Last Updated:July 14, 2025, 17:08 IST
Gold vs Silver : सोने और चांदी में निवेश करने वालों के सामने अभी कंफ्यूजन का समय चल रहा है. सोने को पहली पसंद मानने वाले अब चांदी की चमक से प्रेरित हो रहे हैं. चांदी का रिटर्न अभी तेजी से बढ़ रहा है.

सोने के मुकाबले चांदी ने 2025 में ज्यादा रिटर्न दिया है.
हाइलाइट्स
सोने की कीमतें रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचीं.चांदी का रिटर्न सोने से अधिक बढ़ा.चांदी की मांग निवेश और उद्योग में बढ़ी.नई दिल्ली. ग्लोबल मार्केट में होने वाली किसी भी हलचल का सीधा असर सोने की कीमतों पर पड़ता है. यही वजह है कि सोना अभी रिकॉर्ड लेवल पर चला गया और निवेशकों की पहली पसंद भी बना रहा. लेकिन, चांदी ने भी इस बार जमकर दांव खेला और सोने से ज्यादा रिटर्न देकर निवेशकों की फेवरेट बन गई है. अगर आपको भी सोना महंगा लग रहा है तो चांदी पर दांव लगाना फायदे का सौदा बन सकता है. भारत अपनी ज्यादातर जरूरतें चांदी के आयात से पूरी करता, लिहाजा यहां कीमतों पर ग्लोबल मार्केट का ज्यादा असर पड़ता है.
हालिया आंकड़े बताते हैं कि भारतीय निवेशक जो पारंपरिक रूप से सोने को जमा करने में रुचि रखते हैं, अब तेजी से चांदी की ओर रुख कर रहे हैं. सोमवार को चांदी 14 साल के उच्चतम स्तर पर कारोबार कर रही थी, क्योंकि इस साल चांदी के रिटर्न ने सोने को पीछे छोड़ दिया है. भारत जैसे दुनिया के सबसे बड़े चांदी उपभोक्ता वाले देश में अधिकांश जरूरत आयात से पूरी होती है, जहां घरेलू कीमतें 1,14,875 रुपये प्रति किलोग्राम के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गईं, जिससे उत्पादन की कमी ने निवेशकों की उम्मीदें बढ़ा दीं.
क्या है निवेशकों की उम्मीदें
पिछले कई साल से लगातार सोना खरीदने वाले एक निवेशक ने बताया कि अभी तक नियमित रूप से सोने के सिक्के खरीदते थे, अब पहली बार एक किलोग्राम चांदी की ईंट खरीदी है. उम्मीद है कि चांदी भी आगे सोने की राह पर चले. चांदी का आयात करने वाले अमरपाली ग्रुप के सीईओ चिराग ठक्कर का कहना है कि चांदी की मांग निवेश और उद्योग की जरूरतों के कारण लगातार बढ़ती जा रही है. उद्योगों में इसका सबसे ज्यादा इस्तेमाल सौर ऊर्जा और इलेक्ट्रिक वाहनों में किया जाता है.
3 महीने में चमकी चांदी
पिछले तीन महीने में ही घरेलू चांदी की कीमतें 21% बढ़ी हैं, जबकि सोने में केवल 5% की वृद्धि हुई है. पिछले साल इसी दौरान सोने की कीमतें 34% बढ़ीं, जबकि चांदी में 23% की वृद्धि हुई थी. निवेशकों का कहना है कि आमतौर पर कीमतें बढ़ने पर बिकवाली शुरू कर देते हैं, लेकिन इस बार रिकॉर्ड कीमत पर भी लोग निवेश कर रहे हैं.
सिल्वर ईटीएफ में भी जमकर निवेश
भारतीय म्यूचुअल फंड एसोसिएशन के आंकड़ों के अनुसार, जून में चांदी ईटीएफ ने 20.04 अरब रुपये का रिकॉर्ड प्रवाह आकर्षित किया, जो मई में 8.53 अरब रुपये था. जून तिमाही में चांदी ईटीएफ ने 39.25 अरब रुपये का प्रवाह आकर्षित किया, जो गोल्ड ईटीएफ में 23.67 अरब रुपये के प्रवाह से कहीं अधिक था. ऐसे ईटीएफ निवेशकों को चांदी में निवेश करने का एक सुविधाजनक तरीका प्रदान करते हैं.
शेयर बाजार में अस्थिरता ने बढ़ाई डिमांड
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ के बाद इक्विटी बाजारों में अस्थिरता ने भी निवेशकों को पोर्टफोलियो बदलने के लिए प्रेरित किया है. ग्रामीण इलाकों में जहां लोग पारंपरिक तौर पर सोने को पहले पसंद करते हैं, वहां भी अब चांदी की डिमांड बढ़ती जा रही है. सिल्वर इंस्टीट्यूट का कहना है कि इसी महीने खुदरा निवेश की डिमांड 7 फीसदी बढ़ी, जो कीमतों में आए उछाल की वजह से ही हुई है. मई में चांदी का आयात सालाना 431% बढ़कर 544.1 टन हो गया, जबकि सोने का आयात 25% घटकर 30.5 रह गया है.
प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...और पढ़ें
प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...
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