Last Updated:August 08, 2025, 17:06 IST
What is Tariff Option for India : ट्रंप ने भारत पर भले ही 50 फीसदी का टैरिफ लगा दिया है, लेकिन सरकार अपनी कोशिशों से जल्द इससे भी 10 गुना बड़ा बाजार हासिल कर सकती है. टैरिफ से जो भी नुकसान होगा, उसके मुकाबले क...और पढ़ें

नई दिल्ली. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ से होने वाले नुकसान का तोड़ भारत जल्द ही निकाल सकता है. यही वजह है कि भारत सरकार अमेरिकी धमकी के आगे झुकना नहीं चाहती है, क्योंकि उसकी नजर टैरिफ से होने वाले नुकसान से भी 10 गुना बड़े बाजार पर है. टैरिफ से भारतीय निर्यात पर 87 अरब डॉलर के नुकसान का अनुमान लगाया जा रहा है, जबकि भारत के पास इससे 10 गुना ज्यादा बड़े यानी करीब 875 अरब डॉलर के बाजार में बिना किसी टैरिफ के कारोबार करने का मौका मिल सकता है.
यह बाजार है यूरोपीय यूनियन का, जिससे मुक्त व्यापार समझौते को लेकर भारत की बातचीत चल रही है. अगर यह ट्रेड डील सफल रही तो भारत के लिए एक झटके में 27 देशों के बाजार खुल जाएंगे. बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप (बीसीजी) के भारतीय प्रमुख राहुल जैन ने कहा है कि यूरोपीय संघ के साथ भारत के प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) से 875 अरब डॉलर के बाजार तक पहुंच का रास्ता साफ हो जाएगा. बीसीजी का कहना है कि इसके साथ ही आसियान देशों के साथ शुल्क समानता आ सकती है और भारत को अमेरिकी टैरिफ से होने वाले नुकसान की भरपाई भी हो सकती है.
ब्रिटेन से हो चुका है एफटीए समझौता
भारत और ब्रिटेन ने एक ऐतिहासिक मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर पिछले महीने हस्ताक्षर किए, जिससे ब्रिटिश व्हिस्की, कारों व कई वस्तुओं पर शुल्क में कमी आएगी. साथ ही द्विपक्षीय व्यापार में सालाना लगभग 34 अरब डॉलर की वृद्धि होगी. इस मुक्त व्यापार समझौते से 99 फीसदी भारतीय निर्यात को शुल्क से लाभ होने की उम्मीद है. जैन ने कहा कि ग्लोबल ट्रेड एक स्ट्रक्चरल बदलाव के दौर से गुजर रहा है. अब सिर्फ कारोबार नहीं, बल्कि भू-राजनीति, आर्थिक राष्ट्रवाद जैसे मुद्दे भी शामिल हो रहे हैं. इसमें टैरिफ एक नया खेल बनकर उभरा है. जैन ने कहा कि भारत अपनी रणनीतिक स्थिति, विशाल घरेलू उपभोग आधार, अनुकूल जनसांख्यिकी व कार्यबल तथा विनिर्माण एवं प्रौद्योगिकी-संचालित विकास की दिशा में नीतिगत प्रोत्साहन का लाभ उठाने की बेहद खास स्थिति में है.
टैरिफ से निपटने में सक्षम है भारत
राजीव जैन ने कहा कि भारत के बड़े बाजार का लाभ अमेरिका के 50 फीसदी टैरिफ लगाए जाने के बाद और महत्वपूर्ण हो गई है. ब्रिटेन और संभवतः यूरोपीय संघ तक तरजीही पहुंच नए बढ़ते बाजार प्रदान कर सकती है, विशेष रूप से श्रम-प्रधान क्षेत्रों के लिए जो बढ़ते अमेरिकी संरक्षणवाद के विरुद्ध एक मूल्यवान सुरक्षा कवच प्रदान करेगा. इसके अलावा चीन+1 रणनीति को अपनाने में तेजी से वृद्धि भारत को सेमीकंडक्टर, इलेक्ट्रॉनिक और दुर्लभ खनिजों जैसे उभरते क्षेत्रों में चीन और दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के संगठन (आसियान) के साथ प्रभावी ढंग से प्रतिस्पर्धा करने का एक प्रमुख अवसर प्रदान करती है.
सरकारी नीतियां भी होंगी मददगार
भारत को टैरिफ के नुकसान से उबारने में सरकारी नीतियां भी मददगार हो सकती हैं. उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजनाओं ने साल 2020 से 20.3 अरब डॉलर से अधिक का निवेश आकर्षित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. इसके परिणामस्वरूप घरेलू उत्पादन में 191 अरब डॉलर का इजाफा हुआ और लगभग 10 लाख नौकरियों का सृजन हुआ है. जैन ने कहा कि सफलता की कहानियों में दवा, इलेक्ट्रॉनिक, एसी व फ्रिज जैसी घरेलू उपभोग की इलेक्ट्रॉनिक वस्तुएं और सौर पीवी विनिर्माण शामिल हैं. भारत अब वित्तवर्ष 2024-25 में वैश्विक आईफोन का करीब 20 प्रतिशत उत्पादन कर रहा है, जिसका लक्ष्य 2026-27 तक 32 प्रतिशत पहुंचाना है.
प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...और पढ़ें
प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...
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Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
August 08, 2025, 17:06 IST