MBA स्टूडेंट ने पेरियार की मूर्ति के आगे खुद को लगाई आग, क्यों टूटा?

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Last Updated:December 19, 2025, 16:28 IST

Madurai Man Sets Self on Fire: मदुरै में 40 वर्षीय पूर्णा चंद्रन ने पेरियार की मूर्ति के पास कार खड़ी कर पुलिस स्टेशन के अंदर खुद को आग लगा ली. वह थिरुपरंकुंद्रम पहाड़ी पर कार्तिगई दीपम जलाने की अनुमति न मिलने से आहत था. अपने आखिरी ऑडियो मैसेज में उसने कोर्ट के आदेश का जिक्र किया. घटना के बाद राजनीतिक बयानबाजी भी तेज हो गई है.

MBA स्टूडेंट ने पेरियार की मूर्ति के आगे खुद को लगाई आग, क्यों टूटा?मदुरै में कार्तिकई दीपम उत्सव में तिरुपरनकुंड्रम मंदिर में एक दीपक जलाया गया. (फोटो PTI)

Madurai News: मदुरै में गुरुवार को जो हुआ उसने पूरे तमिलनाडु को झकझोर दिया. एक 40 साल के व्यक्ति ने पहले पेरियार की मूर्ति के पास अपनी गाड़ी रोकी, फिर पास ही मौजूद पुलिस स्टेशन के भीतर जाकर खुद को आग के हवाले कर दिया. यह कोई अचानक उठाया गया कदम नहीं था. यह एक ऐसा फैसला था जिसके पीछे गहरी पीड़ा, आस्था से जुड़ा विवाद और सिस्टम से टकराव की कहानी छिपी थी.

घटना के बाद सामने आए ऑडियो मैसेज, कोर्ट के आदेश और सरकार के फैसलों ने इस सवाल को और गहरा कर दिया. आखिर पढ़ा-लिखा, जिम्मेदार पारिवारिक व्यक्ति इतना रेडिकल कदम उठाने के लिए क्यों मजबूर हुआ? मृतक की पहचान पूर्णा चंद्रन के रूप में हुई है. चंद्रन मदुरै के नरीमेडु इलाके का रहने वाला था. गुरुवार शाम करीब 3.30 बजे वह तल्लाकुलम पुलिस स्टेशन से जुड़े CCTV मॉनिटरिंग रूम में गया, अंदर से दरवाजा बंद किया और खुद को आग लगा ली. धुआं उठता देख आसपास मौजूद लोगों ने पुलिस और फायर सर्विस को सूचना दी, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी.

कैसे सामने आई सच्चाई?

घटना के कुछ ही देर बाद पूर्णा चंद्रन के कुछ ऑडियो क्लिप्स सोशल मीडिया और स्थानीय स्तर पर सामने आए. ये ऑडियो उसने खुद अपनी मौत से पहले रिकॉर्ड किए थे. इनमें उसने बताया कि वह थिरुपरंकुंद्रम पहाड़ी पर दीपम जलाने की अनुमति न मिलने से बेहद आहत था और मंदिर की गरिमा को ठेस न पहुंचे, इसलिए उसने खुद को वहां आग न लगाकर शहर में यह कदम उठाया.

फोटो: PTI

क्यों था इतना आक्रोश?

थिरुपरंकुंद्रम पहाड़ी भगवान मुरुगन के छह पवित्र स्थलों (अरुपदई वीडु) में से एक मानी जाती है. यहां हर साल कार्तिगई दीपम जलाने की परंपरा को लेकर लंबे समय से विवाद चला आ रहा है. मद्रास हाईकोर्ट की मदुरै बेंच ने 1 दिसंबर 2025 को दीपस्तंभ (दीपथून) पर दीपम जलाने का निर्देश दिया था, लेकिन राज्य सरकार ने कानून-व्यवस्था और परंपरा का हवाला देते हुए इसकी अनुमति नहीं दी.

महत्वपूर्ण प्वाइंट्स:

पूर्णा चंद्रन धार्मिक स्थलों पर नियमित रूप से जाने वाला व्यक्ति था.

उसने खुद कहा कि मंदिर को बदनाम नहीं करना चाहता. ऑडियो में कोर्ट के आदेश का जिक्र किया गया. सरकार द्वारा आदेश लागू न किए जाने से वह टूट गया. परिवार को उसके इरादों की कोई जानकारी नहीं थी.

घटना से जुड़े फैक्ट

घटना स्थल: तल्लाकुलम पुलिस स्टेशन, मदुरै. समय: लगभग 3.30 बजे शाम. मृतक की उम्र: 40 साल. परिवार: पत्नी और दो छोटे बच्चे. पेशा: मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव और मिनी ऑटो मालिक.

राजनीतिक प्रतिक्रिया और विवाद

घटना के बाद BJP नेताओं ने DMK सरकार पर तीखा हमला बोला. तमिलनाडु BJP अध्यक्ष नैनार नागेंद्रन और के. अन्नामलाई ने इसे सरकार की ‘हिंदू विरोधी नीति’ का नतीजा बताया. हालांकि उन्होंने श्रद्धालुओं से शांति बनाए रखने और न्यायपालिका पर भरोसा रखने की अपील भी की.

परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़

पूर्णा चंद्रन के भाई रामदुरई ने बताया कि वह सुबह काम के लिए घर से निकला था और शाम को फोन आया कि उसने खुद को आग लगा ली. परिवार का कहना है कि उसने कभी इस तरह का संकेत नहीं दिया था. पीछे पत्नी और दो छोटे बच्चे रह गए हैं.

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Sumit Kumar

सुमित कुमार News18 हिंदी में सीनियर सब एडिटर के तौर पर काम कर रहे हैं. वे पिछले 3 साल से यहां सेंट्रल डेस्क टीम से जुड़े हुए हैं. उनके पास जर्नलिज्म में मास्टर डिग्री है. News18 हिंदी में काम करने से पहले, उन्ह...और पढ़ें

First Published :

December 19, 2025, 16:28 IST

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