नई दिल्ली. पाकिस्तान आतंकवादियों के लिए सुरक्षित पनाहगाह है. UN और अमेरिका समेत अन्य देश जब किसी आतंकवादी या आतंकी संगठन को ब्लैक लिस्टेड करता है तो वह तत्काल दूसरा नाम रखकर फिर से एक्टिव हो जाता है. इसके बावजूद पाकिस्तान शर्मसार होने के बजाय ढिठाई दिखाता रहता है. लेकिन, जब कुदरत का डंडा चलता है तो फिर वह किसी तरह का पक्षपात नहीं करता है. आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के डिप्टी चीफ और मुंबई में बेगुनाहों का खून बहाने वाले अब्दुल रहमान मक्की के साथ कुछ ऐसा ही हुआ है. जिंदगी के आखिरी पल में उसकी ऐसी हालत हुई कि वह अपनी ताकत से बिस्तर से उठने में भी असमर्थ हो गया. आखिरकार मौत आ गई.
मुंबई की सड़कों को खून से लाल करने वाले 26/11 के गुनहगार अब्दुल रहमान मक्की की हार्ट अटैक से मौत हो गई है. लश्कर का डिप्टी चीफ होने के साथ ही वह इस आतंकवादी संगठन के फाउंडर हाफिज सईद का साला भी था. मक्की ने ही मुंबई हमले की साजिश रची थी. हमले को अंजाम देने में भी उसकी बड़ी भूमिका थी. मुंबई की सड़कों पर बेगुनाहों का खून बहाने वाले मक्की को बत्तर मौत नसीब हुई. जिंदगी के आखिरी पलों में वह अपने बिस्तर से उठने तक में असहाय हो गया था. वह दूसरों के रहमो-करम पर आश्रित हो गया. जिन हाथों से वह मासूमों का कत्ल करता था, वह कांपने लगा और जिस शैतानी दिमाग से नरसंहार की साजिश रचता था, आखिरी पलों में वह भी मंद पड़ गया. आखिरकार दुनिया का यह दुर्दांत आतंकवादी मौत के आगोश में समा गया. बताया जाता है कि उसकी मौत हार्ट अटैक से हुई.
हाफिज सईद की छाया था मक्की
अब्दुल रहमान मक्की लश्कर का दुर्दांत आतंकवादी था. लश्कर में उसकी भूमिका को इसी से समझा जा सकता है कि वह आतंकवादी संगठन के फाउंडर हाफिज सईद का साला था. मक्की साल 2008 में मुंबई में 26/11 के आतंकवादी हमलों के पीछे प्रमुख साजिशकर्ताओं में से एक था. इस हमले में 175 लोग मारे गए थे और 300 से अधिक घायल हो गए थे. UN ने साल 2023 में मक्की को ग्लोबल टेररिस्ट घोषित कर दिया था. साथ ही उसकी संपत्ति फ्रीज कर दी गई थी और उसकी विदेश यात्रा को भी प्रतिबंधित कर दिया गया था. अब्दुल रहमान मक्की को हाफिज सईद का शैडो या छाया भी माना जाता था.
खून की नदियां बहाने की दी थी धमकी
अब्दुल रहमान मक्की इस्लामाबाद में होने वाले कश्मीर सॉलिडेरिटी डे में नियमित तौर पर शामिल होता था. पाकिस्तान में हर साल फरवरी महीने में इसे आयोजित किया जाता है. मुंबई हमले के तकरीबन दो साल बाद साल 2010 में मक्की ने ऐसी ही एक सभा में शिरकत की थी. मक्की ने इसमें कश्मीर को पाकिस्तान को सौंपने अन्यथा भारत में खून की नदियां बहाने की धमकी दी थी. भारत को खुलेआम धमकी देने के बावजूद आतंकवादियों के समर्थक पाकिस्तान ने उसके खिलाफ कार्रवाई नहीं की थी. मक्की अपने क्रूर, धर्मांध और निर्दय रवैये के कारण काफी कुख्यात था. पाकिस्तानी सरकार से उसकी साठगांठ को इससे ही समझा जा सकता था कि इस्लामाबाद में किसी भी सरकार ने उसके खिलाफ कार्रवाई करने की हिमाकत नहीं की.
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FIRST PUBLISHED :
December 27, 2024, 19:18 IST