Mongolian PM resigned: एक तरफ मंगोलिया के राष्ट्रपति खुरेलसुख उखना भारत के राजनीतिक दौरे पर हैं. वहीं, दूसरी तरफ मंगोलिया के प्रधानमंत्री गोम्बोजाव जदनशतार को सत्ता में बैठने के मात्र चार महीने बाद ही इस्तीफा देना पड़ा है. जहां, संसद में उनके खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव में उनको हार का सामना करना पड़ा है. 127 सीटों वाली मंगोलिया की संसद में शुक्रवार को अविश्वास प्रस्ताव पारित किया गया. इस दौरान 111 सदस्यों में से 71 ने जदनशतार के इस्तीफे का समर्थन किया तो 40 ने इसका विरोध किया.
32वें प्रधानमंत्री जदनशतर
मंगोलिया में भ्रष्टाचार और कमजोर ही रही घरेलू अर्थव्यवस्था के कारण कुछ ही महीनों के अंदर ये दूसरे प्रधानमंत्री का इस्तीफा है. जिसके कारण संसाधन समृद्ध होने के बावजूद इस देश में अब बिजनेसमैन निवेश करने से कतरा रहे हैं. जून महीने में 55 वर्षीय जदनशतर को मंगोलिया का 32वां प्रधानमंत्री चुना गया था. जदनशतर को ये पद उनके पहले पीएम रहे ओयुन एर्डीन के इस्तीफे के बाद मिला. दरअसलस, ओयुन- एर्डीन को बेटे की तरफ से किए गए फिजूलखर्चों की वजह से विरोध की सामना करना पड़ा था.
संसद अध्यक्ष ने भी दिया इस्तीफा
जंदनशतर मंगोलिया के 32वें प्रधानमंत्री बनने से पहले बैंकर थे और मंगोलिया सरकार में जंदनशतार इससे पहले विदेश मंत्री और कैबिनेट सचिवालय के प्रमुख के अलावा ग्रेट राज्य खुराल संसद के अध्यक्ष भी रह चुके हैं. जंदनशतर का प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा इसलिए भी अहम हो जाता है क्योंकि, मंगोलियन पीपुल्स पार्टी के अमरबायसग्लान दाशजेग्वे ने कल ही संसद अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया था. उनपर उनकी ही पार्टी के सदस्यों ने नैतिकता जांच की मांग की थी.