मई में बार‍िश का रिकॉर्ड टूटा, क्‍या 125 साल पहले वाला वक्‍त लौट रहा?

7 hours ago

Last Updated:June 08, 2025, 18:16 IST

Mausam News: मई 2025 में 124 साल का रिकॉर्ड टूटा, देश में औसत 126.7 मिमी बारिश हुई. समय से पहले मानसून और जलवायु बदलाव ने गर्मी के मौसम को एक मानसूनी चेतावनी में बदल दिया.

मई में बार‍िश का रिकॉर्ड टूटा, क्‍या 125 साल पहले वाला वक्‍त लौट रहा?

मई 2025 की बारिश ने एक इतिहास रच दिया. (फोटो PTI)

हाइलाइट्स

मई 2025 में 124 साल का बारिश रिकॉर्ड टूटा.समय से पहले मानसून ने भारी बारिश की.जलवायु परिवर्तन से मौसम में बड़ा बदलाव.

नई दिल्ली: तपती गर्मी, दिन में लू और पसीने से लथपथ रातें ये मई महीने की सामान्य पहचान होती थी. लेकिन इस बार नजारा बिल्कुल अलग रहा. भारत में मई 2025 बीते 124 सालों में सबसे ज्यादा बारिश वाला महीना बन गया. मौसम विभाग (IMD) की रिपोर्ट के मुताबिक इस बार मई में 126.7 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई.ये 1901 के बाद से अब तक की सबसे अधिक है. यानी ये एक ऐतिहासिक मौसमीय मोड़ है. ऐसा जो पिछली सदी की शुरुआत के बाद अब देखने को मिला.

यह सिर्फ बारिश नहीं थी बल्कि मौसम के मिजाज में बड़ा बदलाव था. कई इलाकों में बाढ़ जैसे हालात बने, फसलों को नुकसान हुआ और लोग मई में छतरी लेकर चलने लगे जो आमतौर पर जुलाई में या उसके बाद होता है. सवाल यही उठ रहा है: क्या जलवायु अब वो पुराना चक्र दोहरा रही है जिसकी कहानियां हमारे दादा-दादी सुनाते थे?

समय से पहले पहुंचा मानसून, मौसम की चाल उलटी
IMD के अनुसार इस असामान्य बारिश की एक बड़ी वजह रहा दक्षिण-पश्चिम मानसून का समय से पहले आना. आमतौर पर जून के पहले हफ्ते में केरल तट पर दस्तक देने वाला मानसून इस बार मई के तीसरे सप्ताह में ही दक्षिण भारत, ओडिशा, बंगाल और पूर्वोत्तर में सक्रिय हो गया. इससे दक्षिण और पूर्वी भारत में भारी बारिश देखने को मिली.

दक्षिण और पूर्वी भारत में भारी बारिश देखने को मिली. (फोटो PTI)

तमिलनाडु, केरल, आंध्र प्रदेश, ओडिशा और पश्चिम बंगाल में लगातार तेज बारिश हुई. इससे तापमान सामान्य से 5–7 डिग्री नीचे चला गया. कई शहरों में बिजली गिरी, निचले इलाके जलमग्न हुए और ट्रेनों की रफ्तार भी धीमी पड़ी.

क्या बदल रहा है हमारा मौसम?
जलवायु वैज्ञानिक मानते हैं कि भारत में मौसम अब पहले जैसा नहीं रहा. यह बदलाव ग्लोबल वॉर्मिंग और वातावरण में हो रहे व्यापक बदलावों का संकेत है. मई जैसी भीषण गर्मी वाला महीना अब धीरे-धीरे मानसून जैसी नमी से भरता जा रहा है. यह न सिर्फ हमारी लाइफस्टाइल बल्कि कृषि, इंफ्रास्ट्रक्चर और स्वास्थ्य पर भी असर डाल रहा है.

मई जैसी भीषण गर्मी वाला महीना अब धीरे-धीरे मानसून जैसी नमी से भरता जा रहा है. (फोटो PTI)

रिकॉर्ड टूटे, लेकिन चेतावनी भी साफ है
मई 2025 की बारिश ने एक इतिहास रच दिया लेकिन साथ ही यह भी याद दिलाया कि अब मौसम सिर्फ कैलेंडर के हिसाब से नहीं चलता. बाढ़ और भारी बारिश सिर्फ ‘कूल’ तस्वीरों का हिस्सा नहीं हैं बल्कि यह हमारे शहरों की तैयारियों, प्रशासन की सतर्कता और आम नागरिकों की जागरूकता की भी कड़ी परीक्षा है.

मई 2025 बीते 124 सालों में सबसे ज्यादा बारिश वाला महीना बन गया. (फोटो PTI)

शहरों में नालों की सफाई से लेकर गांवों में जलभराव से निपटने तक हर स्तर पर हमें फिर से सोचना होगा कि क्या हम बदलते मौसम के लिए तैयार हैं? यह सिर्फ मौसम की खबर नहीं बल्कि एक गंभीर चेतावनी है कि अगर जलवायु परिवर्तन को लेकर कदम अब भी नहीं उठाए गए तो ये ‘रिकॉर्ड’ हर साल टूटेंगे और हर बार नुकसान और ज्यादा होगा.

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Sumit Kumar

Sumit Kumar is working as Senior Sub Editor in News18 Hindi. He has been associated with the Central Desk team here for the last 3 years. He has a Master's degree in Journalism. Before working in News18 Hindi, ...और पढ़ें

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