भारत में नहीं मिलेगा न्याय...SC के पूर्व जज ने की नीरव मोदी की पैरवी, मचा बवाल

4 hours ago

Last Updated:October 25, 2025, 06:32 IST

भारत में नहीं मिलेगा न्याय...SC के पूर्व जज ने की नीरव मोदी की पैरवी, मचा बवालनीरव मोदी इंग्लैंड की जेल में कैद है.

Nirav Modi News: चर्चित पीएनबी घोटाले के मुख्य आरोपी और भगोड़ा हीरा व्यापारी नीरव मोदी को भारत लाने की कोशिश में एक नया मोड़ आ गया है. सुप्रीम कोर्ट पूर्व जज जस्टिस (रिटायर्ड) दीपक वर्मा ने नीरव मोदी की ओर से विशेषज्ञ राय दी है, जिसके आधार पर लंदन की एक अदालत में प्रत्यर्पण कार्यवाही को फिर से खोलने की याचिका दायर की गई है. हिंदुस्तान टाइम्स ने सूत्रों के हवाले से इसको लेकर एक रिपोर्ट पब्लिश की है. रिपोर्ट के मुताबिक जस्टिस वर्मा ने लंदन की अदालत में नीरव मोदी के दावे का समर्थन किया है कि भारत प्रत्यर्पित होने पर उसे कई एजेंसियों की ओर से पूछताछ का सामना करना पड़ेगा. साथ ही भारत की न्यायिक प्रक्रिया में उसकी निष्पक्ष सुनवाई नहीं होगी.

लंदन के वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट ने अगस्त 2025 में नीरव मोदी की एक याचिका स्वीकार कर ली थी. उस याचिका पर 23 नवंबर सुनवाई होनी है. यह याचिका नीरव मोदी के प्रत्यर्पण आदेश की वैलिडिटी को चुनौती देती है. नीरव मोदी 19 मार्च 2019 से लंदन के वांड्सवर्थ जेल में है. लंदन की पुलिस स्कॉटलैंड यार्ड ने भारत के प्रत्यर्पण अनुरोध पर उसे गिरफ्तार किया था. जस्टिस वर्मा ने अपनी राय में भारत की जेलों और न्यायिक व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं. एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि यह विशेषज्ञ सलाह नीरव मोदी के केस को मजबूत करने के लिए भारत की जेलों और न्याय व्यवस्था पर सवाल खड़े कर रहा है.

हिंदुस्तान टाइम्स ने इस बारे में जस्टिस वर्मा से संपर्क कर उनकी राय जानने की कोशिश की लेकिन उन्होंने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि वह चल रही कार्यवाहियों पर टिप्पणी नहीं करते. यह पहली बार नहीं है जब नीरव मोदी ने पूर्व सुप्रीम कोर्ट जजों की मदद ली हो. पहले प्रत्यर्पण सुनवाई के दौरान उन्होंने जस्टिस (रिटायर्ड) मार्कंडेय काटजू की विशेषज्ञ राय पेश की थी, जिसे वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट के जज सैम गुज ने ‘निष्पक्ष नहीं’ करार दिया. गुज ने फरवरी 2021 के फैसले में कहा था कि काटजू की राय पूर्व सहकर्मी जजों के प्रति नाराजगी से प्रभावित लगती है और इसमें व्यक्तिगत एजेंडा झलकता है.

प्रत्यर्पण कराने की कोशिश कर रहा भारत

भारत सरकार ने इस याचिका को खारिज कराने की कोशिश की है. एक पत्र में ब्रिटेन को आश्वासन दिया गया है कि प्रत्यर्पण पर नीरव मोदी को केवल मुकदमे का सामना करना पड़ेगा और कोई अन्य एजेंसी पूछताछ या हिरासत में नहीं लेगी. दूसरी ओर, एक अधिकारी ने कहा कि इस मुकदमे की सुनवाई के दौरान हम इस विशेषज्ञ गवाही का कड़ा विरोध करेंगे. यह नीरव मोदी की अंतिम कोशिश है, क्योंकि उनके पास कोई कानूनी रास्ता बाकी नहीं बचा है.

नीरव मोदी पर पीएनबी के साथ 6,498 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने का आरोप है. यह घोटाला 13,578 करोड़ रुपये का था. इसमें उसके रिश्तेदार मेहुल चोक्सी से जुड़े 7,000 करोड़ रुपये शामिल हैं. 2018 के फ्यूजिटिव इकोनॉमिक ऑफेंडर्स (एफईओ) एक्ट के तहत उसे भगोड़ा घोषित किया गया. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 2,598 करोड़ की संपत्ति जब्त की, जिसमें से 981 करोड़ बैंक को लौटाए गए. ब्रिटेन में 130 करोड़ की संपत्ति जब्त करने की कार्रवाई चल रही है.

संतोष कुमार

न्यूज18 हिंदी में बतौर एसोसिएट एडिटर कार्यरत. मीडिया में करीब दो दशक का अनुभव. दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, आईएएनएस, बीबीसी, अमर उजाला, जी समूह सहित कई अन्य संस्थानों में कार्य करने का मौका मिला. माखनलाल यूनिवर्स...और पढ़ें

न्यूज18 हिंदी में बतौर एसोसिएट एडिटर कार्यरत. मीडिया में करीब दो दशक का अनुभव. दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, आईएएनएस, बीबीसी, अमर उजाला, जी समूह सहित कई अन्य संस्थानों में कार्य करने का मौका मिला. माखनलाल यूनिवर्स...

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First Published :

October 25, 2025, 06:32 IST

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