'मां की गाली' पर बिहार बंद...BJP का एक दिन राहुल-तेजस्वी के 16 दिन पर भारी?

1 month ago

Last Updated:September 04, 2025, 16:56 IST

bjp ka Bihar band kitna safal raha: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी के विरोध में बीजेपी ने शुक्रवार को एक दिन का बिहार बंद रखा. बीजेपी के कई केंद्रीय और राज्य मंत्री सड़कों पर उतरे. ...और पढ़ें

'मां की गाली' पर बिहार बंद...BJP का एक दिन राहुल-तेजस्वी के 16 दिन पर भारी?कितना सफल रहा बीजेपी का एक दिन बिहार बंद?

bjp ka Bihar band kitna safal raha: बिहार चुनाव से ठीक पहले बीजेपी ने गुरुवार को पीएम मोदी के ‘मां की गाली’ को मुद्दा बनाकर एक दिन का बिहार बंद रखा. बिहार बंद को सफल बनाने के लिए बीजेपी के सभी बड़े नेता, केंद्रीय मंत्रियों से लेकर बिहार सरकार के कई मंत्री और विधायक तक सड़कों पर उतरे और विरोध प्रदर्शनों का नेतृत्व किया. यह बंद न केवल राज्य में जनजीवन को प्रभावित करने में सफल रहा, बल्कि इसने बीजेपी को आगामी बिहार चुनाव के लिए एक नया और भावनात्मक नैरेटिव सेट करने का मौका भी दिया है. ऐसे में बड़ा सवाल यह कि क्या बीजेपी राज्य की जनता और विपक्षी पार्टियों को जो मैसेज देना चाहती थी,वह उन तक पहुंच गई? क्या बीजेपी का एक दिन कांग्रेस नेता राहुल गांधी और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव के 16 दिन के ‘वोटर अधिकार यात्रा’ पर भारी पड़ा?

बिहार की राजनीति में गुरुवार यानी 4 सितंबर एक नया अध्याय जुड़ गया है, जब सत्ता पक्ष ने एक दिन का बिहार बंद बुलाया हो. वह भी पीएम मोदी के मां के बहाने पूरे देश की माताओं के सम्मान में. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां के खिलाफ की गई आपत्तिजनक टिप्पणी के विरोध में भारतीय जनता पार्टी का आह्वान कितना कारगर रहा है, यह तो बिहार चुनाव के नतीजे बताएंगे. लेकिन गुरुवार को स्कूल-कॉलेज और सरकारी दफ्तरों में कामकाज न के बराबर ही हुआ. इस बंद का व्यापक असर देखने को मिला.

#WATCH पटना (बिहार): कांग्रेस के एक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी को लेकर NDA ने ‘बिहार बंद’ का आह्वान किया है। pic.twitter.com/pcmnEECC0R

बिहार बंद कितना सफल?

यह बंद इसलिए भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि यह राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की ‘वोटर अधिकार यात्रा’ के समापन के ठीक बाद हुआ है. राहुल और तेजस्वी की यात्रा को बिहार में 16 दिनों तक भारी समर्थन मिला था, जिसने महागठबंधन के हौसले बुलंद किए थे. लेकिन बीजेपी के इस एक दिन के बंद ने उस यात्रा से पैदा हुई लहर को थामने की कोशिश की है. राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह एक सोची-समझी रणनीति का हिस्सा है, जिसके जरिए बीजेपी ने विपक्षी दलों पर पलटवार किया है.

बीजेपी-आरजेडी-कांग्रेस आमने-समाने

बीजेपी के नेताओं ने अपने विरोध प्रदर्शनों के दौरान ‘मां का अपमान नहीं सहेंगे’ जैसे नारे लगाए और राहुल गांधी व तेजस्वी यादव पर आरोप लगाया कि उनके दल के नेताओं ने इस तरह की भाषा का इस्तेमाल किया है. केंद्रीय मंत्री और बिहार के नेता गिरिराज सिंह ने कहा, ‘जो लोग अपनी मां का सम्मान नहीं करते, वे देश की जनता के बेटे-बहनों का सम्मान कैसे करेंगे? यह एक राजनीतिक नहीं, बल्कि सांस्कृतिक लड़ाई है.’ केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय सीतामढ़ी में बंद का नेतृत्व किया तो वहीं बिहार के दोनों डिप्टी सीएम भी इस बंद में शामिल हुए और उन्होंने कांग्रेस और आरजेडी पर जोरदार हमला बोला.

#WATCH बिहार | बिहार में महागठबंधन के एक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी की दिवंगत मां के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी को लेकर NDA द्वारा पांच घंटे के बिहार बंद के दौरान गयाजी में भाजपा कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया। pic.twitter.com/o55Q5NAg7I

बीजेपी का अगला कदम क्या होगा?

राजनीतिक पंडितों की मानें तो बीजेपी अब बिहार चुनाव में एक नया नैरेटिव सेट करने की कोशिश करेगी. यह नैरेटिव भावनात्मक होगा और सीधे जनता के दिलों को छूने की कोशिश करेगा. पार्टी ‘मां का सम्मान’ और ‘संस्कार’ जैसे मुद्दों को उठाकर खुद को एक जिम्मेदार और सांस्कृतिक दल के रूप में पेश करेगी, जबकि विपक्ष को असभ्य और अमर्यादित बताएगी. बीजेपी यह भी साबित करने की कोशिश करेगी कि राहुल और तेजस्वी की यात्रा केवल एक राजनीतिक नाटक था, जबकि बीजेपी का विरोध जनता के सम्मान के लिए था.

वहीं दूसरी तरफ, आरजेडी और कांग्रेस ने बीजेपी के इस बंद को नाटक करार दिया है. तेजस्वी यादव ने कहा, ‘बीजेपी के पास कोई मुद्दा नहीं है, इसलिए वे भावनात्मक मुद्दों को भुना रहे हैं. हम रोजगार, विकास और किसान की बात करते हैं और वे गाली-गलौज की बात कर रहे हैं’ हालांकि, यह तो आने वाला समय ही बताएगा कि बिहार की जनता इस भावनात्मक कार्ड पर कितना भरोसा करती है और क्या बीजेपी का यह एक दिन का बंद राहुल-तेजस्वी की 16 दिन की यात्रा पर भारी पड़ेगा या नहीं?

रविशंकर सिंहचीफ रिपोर्टर

भारतीय विद्या भवन से पत्रकारिता की पढ़ाई करने वाले रविशंकर सिंह सहारा समय न्यूज चैनल, तहलका, पी-7 और लाइव इंडिया न्यूज चैनल के अलावा फर्स्टपोस्ट हिंदी डिजिटल साइट में भी काम कर चुके हैं. राजनीतिक खबरों के अलावा...और पढ़ें

भारतीय विद्या भवन से पत्रकारिता की पढ़ाई करने वाले रविशंकर सिंह सहारा समय न्यूज चैनल, तहलका, पी-7 और लाइव इंडिया न्यूज चैनल के अलावा फर्स्टपोस्ट हिंदी डिजिटल साइट में भी काम कर चुके हैं. राजनीतिक खबरों के अलावा...

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First Published :

September 04, 2025, 16:56 IST

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