Last Updated:October 24, 2025, 16:20 IST
चुनाव आयोग ने SIR के दौरान BLO और शिक्षकों को सिर्फ चुनावी ड्यूटी देने, ट्रांसफर रोकने और सुरक्षा सुनिश्चित करने के आदेश दिए हैं. पश्चिम बंगाल में SIR नवंबर से जनवरी तक चलेगा.
बीएलओ के लिए चुनाव आयोग ने जारी किया ऑर्डर.वोटर लिस्ट की गलतियां पकड़ने वाले बूथ लेवल ऑफिसर्स (BLOs) को चुनाव आयोग ने बड़ी राहत दी है. इलेक्शन कमीशन ने सभी राज्यों को आदेश जारी किया है कि जहां भी वोटर लिस्ट का स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) शुरू होगा, वहां के सभी बीएलओ चुनाव आयोग के अधिकार क्षेत्र में आ जाएंगे. जब तक एसआईआर होगा, तब तक न तो किसी कर्मचारी और ना ही किसी अधिकारी का ट्रांसफर किया जाएगा. इनका पूरा कट्रोल चुनाव आयोग के हाथ में रहेगा. एक और बात, बीएलओ को चुनाव से जुड़ी जिम्मेदारियों के अलावा कोई अन्य ड्यूटी नहीं दी जाएगी. यह निर्देश शिक्षकों पर भी लागू होगा, जो चुनाव ड्यूटी में लगे हैं. हाल ही में बीएलओ ने अपनी सुरक्षा को लेकर आयोग के सामने चिंता जताई थी. आयोग के स्रोतों के मुताबिक, यह कदम पश्चिम बंगाल समेत कई राज्यों में SIR की तैयारी के बीच उठाया गया है.
स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन वोटर लिस्ट को शुद्ध करने का एक विशेष अभियान है. इसमें फर्जी वोटरों को हटाना, मृत वोटरों के नाम काटना और नए वोटरों को जोड़ना शामिल है. पश्चिम बंगाल में यह अभियान नवंबर के पहले सप्ताह से शुरू होगा और जनवरी के अंत तक चलेगा. यह 2026 के विधानसभा चुनावों की तैयारी का हिस्सा है. आयोग ने स्पष्ट किया कि SIR पूरी तरह डिजिटल होगा, जिसमें मोबाइल ऐप्स का इस्तेमाल होगा ताकि प्रक्रिया पारदर्शी बने. मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार की गुरुवार को राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों (सीईओ) के साथ बैठक हुई. इसमें पश्चिम बंगाल, असम, तमिलनाडु, पुदुच्चेरी और केरल जैसे राज्यों के लिए SIR की तैयारियों पर चर्चा हुई. आयोग ने निर्देश दिया कि SIR के तहत सभी गतिविधियां जनवरी तक पूरी होनी चाहिए.
बीएलओ की सुरक्षा और ड्यूटी पर सख्ती
बीएलओ ज्यादातर सरकारी स्कूलों के टीचर्स होते हैं, उन्हें ही SIR की जिम्मेदारी दी जाती है. वे घर-घर जाकर फॉर्म बांटते हैं. उन्हें एकत्र करते हैं और वोटर डिटेल सत्यापित करते हैं. लेकिन पश्चिम बंगाल में राजनीतिक तनाव के कारण कई बीएलओ ने अपनी सुरक्षा को लेकर आशंका जताई है. स्थानीय दबावों के डर से कुछ शिक्षक ड्यूटी से बचना चाहते हैं. आयोग ने इन चिंताओं को गंभीरता से लिया है.
आदेश की खास बातें
सूत्रों के अनुसार, आयोग ने आदेश जारी किया है कि SIR के दौरान बीएलओ को केवल चुनावी काम सौंपा जाए. कोई अन्य सरकारी काम, जैसे स्कूल की अतिरिक्त जिम्मेदारी, नहीं दी जाएगी. SIR टीम के किसी भी सदस्य का ट्रांसफर तब तक नहीं हो सके. यह कदम सुनिश्चित करेगा कि प्रक्रिया में बाधा न पड़े. शिक्षकों के मामले में भी यही नियम लागू होगा. उन्हें छुट्टी, गैर-शिक्षण दिनों या स्कूल के बाहर के समय में ही ड्यूटी दी जाएगी. पश्चिम बंगाल के सीईओ कार्यालय ने हाल ही में जिलाधिकारियों को पत्र लिखा था कि पैरा-टीचर्स को बीएलओ न बनाया जाए. विपक्षी दल भी संविदा पर काम कर रहे कर्मचारियों को बीएलओ बनाने का विरोध कर रहे हैं. आयोग इस पर मान गया है.शिक्षकों का विरोध और आयोग की कार्रवाई
पश्चिम बंगाल में सैकड़ों सरकारी स्कूल शिक्षक बीएलओ ड्यूटी से इनकार कर चुके हैं. कलकत्ता हाईकोर्ट ने अगस्त में फैसला दिया था कि शिक्षकों को चुनाव ड्यूटी देना कानूनी है, लेकिन फिर भी कई शिक्षक सहमत नहीं. अब सीईओ कार्यालय ने 1,000 से ज्यादा बीएलओ को शो-कॉज नोटिस जारी किए हैं. इसमें कहा गया है कि बिना वैध कारण के ड्यूटी से बचना मंजूर नहीं. आयोग इन मामलों पर कार्रवाई तय करेगा. एक टीचर्स एसोसिएशन ने तो केंद्रीय सुरक्षा बल की मांग तक कर दी है। उन्होंने कहा कि राजनीतिक माहौल में बीएलओ को खतरा हो सकता है. आयोग ने दिल्ली हाईकोर्ट को भी सूचित किया है कि शिक्षकों को बीएलओ बनाने में कोई रोक नहीं, बशर्ते उनकी पढ़ाई प्रभावित न हो.
Mr. Gyanendra Kumar Mishra is associated with hindi.news18.com. working on home page. He has 20 yrs of rich experience in journalism. He Started his career with Amar Ujala then worked for 'Hindustan Times Group...और पढ़ें
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Location :
Delhi,Delhi,Delhi
First Published :
October 24, 2025, 16:20 IST

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