल्कि सरकार की योजनाओं के लिए नई बुनियाद रखेगी. जाति गणना के जरिए आरक्षण नीति, सामाजिक कल्याण योजनाओं और नीति निर्धारण में बड़ी भूमिका निभाई जा सकती है. यह पहली बार होगा जब डिजिटल तकनीक का बड़े पैमाने पर उपयोग किया जा सकता है.

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Gyanendra Mishra

Mr. Gyanendra Kumar Mishra is associated with hindi.news18.com. working on home page. He has 20 yrs of rich experience in journalism. He Started his career with Amar Ujala then worked for 'Hindustan Times Group...और पढ़ें

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