Last Updated:July 18, 2025, 17:37 IST
India-America Tariff War : भारत और अमेरिका के बीच टैरिफ वॉर गहराता जा रहा है. अमेरिका ने पहले तो भारतीय एल्युमीनियम और ऑटो पर टैरिफ लगाया और जब भारत ने जवाबी कार्रवाई करने की बात कही तो डब्ल्यूटीओ के जरिये उ...और पढ़ें

भारत और अमेरिका के बीच टैरिफ वॉर गहराता जा रहा है.
हाइलाइट्स
अमेरिका ने भारतीय ऑटो और एल्यूमीनियम पर टैरिफ लगाया.भारत ने जवाबी कार्रवाई की बात कही, WTO ने विरोध किया.अमेरिका ने भारत के दावे को सुरक्षा उपाय मानने से इनकार किया.नई दिल्ली. अमेरिका के टैरिफ वॉर से तो अब सभी वाकिफ हो चुके हैं कि किस तरह से ट्रंप प्रशासन दुनियाभर के देशों पर मनमाने ढंग से टैरिफ लगा रहा है. उसने भारत पर भी टैरिफ लगाया और मोटर वाहन और उससे जुड़े उपकरणों पर तो कुछ ज्यादा ही सख्ती दिखाई है. जब भारत ने इस पर पलटवार करने की कोशिश की तो डब्ल्यूटीओ के नियमों का हवाला देकर उसकी जवाबी कार्रवाई को निराधार बता दिया. अमेरिका हमें नसीहत देते हुए कह रहा है कि भारत के पास टैरिफ पर जवाब देने का कोई आधार नहीं है.
अमेरिका ने कहा है कि भारत के पास मोटर वाहन और उसके घटकों पर लगाए गए अमेरिकी शुल्क के विरुद्ध जवाबी शुल्क लगाने का कोई आधार नहीं है. अमेरिका ने भारत के उस दावे को भी खारिज कर दिया कि ये शुल्क विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के नियमों के अधीन एक तरह के सुरक्षा उपाय हैं. भारत ने इन शुल्क को विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के नियमों के अधीन ‘सुरक्षा उपाय’ बताया है, जबकि अमेरिका लगातार इस बात पर जोर दे रहा है कि यह राष्ट्रीय हित में उठाया कदम है. अमेरिका ने कहा है कि इस आधार पर भारत के पास इन शुल्क के विरुद्ध जवाबी शुल्क लगाने का कोई आधार नहीं है.
भारत का दावा- हमें भी शुल्क लगाने का अधिकार
भारत का कहना है कि वह मोटर वाहन व उसके घटकों पर अमेरिकी शुल्क (25 फीसदी) के विरुद्ध जवाबी शुल्क लगाने का अधिकार सुरक्षित रखता है और ये शुल्क सुरक्षा उपाय हैं, जो उसके घरेलू उद्योग को नुकसान पहुंचा रहे हैं. इसके जवाब में अमेरिका ने विश्व व्यापार संगठन को सूचित किया कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इन वस्तुओं के आयात को समायोजित करने के लिए ये शुल्क लगाए हैं, क्योंकि इनसे अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा है.
डब्ल्यूटीओ ने भी किया भारत का विरोध
विश्व व्यापार संगठन ने भी भारत के दावे का विरोध किया है. डब्ल्यूटीओ की ओर से 17 जुलाई को जारी संदेश में कहा गया है कि अमेरिका की ओर से की गई यह कार्रवाई सुरक्षा उपाय नहीं है. लिहाजा इन उपायों के संबंध में सुरक्षा समझौते के तहत रियायतों या अन्य दायित्वों को निलंबित करने के भारत के प्रस्ताव का कोई आधार नहीं है. डब्ल्यूटीओ के इस संदेश को अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल के अनुरोध पर जारी किया गया था.
उल्टे भारत पर ही लगाया आरोप
अमेरिका ने यह भी कहा है कि भारत ने विश्व व्यापार संगठन के सुरक्षा उपायों पर समझौते के तहत दायित्वों का पालन नहीं किया है. अमेरिका समझौते के तहत धारा 232 पर चर्चा नहीं करेगा, क्योंकि हम शुल्क को सुरक्षा उपाय के रूप में नहीं देखते हैं. ऑटो के अलावा डब्ल्यूटीओ ने भारत के इस्पात व एल्युमीनियम पर अमेरिकी शुल्क को विश्व व्यापार संगठन के नियमों के तहत सुरक्षा उपाय बताने के दावे को भी खाारिज कर दिया है. इस महीने की शुरुआत में भारत ने सुरक्षा उपायों के नाम पर देश के मोटर वाहन घटकों के आयात पर अमेरिकी शुल्क के विरोध में अमेरिका के खिलाफ जवाबी शुल्क लगाने का प्रस्ताव भी रखा था.
प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...और पढ़ें
प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...
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